CLASS 11 Archives - https://notesjobs.in/category/class-11/ A Way Towards Success Fri, 25 Aug 2023 23:04:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://notesjobs.in/wp-content/uploads/2023/03/cropped-cropped-site-logo-32x32.jpg CLASS 11 Archives - https://notesjobs.in/category/class-11/ 32 32 arthashaastr adhyaay 1 parichay कक्षा 11 अर्थशास्त्र अध्याय 1 परिचय https://notesjobs.in/kaksha-12-arthashaastr-adhyaay-1-parichay-ncert/ Mon, 19 Jun 2023 09:27:00 +0000 https://notesjobs.in/?p=6354 एनसीईआरटी  कक्षा 11 अर्थशास्त्र अध्याय 1 परिचय kaksha 11 arthashaastr adhyaay 1 parichay kaksha 11 arthashaastr adhyaay 1 parichay प्रश्न अर्थशास्त्र में उपभोग से क्या तात्पर्य है ? उत्तर उपभोग से तात्पर्य मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रयोग करने से है । प्रश्न मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या कहलाती है? उत्तर वह ... Read more

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एनसीईआरटी  कक्षा 11 अर्थशास्त्र अध्याय 1 परिचय kaksha 11 arthashaastr adhyaay 1 parichay

kaksha 11 arthashaastr adhyaay 1 parichay

प्रश्न अर्थशास्त्र में उपभोग से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर उपभोग से तात्पर्य मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रयोग करने से है ।
प्रश्न मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या कहलाती है?
उत्तर वह अर्थव्यवस्था जिसमें निजी एवं सार्वजनिक उद्यम दोनों एक साथ कार्य करते हैं । उत्पादन के साधनों पर दोनों का नियंत्रण होता है, उसे मिश्रित अर्थव्यवस्था कहते हैं।
प्रश्न अवसर लागत से क्या आशय है?
उत्तर अवसर लागत दूसरे अवसर की हानि के रूप में पहले अवसर का लाभ हानि की लागत है , अथवा एक साधन को उसके दूसरे सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक प्रयोग में मूल्य है।





प्रश्न अर्थशास्त्र की परिभाषा लिखिए?
उत्तर अर्थशास्त्र आर्थिक समस्याओं का अध्ययन है जिसके अंतर्गत सामाजिक वास्तविक एवं सामान्य मूल्यों की आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए किए जाने वाले आर्थिक प्रयत्नों का अध्ययन किया जाता है ।
प्रश्न व्यष्टि अर्थशास्त्र के मुख्य घटक क्या है ?
उत्तर 1. उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत
2. उत्पादक व्यवहार सिद्धांत
3. कीमत सिद्धांत
प्रश्न एक अर्थव्यवस्था की मुख्य केंद्रीय समस्या क्या है?
उत्तर 1. क्या उत्पादन किया जाए
2. कैसे उत्पादन किया जाए
3. किसके लिए उत्पादन किया जाए
प्रश्न केंद्रियकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर वह अर्थव्यवस्था जिसमें सभी आर्थिक निर्णय किसी एक केंद्रीय सत्ता द्वारा लिए जाते हैं। उसे केंद्रियकृत योजनाबद्ध अथवा सामाजिक अर्थव्यवस्था कहते हैं।
प्रश्न अर्थशास्त्र की कितनी शाखाएं हैं?
उत्तर दो शाखाएं हैं :– 1. व्यष्टि अर्थशास्त्र
2. समष्टि अर्थशास्त्र
प्रश्न बाजार अर्थशास्त्र क्या है?
उत्तर यह एक स्वतंत्र अर्थव्यवस्था है जिसमें केंद्रिय समस्याओं का समाधान मांग एवं पूर्ति की बाजार शक्तियों द्वारा किया जाता है ।
प्रश्न अर्थशास्त्र में कौनसी समस्याएं आर्थिक समस्याएं कहलाती हैं?
उत्तर असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उत्पन्न चयन की समस्या और संसाधनों के आवंटन की समस्या ही आर्थिक समस्या कहलाती है ।
प्रश्न व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र की उचित परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए?
उत्तर 1. व्यष्टि अर्थशास्त्र :– अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों जैसे — एक उपभोक्ता अथवा एक उत्पादक से संबंधित आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। उदाहरण — विशेष फर्म , विशेष परिवार आदि।
2. समष्टि अर्थशास्त्र :– अर्थशास्त्र की वह शाखा जिसमें संपूर्ण अर्थव्यवस्था से संबंधित आर्थिक इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। जैसे — कुल आय , कुल व्यय, कुल बचत आदि ।




