Rajasthan Me Dharma राजस्थान में धर्म

Rajasthan Me Dharma राजस्थान में धर्म

Rajasthan Me Dharma राजस्थान में धर्म

हिन्दू धर्म :-

राज्य की कुल जंनसंख्या का लगभग 89 प्रतिषत हिन्दू धर्म अनुयायियों का है।
मेवाड के संस्थापक बप्पा रावल एकिंलंग महादेव में आस्था रखते थे तथा उन्होनें एकलिंग जी का मन्दिर बनवाया था।
महाराणा कुम्भा नें एकलिंग जी के मंदिर का पुनर्रूद्धार कराया ।
मेवाड के शासक स्वयं को एकलिंग जी महादेव का दीवान कहते थे ।
हिन्दु धर्म में वैष्णव “ शैव “षाक्त धर्म को समान रूप से मान्यता प्राप्त है।
राजस्थान में मेंवाड के राजवंष द्वारा सुर्य पूजा की जाने के कारण यहॉ सुर्य पुजा का प्रचलन श्ी रहा है।
राजस्थान में वैष्णव धर्म का उल्लेख घोसुण्डी अभिलेख में मिलता है।
जैन धर्म :-
राजस्थान में प्राचीन काल सें ही जैन धर्म का बहुत अस्तित्व था तथा राजस्थान का वैष्य वर्ग इस धर्म के अत्यधिक नजदीक रहा ।
राजस्थान में जैन धर्म के दोनों सम्प्रदायों दिगम्बर व श्वेताम्बर का प्रचलन रहा ।
जैन धर्म में 24 तीर्थकर हुए जिनमें ऋषभदेव प्रथम तीर्थकर तथा महावीर स्वामी 24 वें तीर्थकर हुए ।
राजस्थान में जैन धर्म की श्वेताम्बर शाखा से लगभग 14 उप शाखाओं का विकास हुआ जिनमें स्थानकवासी तथा तेरहपंथी प्रमुख है।
जैन धर्म की तेरहपंथी शाखा के प्रवर्तक भीखमजी ओंसवाल थे।
इस्लाम धर्म :-
राजस्थान में हिन्दूमती जनसंख्या के बाद दूसरा स्थान इस्लाम धर्म की जनसंख्या का है।
इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब थे तथा यह धर्म षिया और सुन्नी दो सम्प्रदाय में विभक्त था।
राजस्थान में इस्लाम सभ्यता का आगमन पृथ्वीराज चौहन की मुहम्मद गौरी द्वारा पराजय के साथ आरम्भ हुआ।
राजस्थान में इस्लाम धर्म का प्रमुख केन्द्र अजमेर है। जहॉ ख्वाजा मुइनूठ्ठीन चिष्ती की दरगाह है।
राजस्थान में हिन्दुओं द्वारा इस्लाम धर्म ग्रहण करने पर मुस्लिमों की संख्या में अभूतपुर्व वृध्दि हुर्ह जिनमें कायम खानी एंव मेव प्रमुख है।
ईसाई धर्म :-
राजस्थान में ईसाइयों की सर्वाधिक संख्या अजमेर जिलें में है। इसके साथ साथ बडे शहरों में इनकी संख्या मिलती है।
बौध्द धर्म :-
राजस्थान में बौध्द धर्म के अनुयायियों की संख्या बहुत कम है।
बौध्द धर्म के प्रवर्तक महात्मा गौतम बुध्द थे।
राजस्थान के जयपुर एंव मेवाड क्षेत्र में बौध्द धर्मावलम्बियों की अधिकांष संख्या मिलती है।
राजस्थान में बौध्द धर्म के प्रमाण बैराठ (जयपुर) सें प्राप्त होने वाले बौध्द चेतालयों के ध्वंसाव शेष है।
सिक्ख धर्म :-
सिक्ख धर्म के अनुयायी राजस्थान में लगभग सभी बडें शहरों एंव कस्बों में मिलते हैं।
सिक्ख धर्म के प्रवर्तक गुरू नानक देव थे तथा सिक्ख धर्म को खालसा पंथ मे परिवर्तित करने वाले सिक्ख धर्म के दसवें तथा अंतिम गुरू गोविन्द सिंह थें।
सिक्ख धर्म के अनुयायी गुरूग्