प्रश्न चयन की समस्या क्या है ?
उत्तर उत्पादन तथा उपभोग की अनेक संभावनाओं में से किसी एक का चयन करना ही चयन की समस्या कहलाती है ।
प्रश्न अर्थशास्त्र में व्यष्टि तथा समष्टि शब्द का प्रयोग किसने किया ?
उत्तर रेगनर फ्रीश।
प्रश्न आय का वह भाग जो उपभोग पर वह नहीं होता है, क्या कहलाता है?
उत्तर आय का वह भाग जो उपभोग पर वह नहीं होता है , बचत कहलाता है।
प्रश्न अहस्तक्षेप की नीति कौन सी अर्थव्यवस्था से संबंधित है ।
उत्तर पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (बाजार अर्थव्यवस्था)
प्रश्न पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादकों का उद्देश्य क्या होता है।
उत्तर पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादकों का उद्देश्य अपने लाभ को अधिकतम करना होता है।
प्रश्न व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र की समस्या क्या है ?
उत्तर व्यष्टि अर्थशास्त्र की प्रमुख समस्या कीमत निर्धारण करना है । जबकि समष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य समस्या आय और रोजगार का निर्धारण करना है।
प्रश्न निवेश व्यय किसे कहते हैं?
उत्तर उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने हेतु जो व्यय किया जाता है , उसे निवेश व्यय कहते हैं।
प्रश्न लाभ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर एक उद्यमी अपने उद्यम से जो आय प्राप्त करता है। उसमें से कुल लागत को घटाकर आने वाला शेष लाभ कहलाता है ।
प्रश्न फर्म किसे कहते हैं ?
उत्तर उत्पादन करने वाली इकाइयां फर्म कहलाती हैं । यह उत्पादन के कारकों को नियोजित करती हैं।
प्रश्न व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में किसे शामिल किया जाता है?
उत्तर व्यष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र :– इसमें एक उत्पादक, एक उपभोक्ता , एक फर्म की आर्थिक क्रियाओं , एक उद्योग की आर्थिक क्रियाओं, व्यक्तिगत आय किसी वस्तु या साधन का निर्धारण आदि का अध्ययन किया जाता है।
2. समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र :– इसके क्षेत्र में कुल आय , कुल उत्पादन, कुल निवेश , कुल रोजगार, राष्ट्रीय आय , कुल बचत, कुल उपभोग , समग्र मांग और पूर्ति, कीमत स्तर, मजदूरी स्तर , लागत , मुद्रास्फीति , बेरोजगारी, मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियाँ, विनिमय दरें आदि के अध्ययन को शामिल किया जाता है ।
प्रश्न निर्गत किसे कहते हैं ?
उत्तर जिन वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करके बाजार में बेचकर जो लाभ कमाया जाता है, उन्हें निर्गत कहते हैं।
प्रश्न व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में आर्थिक भूमिका निभाने वाले अथवा निर्णयर्कता कौन होते हैं ?
उत्तर व्यष्टि अर्थशास्त्र में क्रेता और विक्रेता आर्थिक भूमिका का निर्धारण करते हैं। क्रेता (उपभोक्ता) अपने संतुष्टि स्तर को तथा (उत्पादक) विक्रेता अपने लाभ को अधिकतम करने का प्रयास करता है।
समष्टि अर्थशास्त्र में आर्थिक नीतियों का अनुपालन राज्य स्वयं अथवा वैधानिक निकाय (भारतीय रिजर्व बैंक , भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड आदि करते हैं ।
प्रश्न संप्राप्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर उत्पादक द्वारा निर्गत को बाजार में बेचने से प्राप्त मुद्रा को संप्राप्ति / आगत कहते हैं ।
प्रश्न कुल संप्राप्ति में से पूंजी , भूमि और श्रम को किस रूप में उनका हिस्सा मिलता है ?
उत्तर कुल संप्राप्ति में से पूंजी को ब्याज , भूमि को लगान और श्रम को मजदूरी मिलती है।
प्रश्न पूर्ण रोजगार की अवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर ऐसी अवस्था जब वर्तमान मजदूरी दरों पर काम करने के इच्छुक सभी लोगों को काम मिल जाए , तो वह पूर्ण रोजगार की अवस्था कहलाती हैं।
प्रश्न देश में मुद्रा के सिद्धांतों का अध्ययन किस शाखा में किया जाता है?
उत्तर अर्थशास्त्र की शाखा समष्टि अर्थशास्त्र में मुद्रा के सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है ।
प्रश्न विदेशी व्यापार किसे कहते हैं ?




उत्तर दो देशों के द्वारा आपस में वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय-विक्रय को विदेशी व्यापार कहते हैं।
प्रश्न आश्रित चर क्या होते हैं?
उत्तर वह चर जिनमें दूसरे चरों के कारण परिवर्तन आता है , उन्हें आश्रित चर कहते हैं ।
प्रश्न जब कीमतों में लगातार वृद्धि होती है, तो उस स्थिति को क्या कहते हैं?
उत्तर ऐसी स्थिति मुद्रास्फीति की स्थिति कहलाती है ।
प्रश्न आंशिक एवं सामान्य संतुलन से क्या आशय है?
उत्तर आंशिक संतुलन से अभिप्राय किसी एक भाग में संतुलन अथवा एक बाजार में संतुलन से हैं । जबकि सामान्य संतुलन में अर्थव्यवस्था के सभी बाजारों में एक साथ अध्ययन किया जाता है ।
प्रश्न आदत से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर जिन संसाधनों की सहायता से उद्यमी उत्पादन करता है, अर्थात निर्गत को प्राप्त करने हेतु उद्यमी जिन साधनों का नियोजन करता है वह आदत कहलाता है ।
प्रश्न अर्थशास्त्र में किस क्षेत्र के द्वारा श्रम की पूर्ति की जाती है ?
उत्तर अर्थशास्त्र में पारिवारिक क्षेत्रक द्वारा श्रम की पूर्ति की जाती है ।
प्रश्न महामंदी के दौरान बेरोजगारी की दर क्या रही?
उत्तर महामंदी काल (1929 से 1933) बेरोजगारी की दर 3% से बढ़कर 25% हो गई।
प्रश्न व्यष्टि एवं समष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ बताइए?
उत्तर व्यष्टि माइक्रो से बना है जिसका अर्थ शुष्क अथवा छोटा होता है ।
समष्टि मेक्रो शब्द ग्रीक भाषा के मेक्रोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है बड़ा अथवा व्यापक।

kaksha 12 arthashaastr adhyaay 1 parichay

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अर्थशास्त्र कक्षा 11 सांख्यिकी एक परिचय https://notesjobs.in/1339-2/ https://notesjobs.in/1339-2/#respond Sun, 11 Jun 2023 02:07:30 +0000 http://notesjobs.in/?p=1339 उपभोक्ता किसे कहते हैं व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत अपने परिवार की अथवा उन अन्य व्यक्तियों की आवश्यकता को संतुष्ट कर सके जिसे वह उपहार देना चाहता है तब वह उपभोक्ता कहलाता है विक्रेता किसे कहते हैं उत्तर जब वस्तुओं को स्वयं के लाभ के लिए बेचते हैं तो बेचने वाले को विक्रेता कहते हैं उत्पादन किसे ... Read more

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उपभोक्ता किसे कहते हैं
व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत अपने परिवार की अथवा उन अन्य व्यक्तियों की आवश्यकता को संतुष्ट कर सके जिसे वह उपहार देना चाहता है तब वह उपभोक्ता कहलाता है

विक्रेता किसे कहते हैं
उत्तर जब वस्तुओं को स्वयं के लाभ के लिए बेचते हैं तो बेचने वाले को विक्रेता कहते हैं

उत्पादन किसे कहते हैं
वस्तुओं के उत्पादन करने वाले को उत्पादक कहते हैं उदाहरण के तौर पर किसान अथवा विनिर्माता
सेवा धारी कहते हैं
जब कोई नौकरी करते हैं अथार्थ दूसरों के लिए कार्य करते हैं जिसके लिए उनको पारिश्रमिक दिया जाता है अथार्थ क** के बदले के बदले मजदूरी या वेतन दिया जाता है तो उन्हें सेवा धारी कहते हैं
सेवा प्रदाता किसे कहते हैं
जब कोई भुगतान लेकर अन्य व्यक्तियों को सेवा प्रदान करते हैं तो उन्हें सेवा प्रदाता कहते हैं उधारण डॉक्टर वकील
आर्थिक क्रियाएं क्या होती हैं
आर्थिक क्रियाएं वह होती है जो धन प्राप्त करने के लिए की जाती हैं आर्थिक क्रियाएं कहलाती हैं अर्थशास्त्र में इन्हें जीवन के आम कारोबार के नाम से जाना जाता है
अर्थशास्त्र का आधारभूत सबक क्या है.
आप किसी वस्तु को चुनते हैं जिन्हें आप सबसे ज्यादा आवश्यक मानते हैं यही अर्थशास्त्र का आधारभूत सबक है.
सभी आर्थिक समस्याओं की जड़ किसे कहा जाता है.
अभाव सभी आर्थिक समस्याओं की जड़ है यदि आभाव न होता तो कोई आर्थिक समस्या ही नहीं होती तब हमको अर्थशास्त्र पढ़ने की आवश्यकता भी नहीं पढ़ती
हमको अभाव का सामना क्यों करना पड़ता है

हम अभाव का सामना इसलिए करते हैं क्योंकि जो वस्तुएं हमारी आवश्यकता की पूर्ति करती हैं उनकी उपलब्धता सीमित होती हैं
अर्थशास्त्र को प्राय कितने भागों में बांटा जाता है

अर्थशास्त्र के अध्ययन को प्राय 3 भागों में बांटा जाता है उपभोग उत्पादन एवं वितरण
प्रश्न उपभोग का अध्ययन क्या है
उत्तर जब हम जानना चाहते हैं कि उपभोक्ता यह निर्णय कैसे करता है कि वह अपनी सीमित आय को देखते हुए अनेक वैकल्पिक वस्तुओं में से किन वस्तुओं को खरीदें यह उपभोग का अध्ययन कहलाता है
प्रश्न उत्पादन का अध्ययन क्या है अथवा उत्पादन का अध्ययन किसे कहा जाता है

उत्तर जब हम यह जानना चाहते हैं कोई उत्पादक जिसे अपनी लागत और कीमत है इसका चयन कैसे करता है कि बाजार के लिए क्या उत्पादन करें इसे उत्पादन का अध्ययन करना कहते हैं
वितरण का अध्यन शब्द से आपका क्या तात्पर्य है
उत्तर जब हम यह जानना चाहते हैं कि राष्ट्रीय आय या कुल आय जो देश में उत्पादन से प्राप्त होती है मजदूरी लाभ तथा ब्याज को कैसे वितरित किया जाता है यह वितरण का अध्यन कहलाता है
अर्थशास्त्र को अधिकांश अर्थशास्त्री किस रूप में परिभाषित करते हैं
व्यक्ति और समाज अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए तथा समाज के विभिन्न व्यक्तियों एवं समूहों में उपभोग हेतु वितरित करने के लिए इस का चुनाव कैसे करें की वैकल्पिक प्रयोग वाले अल्प संसाधनों का प्रयोग विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में हो सके अर्थशास्त्र इसका अध्ययन हैं

आंकड़े किसे कहते है
उत्तर किसी विषय के संबंधित आर्थिक तथ्यों को संख्याओं के रूप में लिखा जाता है उन्हें हम आंकड़े कहते हैं

प्रश्न आर्थिक समस्याओं के बारे में आंकड़ों का संग्रह क्यों किया जाता है
उत्तर हम आर्थिक समस्याओं के बारे में आंकड़ों का संग्रह समस्याओं के विभिन्न कारणों को जानने और उनकी व्याख्या करने के उद्देश्य से करते हैं
प्रश्न अर्थशास्त्र में नीतियों से क्या तात्पर्य है
उत्तर जब हम आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के लिए उपायों को खोजने का प्रयास करते हैं तो अर्थशास्त्र में ऐसे उपायों को नीतियों के रूप में जाना जाता है
दैनिक बोलचाल की भाषा में सांख्यिकी शब्द का प्रयोग कितने अर्थों में होता है
उत्तर दैनिक बोलचाल की भाषा में सांख्यिकी शब्द का प्रयोग दो भिन्न अर्थों में होता है पहला एकवचन तथा दूसरा बहुवचन में
प्रश्न ऑक्सफोर्ड शब्दकोश के अनुसार बहुवचन के रूप में सांखिकी शब्द का क्या तात्पर्य है
उत्तर ऑक्सफोर्ड शब्दकोश के अनुसार बहुवचन के रूप में सांख्यिकी शब्द का तात्पर्य व्यवस्थित रुप से संग्रहित संख्यात्मक तथ्य से हैं
प्रश्न आंकड़ों यह सांख्यिकी में कितने प्रकार के तथ्य होते हैं
उत्तर सांखिकी में मात्रात्मक एवं गुणात्मक दो प्रकार के तथ्य होते हैं
अर्थशास्त्र में गुणात्मक आंकड़ों से क्या तात्पर्य है
उत्तर गुणात्मक आंकड़ों की मुख्य विशेषता यह होती है कि इसमें किसी व्यक्ति विशेष यह व्यक्तियों के समूह विशेष के ऐसे गुणों की व्याख्या होती है जीने मात्रात्मक रूप से तो नहीं मापा जा सकता लेकिन यथासंभव सही रुप से करना आवश्यक होता है
प्रश्न सांखिकी क्या करती हैं अथवा अर्थशास्त्री के लिए सांख्यिकी क्या है
उत्तर किसी अर्थशास्त्री के लिए सांख्यिकी एक ऐसा अपरिहार्य साधन है जो किसी आर्थिक समस्या को समझने में उसकी सहायता करता है एक बार जब समस्या के कारणों का पता चल जाता है तब इससे निपटने के लिए निश्चित नीतियों का निर्माण करना सरल हो जाता है

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विधायिका के अंग क्या क्या है? https://notesjobs.in/vidhaayika-ke-ang-kya-kya-hai/ Sun, 30 Apr 2023 01:33:49 +0000 https://notesjobs.in/?p=12616 विधायिका के अंग क्या क्या है? यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है जो हमारे देश के संवैधानिक ढांचे के बारे में हमें जानने की जरूरत होती है। भारत में विधायिका तीन भागों से मिलकर बनती है, जो कि संसद के दो घर और विधायी निष्पक्ष संगठन होते हैं। पहला अंग होता है संसद के ... Read more

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विधायिका के अंग क्या क्या है? यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है जो हमारे देश के संवैधानिक ढांचे के बारे में हमें जानने की जरूरत होती है। भारत में विधायिका तीन भागों से मिलकर बनती है, जो कि संसद के दो घर और विधायी निष्पक्ष संगठन होते हैं।

पहला अंग होता है संसद के दो घर, जो कि लोकसभा और राज्यसभा होते हैं। लोकसभा एक सदन होता है जो कि लोगों के चुनाव से निर्वाचित होता है। लोकसभा की कुल सीटों की संख्या 543 होती है और इसमें हर राज्य और क्षेत्र से लोग निर्वाचित होते हैं। दूसरी तरफ, राज्यसभा एक अन्य सदन होता है जो कि राज्यों के विधायिका सदस्यों द्वारा चुना जाता है। राज्यसभा की कुल सीटों की संख्या 245 होती है और इसमें देश के सभी राज्यों से विभिन्न संख्या में सदस्य होते हैं।

दूसरा अंग होता है विधायक, जो संसद या राज्य सभाओं में सदस्य विधायक कहलाते हैं। वे लोकतंत्र के आधार स्तंभ होते हैं

विधायकों का मुख्य कार्य अपने जनता के हित में कानून बनाना और उन्हें संशोधित करना होता है। वे अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज होते हुए उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुनते हुए नई कानून बनाने के लिए समर्थन जुटाते हैं।

तीसरा और अंतिम अंग होता है विधायी निष्पक्ष संगठन, जिसे विशेष अधिकारों का एक संगठन माना जाता है। यह संगठन विधायकों के उच्च स्तर के फैसलों को निरीक्षण करता है और उन्हें संशोधित करने के लिए सुझाव देता है। यह संगठन विधायकों के बाहर भी लोगों के द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।

इस प्रकार, ये थे विधायिका के तीनों अंग जो हमारे देश के संवैधानिक ढांचे के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। इन सभी अंगों का महत्वपूर्ण योगदान है देश को निरंतर विकास करने में और लोगों के हित में सुधार करने में।

आशा करते हैं, यह लेख विधायिका के अंग के बारे में आपको अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा।

अगर आप विधायिका के बारे में और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप संवैधानिक ढांचे के बारे में विस्तृत अध्ययन कर सकते हैं। विधायिका देश की लोकतंत्रिक प्रणाली के अहम हिस्से होते हैं जो हमारे देश के संवैधानिक ढांचे की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।

अब आप “विधायिका के अंग क्या क्या है?“के बारे में अधिक समझदार हैं। इसे सभी लोगों के साथ share करें ताकि वे इसके बारे में जानकार हो सकें और लोकतंत्र के महत्व को समझ सकें। विधायिका से आप क्या समझते हैं ?

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आँकडों का संकलन वर्गीकरण और सारणीयन https://notesjobs.in/ankdo-ka-sankalan-evm-vargikaran-aur-sarniyan/ Sun, 13 Mar 2022 14:39:16 +0000 https://notesjobs.in/?p=10531 आँकडों का संकलन एवं वर्गीकरण और सारणीयन आँकडों का संकलन एवं वर्गीकरण और सारणीयन आँकडों का संकलन :- आँकडे दो प्रकार के होते है। – (1) प्राथमिक आँकडें (primary data) (2) द्वितीयक आँकडें (secondary data) प्राथमिक आँकडे :- साँख्यिकीय अन्वेषक जिन आँकडों का स्वयं या अपने कार्यकर्त्ताओं के सहयोग से नये सिरे से पहली बार ... Read more

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आँकडों का संकलन एवं वर्गीकरण और सारणीयन

आँकडों का संकलन एवं वर्गीकरण और सारणीयन

आँकडों का संकलन :-

आँकडे दो प्रकार के होते है। –

(1) प्राथमिक आँकडें (primary data)
(2) द्वितीयक आँकडें (secondary data)

प्राथमिक आँकडे :- साँख्यिकीय अन्वेषक जिन आँकडों का स्वयं या अपने कार्यकर्त्ताओं के सहयोग से नये सिरे से पहली बार संग्रहित करता है उन्हें प्राथमिक आँकडे कहते है।
प्राथमिक आँकडों के संकलन की विधियॉ :-
(1)प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अन्वेषण (2) परोक्ष अन्वेषण
प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अन्वेषण :- इस विधि में अन्वेषण स्वंयं उन व्यक्तियों के सम्पर्क में आता है। जिनके विषय में उसे अन्वेषण करना है।
परोक्ष अन्वेषण :- इस विधि में निम्नलिखित प्रकार से सूचनाएँ प्राप्त की जाती है।
(1) प्रगणकों द्वारा अनुसूचियाँ श्रवाकर :- इस विधि में अन्वेषक जाँच से संबधित प्रश्नों की एक अनुसूची तैयार कर प्रशिक्षित प्रगणकों को देता है। तब प्रगणक संबंधित सूचकों से आवश्यक प्रश्न पूछकर उत्तर अनुसूची में लिखते है।
(2) सूचकों द्वारा प्रश्नावलियाँ श्रवाकर :- इस विधि अन्वेषक जाँच से संबधित एक अनुसूची तैयार करता है। तथा उसे सूचकों तक सूचना प्राप्त करने को श्ेजता है। फिर सूचक ये सूचनाएँ श्र कर पुनः श्ेज देता है।
(3) स्थानीय स्त्रोतों या संवाददाताओं द्वारा :- इस विधि में अन्वेषक विभिन्न स्थानो पर स्थानीय व्यक्तियो या संवाददाताओं को सूचना देने के लिए नियुक्त कर देता है। फिर वे लोग उसे समय-समय पर सूचनाएँ प्रेषित कर देते है।
(4) विशेषज्ञों के माध्यम से परोक्ष मौखिक अन्वेषण :- इस विधि में सूचनाएँ उन व्याक्तियों से प्राप्त नहीं की जाती जो अन्वेषक से प्रत्यक्ष रूप से संबधित होते है वरन अप्रत्यक्ष रूप से संबन्धित तृतीय पक्षकारों जिन्हें साक्षी कहते है के सहयोग से प्राप्त करते है।
नोट :-
उपर्युक्त माध्यमों से प्राप्त किये गये आँकडों को काफी हद तक शुद्ध माना जा सकता है। परन्तु इसमें समय एंव धन काफी व्यय होता है।
द्वितीयक आँकडे :- आँकडें जो पूर्व में किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा किसी उद्देश्य के लिए एकत्रित किये गये हो तथा इसका उपयोग अन्य कोई अन्वेषक अपने उद्देश्य के लिए करना चाहता है। तो ये आँकडे उसके लिए द्वितीयक आँकडे होगे ।

द्वितीयक आँकडों के संकलन की विधियाँ :-
(1) प्रकाशित स्त्रोत :-
अन्तराष्ट्रीय संगठनए सरकारी प्रकाशनए अर्ध्द सरकारी प्रकाशनए परिषदों एंवं व्यापारिक संगठनों कें प्रकाशन एअनुसंधान संस्थानों के प्रकाशन पत्र पत्रिकाएँ एशोधार्थियों के प्रकाशित शोध ।
(2) अप्रकाशित स्त्रोत :-
कार्यालयो की फाइलए प्रलेखएरजिस्टर या अनुसंधानकर्त्ताओं की डायरियाँ।
आँकाडों का वर्गीकरण :-
आँकडों को सही रूप से समझने अध्ययन करने इनका तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए उनको विभिन्न शीर्षको के अनुसार विभाजित करना वर्गीकरण कहलाता है।
आँकडों का वर्गीकरण मुख्यतया निम्न प्रकार किया जा सकता हैः-
(1) भौगोलिक आधार पर : – इसके अन्तर्गत आँकडों का वर्गीकरण स्थान या क्षेत्र के आधार पर किया जाता है।
(2) समयानुसार :-यदि आँकडों को घ्ांटेए दिनए सप्ताहए माह या वर्ष के आधार पर वर्गीकरण किया जाता है। तो उस समयानुसार वर्गीकरण कहते है।
(3) गुणात्मक आधार पर :-जब आँकडों को वर्णनात्मक विशेषताओं अथवा गुणों के आधार पर विभिन्न वर्गो में वर्गीकृत करते है। तो ऐसे वर्गीकरण को गुणात्मक वर्गीकरण कहते है।
* बारम्बारता :- जितनी बार किसी अंक की आवृति होती है वह उस अंक की बारम्बारता कहलाती है उसे ि से निरूपित किया जाता है।
*विचर :- वह संख्यात्मक राशि जिसका मान उदेश्य में बदलता रहता है, विचर कहलाती है।
विचर दो प्रकार के होते है –
(1) खंडित विचर :- इनकी माप निश्चित होती है।
(2) सतत् विचर :-इनकी माप निश्चित नहीं होती है।
परास :-विचर के अधिकतम एवं न्यूनतम मान के अन्तर को परास कहते है।
* वर्ग बारम्बारता :-  प्रत्येक वर्ग में आँकडों की पुनरावृति जितनी बार हो उसे वर्ग की बारम्बारता कहलाती है।
* वर्ग अन्तराल :- वर्ग अन्तराल त्रपरास ध्वर्गो की संख्या
* वर्ग सीमाऐ :- किसी वर्ग के निम्नतम तथा उच्चतम मान उसे वर्ग की निम्न तथा उच्च सीमाएँ कहलाती है।
* मध्यमान :- किसी वर्ग की ऊपरी तथा निम्न सीमाओं का औसत उस वर्ग का मध्यमान कहलाता है। इसे ग से व्यक्त करते है।
* व्यक्तिगत बारम्बारता :- इसमें केवल ग ही दिया होता है।
* खंडित बारम्बारता बंटन :- इस प्रकार की बारम्बारता बंटन में ग के साथ बारम्बारता (ि) श्ी दी होती है।
*  सतत् बारम्बारता बंटन :- इस प्रकार की बारम्बारता बंटन में वर्ग तथा बारम्बारता (ि) दी होती है।
* अपवर्जी श्रेणी :- इस श्रेणी में पिछले वर्ग की ऊपरी सीमा तथा अगले वर्ग की निम्न सीमा एक समान होती है। इसमें किसी वर्ग में ऊपरी सीमा वाले पद को उस वर्ग में सम्मिलित न करके अगले वर्ग में सम्मिलित किया जाता है।
* समावेशी श्रेणी :- इस श्रेणी में ऊपरी एंवं निम्न सीमा दोनो ही मानों को उसी वर्ग में रखा जाता है। इसमें एक वर्ग की ऊपरी तथा दूसरे वर्ग की निम्न सीमा समान नहीं होती है।
* संचयी बारम्बारता :- किसी अंक की संचयी बारम्बारता उस अंक एवं उससे पहले वाले समस्त अंकों की बारम्बारताओं का योग है। संचयी बारम्बारता को बण्ण्सि व्यक्त करते है।

सारणीयन :-
वर्गीकृत आँकडों को तुलनात्मक सारणी के रूप में प्रस्तुत करना सारणीयन कहलाता है।
सारणीयन का महत्व :-
समझने में सुगमताए प्रभावशालीए तुलनीयए स्थान की बचतए समय की बचतए प्रदर्शनए सांख्यिकी विवेचनए अशुद्धियों की जाँच ।
सारणियों के प्रकार :-
सारणियों को अलग-अलग आधारों पर निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है :-
*  उद्देश्य के अनुसार :-
(1) सामान्य उद्देश्य (2) विशेष उद्देश्य
* मौलिकता के आधार पर :-
(1) प्राथमिक (2) व्युत्पन्न
* रचना के आधार पर :-
(1) सरल (2) जटिल
* उत्तम सारणी के आवश्यक गुण :-
(1) सारणी संख्या (2) शीर्षक (3) अनुशीर्षक (4) सारणी का मुख्य शग (5) योग (6) रेखाए खींचना एंव रिक्तस्थान छोडना
(7) पदों की व्यवस्था (8) टिप्पणियाँ (9) उद्गम

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Father to Son https://notesjobs.in/father-to-son/ Sun, 15 Aug 2021 04:48:03 +0000 https://notesjobs.in/?p=9894                                                                  Poem – Father to Son Ans 1 The poem does talk of an exclusively personal experience. द पोयम डज टॉक ऑफ एन एक्सक्लूसिवली पर्सनल एक्सपिरियन्स However we can also call it fairly universal because a conflict like this is quite common in many households हाऊएवर वी केन आल्सो कॉल इट फेयरली यूनिर्वसली बिकॉज अ ... Read more

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                                                                 Poem – Father to Son

Ans 1 The poem does talk of an exclusively personal experience.

द पोयम डज टॉक ऑफ एन एक्सक्लूसिवली पर्सनल एक्सपिरियन्स

However we can also call it fairly universal because a conflict like this is quite common in many households

हाऊएवर वी केन आल्सो कॉल इट फेयरली यूनिर्वसली बिकॉज अ कॉनफ्लिक्ट लाइक दिस इज क्वाइट कॉमन इन मेनी हाउसहोल्ड्स

It is also known as generation gap.

इट इज आल्सो नोन एज जनरेषन गेप

Ans 2 The father helplessness is brought out every poignantly in the poem.

द फादर हेल्पलेसनेस इज ब्रोट आउट एवरी पोइनेनटली इन द पोयम

The father and the son do not talk to each other and so only silence prevails.

द फादर एण्ड द सन डु नोट टॉक टू इच अदर एण्ड सो ओनली साइलेन्स प्रीवेल्स

The father does not want his son to be separated from him, but it is vain.

द फादर डज नोट वान्ट हिज सन टू बी सेपरेटेड फ्रोम हिम बट इट इज वेन

Ans 3 The lines that indicate distance between father and son are :-

द लाइन्स देट इन्डीकेट डिसटेन्स बिटवीन फादर एण्ड सन आर

I do not understand this child.

आई डू नोट अन्डरस्टेण्ड दिस चाइल्ड

I know nothing of him.

आई नॉ नथिंग ऑफ हिम

We speak like strangers.

वी स्पीक लाइक स्ट्रेन्जर्स

There is no sign of understanding in the air.

देयर इज नो साइन ऑफ अन्डरस्टेन्डिंग इन द एअर

Silence surrounds us.

साइलेन्स सराउन्ड्स अस

Ans 4 Yes the poem has a consistence rhyme scheme.

यस द पोयम हेज अ कोन्सिसटेन्स राइम स्कीम

Each stanza has six lines which have the rhyme scheme:-

ईच स्टेन्जा हेज सिक्स लाइन्स वीच हेव द राइम स्कीम

a,b,b,a,b,a

ए बी बी ए बी ए

Father to Son

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Class 11 hindi Aroh कक्षा 11 हिंदी आरोह https://notesjobs.in/class-11-hindi-aroh/ Sat, 29 Aug 2020 05:21:01 +0000 https://notesjobs.in/?p=8262 Class 11 hindi Aroh कक्षा 11 हिंदी आरोह Class 11 hindi Aroh प्रेमचंद 1 नमक का दारोगा कृष्णा सोबती 2 मियाँ नसीरुद्दीन सत्यजित राय 3 अप्पू के साथ ढाई साल बालमुकुंद गुप्त 4 विदाई संभाषण शेखर जोशी 5 गलता लोहा कृष्णनाथ 6 स्पीति में बारिश मन्नू भंडारी 7 रजनी कृश्नचंदर 8 जामुन का पेड़ जवाहरलाल ... Read more

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Class 11 hindi Aroh कक्षा 11 हिंदी आरोह





Class 11 hindi Aroh

प्रेमचंद
1 नमक का दारोगा

कृष्णा सोबती
2 मियाँ नसीरुद्दीन

सत्यजित राय
3 अप्पू के साथ ढाई साल

बालमुकुंद गुप्त
4 विदाई संभाषण

शेखर जोशी
5 गलता लोहा

कृष्णनाथ
6 स्पीति में बारिश

मन्नू भंडारी
7 रजनी

कृश्नचंदर
8 जामुन का पेड़

जवाहरलाल नेहरू
9 भारत-माता

सयैद हैदर रज़ा
10 आत्मा का ताप

काव्य खंड

1 कबीर
1. हम तौ एक एक करि जांनां
2. संतों देखत जग बौराना

2 मीरा
1. मेरे तो गिरधर गोपाल, दुसरो न कोई
2. पग घुंघरू बांधि मीरा नाची

3 रामनरेश त्रिपाठी
पथिक

4 सुमित्रानंदन पंत
वे आँखे

5 भवानी प्रसाद मिश्र
घर की याद

6 त्रिलोचन
चंपा काले काले अच्छर नहीं चिन्हती

7 दुष्यंत कुमार
गज़ल (साये में धूप)

8 अक्क महादेवी
1. हे भूख! मत मचल
2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर

9 अवतार सिंह पाश
सबसे खतरनाक

10 निर्मला पुतुल
आओ, मिलकर बचाएँ

 




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A Photograph hindi meanings & summary https://notesjobs.in/a-photograph-claas-11-meanings-summary/ Mon, 17 Aug 2020 06:04:44 +0000 https://notesjobs.in/?p=8163 a photograph claas 11 A Photograph hindi meanings & summary The cardboard shows me how it was When the two girl cousins went paddling, Each one holding one of my mother’s hands, And she the big girl — some twelve years or so. All three stood still to smile through their hair At the uncle ... Read more

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a photograph claas 11

a photograph claas 11A Photograph hindi meanings & summary



The cardboard shows me how it was

When the two girl cousins went paddling,

Each one holding one of my mother’s hands,

And she the big girl — some twelve years or so.

All three stood still to smile through their hair

At the uncle with the camera. A sweet face,

My mother’s, that was before I was born.

And the sea, which appears to have changed less,

Washed their terribly transient feet.

Some twenty-thirty – years later

She’d laugh at the snapshot. “See Betty

And Dolly,” she’d say, “and look how they

Dressed us for the beach.” The sea holiday

Was her past, mine is her laughter. Both wry

With the laboured ease of loss.

Now she’s been dead nearly as many years

As that girl lived. And of this circumstance

There is nothing to say at all.

Its silence silences.



a photograph claas 11

Word

Meaning

cardboard गत्ता
shows दिखावा/प्रदर्शन
girl cousins चचेरी/ममेरी बहन
went जाना
paddling नाम खेना
Each one प्रत्येक
holding पकड़े हुए
or so लगभग
stood समझना
still गतिहीन/ मौन /शांत
smile मुस्कुराहट
through मे से होकर
hair बाल
sweet face प्यारा चेहरा
born  जन्म
sea समुंद्र
appears  दिखाई देना
changed less बहुत कम परिवर्तन होना
terribly भयानक/ डरावना
transient अस्थाई
feet पैर
later  बाद में
laugh हंसना
snapshot आशुचित्र
Dressed कपड़े पहनाए
Beach समुद्र का किनारा
holiday  अवकाश
past अतीत
laughter हंसी
Both  दोनों
wry
laboured अस्वाभाविक कठिन
ease of loss नुकसान की आसानी
dead मृत
circumstance परिस्थिति/ घटना
nothing कुछ नहीं
to say  कहने के लिए
at all कुल मिलाकर
silence चुप्पी
silences सन्नाटा

 



कार्डबोर्ड पर चिपकाई गई कवि की माँ की एक पुरानी तस्वीर कवि को उसकी माँ के बचपन की पुरानी यादों को याद कराती है। यह तस्वीर एक समुद्र तट पर उसकी माँ के सुखद क्षणों का चित्रण है जिसमें उसके दो चचेरे भाई हैं जो उससे छोटे थे। वे समुद्र तट के पास नंगे पैर उथले पानी में चल रहे थे। माँ बीच में खड़ी थी और अपने दो चचेरे भाइयों के हाथ पकड़े हुए थे, जो हर तरफ खड़े थे। कवि की माँ तब बारह वर्ष की थी। यह दर्शाता है कि तस्वीर बहुत पुरानी थी लेकिन कवि ने इसे बहुत सावधानी से रखा है क्योंकि यह उसे अपनी माँ के बचपन की मीठी यादों की याद दिलाता है। तस्वीर यह भी बताती है कि उसकी माँ का बचपन कितना सुखद था।

फोटोग्राफ से पता चलता है कि तीनों लड़कियाँ – कवि की माँ और उसके दो चचेरे भाई – खड़े थे और जब उनके चाचा ने समुद्र तट पर उनकी तस्वीर क्लिक की तो वे कैमरे पर मुस्कुराए। जैसा कि उस समय मौसम हवा में था, उनके बाल मुस्कुराते हुए उनके चेहरे पर उड़ रहे थे। कवि की माँ और उसके चचेरे भाई के चेहरे पर जो अभिव्यक्ति थी वह खुशी और आनंद की थी। माँ उस समय बहुत सुंदर लग रही थी और तस्वीर बहुत समय पहले ली गई थी।

तब से सब कुछ बदल गया है, उसकी माँ बड़ी हो गई है; अब वह मर चुकी थी और कवि उसकी यादों को ताजा कर रहा था। केवल एक चीज जो अपरिवर्तित बनी हुई है, वह समुद्र है जो तीनों लड़कियों के पैर धो रही है। ’क्षणिक’ शब्द का उल्लेख प्रकृति की अनंतता के विपरीत, इस दुनिया पर रहने वाले मनुष्यों के साथ-साथ उनके जीवन की निरंतरता को भी दर्शाता है। इस अवधि में लड़कियों का जीवन बहुत बदल गया है लेकिन समुद्र नहीं बदला है। छंद सुंदर रूप से मानव की क्षणिक प्रकृति की व्याख्या करता है।

20-30 साल बाद भी माँ तस्वीर देखती थी और अपने अतीत की सुखद यादों को याद करते हुए उदासीन रूप से हंसती थी। माँ चचेरे भाई डॉली, बेट्टी और खुद द्वारा पहने गए कपड़े पर तस्वीर और टिप्पणी देखती हैं।

समुद्र की छुट्टी उसकी माँ का अतीत था और उसकी माँ की हँसी कवि के लिए अतीत की बात बन गई है क्योंकि उसकी माँ अब मर चुकी थी। कवि को अब भी याद है कि समुद्र में छुट्टियां मनाते हुए उसकी माँ को हँसी-ख़ुशी के साथ-साथ किस तरह का नुकसान होता है, इस तस्वीर को याद करके हंसी आती है क्योंकि वह समय कभी वापस नहीं आएगा। उसी तरह कवि अपनी माँ और उसकी हँसी के बारे में उदासीन सोच महसूस करता है जो अतीत की बात हो गई है।
‘लेबर्ड’ और ‘ईजी’ शब्द एक दूसरे के विपरीत हैं, लेकिन एक ही इकाई, नुकसान का वर्णन करते हैं।



कवि याद करता है कि उसकी माँ की मृत्यु हुए लगभग बारह वर्ष हो चुके हैं। कवि दुःख के साथ भस्म हो जाता है, लेकिन उसके नुकसान और दर्द को व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं बचा है। कवि अपनी मृत माँ की यादों में पूरी तरह से लीन है। इस स्थिति की दर्दनाक चुप्पी कवि को अवाक छोड़ देती है। कवि दुःख को महसूस कर सकता है लेकिन उसे शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने में असमर्थ है। मृत्यु के कारण होने वाली चुप्पी वातावरण को उदास कर देती है, जहाँ कोई भी शब्दों का उच्चारण करने में सक्षम नहीं होता है।

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परिवहन Parivahan https://notesjobs.in/parivahan/ Sun, 21 Jun 2020 09:18:44 +0000 https://notesjobs.in/?p=7186 परिवहन Parivahan परिवहन Parivahan ★ परिवहन ★ जल परिवहन व स्थल परिवहन दोनों माध्यम व्यापार के लिए लोकप्रिय थे। अंतर्देशीय व्यापार में संचार के साधन के रूप में सड़कों का बहुत अधिक महत्वपूर्ण स्थान था । उत्तरी सड़क मार्ग – – असम से तक्षशिला तक । सड़क मार्ग व्यापक विस्तृत थे , साथ ही गति ... Read more

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परिवहन Parivahan

परिवहन Parivahanपरिवहन Parivahan

★ परिवहन ★


जल परिवहन व स्थल परिवहन दोनों माध्यम व्यापार के लिए लोकप्रिय थे।
अंतर्देशीय व्यापार में संचार के साधन के रूप में सड़कों का बहुत अधिक महत्वपूर्ण स्थान था ।
उत्तरी सड़क मार्ग – – असम से तक्षशिला तक ।
सड़क मार्ग व्यापक विस्तृत थे , साथ ही गति और सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयुक्त थे।
सामुद्रिक परिवहन वैश्विक व्यापार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण थे।
मालाबार तट (मुजरिस) अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक व्यापार के लिए बहुत प्रसिद्ध था। जहां से रोमन साम्राज्य तक काला सोना (काली मिर्च) भेजी जाती थी ।
यह पूरे मार्ग के बहुत से साम्राज्य और व्यापार शक्तियों के बीच संघर्ष का कारण बनी रही ।
इन संघर्षों के चलते वैकल्पिक मार्गों की खोज की गई। कोलंबस ने अमेरिका की खोज की ।
और वास्को-डी-गामा मालाबार तट पहुंचा ।
कालीकट चीनी व्यापारियों के साथ व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
कोरोमंडल तट और पुलिकट बंदरगाह कपडा निर्यातक के रूप में विख्यात थे।


★ parivahan ★
jal parivahan va sthal parivahan donon maadhyam vyaapaar ke lie lokapriy the.
antardesheey vyaapaar mein sanchaar ke saadhan ke roop mein sadakon ka bahut adhik mahatvapoorn sthaan tha .
uttaree sadak maarg – – asam se takshashila tak .
sadak maarg vyaapak vistrt the , saath hee gati aur suraksha kee drshti se bhee upayukt the.
saamudrik parivahan vaishvik vyaapaar kee drshti se bahut mahatvapoorn the.
maalaabaar tat (mujaris) antararaashtreey saamudrik vyaapaar ke lie bahut prasiddh tha. jahaan se roman saamraajy tak kaala sona (kaalee mirch) bhejee jaatee thee .


yah poore maarg ke bahut se saamraajy aur vyaapaar shaktiyon ke beech sangharsh ka kaaran banee rahee .
in sangharshon ke chalate vaikalpik maargon kee khoj kee gaee. kolambas ne amerika kee khoj kee .
aur vaasko-dee-gaama maalaabaar tat pahuncha .
kaaleekat cheenee vyaapaariyon ke saath vyaapaar ke lie prasiddh tha.
koromandal tat aur pulikat bandaragaah kapada niryaatak ke roop mein vikhyaat the.

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व्यापार और वाणिज्य का इतिहास Notes https://notesjobs.in/vyapar-aur-vanijye-ka-itihas/ Sat, 20 Jun 2020 15:51:54 +0000 https://notesjobs.in/?p=7158 व्यापार और वाणिज्य का इतिहास vyapar aur vanijye ka itihas व्यापार और वाणिज्य का इतिहास भारत के व्यवसायिक मार्ग जो पड़ोसी राज्यों और साम्राज्यौं से व्यवसायिक संपर्क करने में मदद करते थे उन्हें “रेशमी राह” कहा जाता था। भारत के मसाले के व्यापार में उपयोग आने वाले पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले समुद्री मार्गो ... Read more

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व्यापार और वाणिज्य का इतिहास vyapar aur vanijye ka itihas

व्यापार और वाणिज्य का इतिहास




भारत के व्यवसायिक मार्ग जो पड़ोसी राज्यों और साम्राज्यौं से व्यवसायिक संपर्क करने में मदद करते थे उन्हें “रेशमी राह” कहा जाता था।

भारत के मसाले के व्यापार में उपयोग आने वाले पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले समुद्री मार्गो को “मसाला मार्ग” कहा जाता था।

प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार व्यापार और वाणिज्य ही था।

प्राचीन भारत में रेशम राह, मसाला मार्ग आदि मार्गों के कारण ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की प्रगति संभव हो पायी।

व्यापार केंद्रों के उद्भव होने से व्यापारिक समुदाय प्रधानता वाले भारतीय समाज का निर्माण हुआ।

प्राचीन भारत में राजनीतिक अर्थव्यवस्था में व्यापार नियमों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई थी।

प्राचीन काल में एक सामान्य आर्थिक व्यवस्था का निर्माण हुआ।

प्राचीन काल में मापन में एकरूपता आयी, इसके लिए मुद्रा के रूप में सिक्कौ का उपयोग होने लगा।

मुद्रा के कारण व्यापारिक गतिविधियों बढ़ गई और परिणामस्वरूप बाजारों का विस्तार हुआ।



स्वदेशी बैंकिंग प्रणाली

bhaarat ke vyavasaayik maarg jo padosee raajyon aur saamraajyaun se vyavasaayik sampark karane mein madad karate the unhen “reshamee raah” kaha jaata tha.

bhaarat ke masaale ke vyaapaar mein upayog aane vaale poorv aur pashchim ko jodane vaale samudree maargo ko “masaala maarg” kaha jaata tha.

praacheen bhaarateey arthavyavastha ka mukhy aadhaar vyaapaar aur vaanijy hee tha.

praacheen bhaarat mein resham raah, masaala maarg aadi maargon ke kaaran hee raashtreey aur antararaashtreey vyaapaar kee pragati sambhav ho paayee.



vyaapaar kendron ke udbhav hone se vyaapaarik samudaay pradhaanata vaale bhaarateey samaaj ka nirmaan hua.

praacheen bhaarat mein raajaneetik arthavyavastha mein vyaapaar niyamon ko dhyaan mein rakhakar yojanaen banaee gaee thee.

praacheen kaal mein ek saamaany aarthik vyavastha ka nirmaan hua.

praacheen kaal mein maapan mein ekaroopata aayee, isake lie mudra ke roop mein sikkau ka upayog hone laga.

mudra ke kaaran vyaapaarik gatividhiyon badh gaee aur parinaamasvaroop baajaaron ka vistaar hua.

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Sheet Yuddh शीत युद्ध https://notesjobs.in/sheet-yuddh/ Tue, 09 Jun 2020 05:52:55 +0000 https://notesjobs.in/?p=7015 Sheet Yuddh शीत युद्ध Sheet Yuddh शीत युद्ध क्यूबा का मिसाइल संकट शीत युद्ध क्या है ? दो ध्रुवीय विश्व का आरंभ शीत युद्ध के दायरे शीत युद्ध का घटनाक्रम दो – ध्रुवीयता को चुनौती – गुटनिरपेक्षता गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक जोसेफ ब्रोज टीटो जवाहरलाल नेहरू जमाल अब्दुल नासिर सुकर्णो वामे एनक्रूमा   नव अंतर्राष्ट्रीय ... Read more

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Sheet Yuddh शीत युद्ध




Sheet YuddhSheet Yuddh शीत युद्ध

क्यूबा का मिसाइल संकट

शीत युद्ध क्या है ?

दो ध्रुवीय विश्व का आरंभ

शीत युद्ध के दायरे

शीत युद्ध का घटनाक्रम

दो – ध्रुवीयता को चुनौती – गुटनिरपेक्षता

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक

जोसेफ ब्रोज टीटो

जवाहरलाल नेहरू

जमाल अब्दुल नासिर

सुकर्णो

वामे एनक्रूमा

 

नव अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था

भारत और शीत युद्ध

सीमित परमाणु परीक्षण

सीमित परमाणु परीक्षण संधि ( एलटीबीटी )

परमाणु अप्रसार संधि ( एनपीटी )

सामरिक अस्त्र परिसीमन वार्ता – 1

सामरिक अस्त्र परिसीमन वार्ता – 2

सामरिक अस्त्र न्यूनीकरण संधि – 1

सामरिक अस्त्र न्यूनीकरण संधि – 2

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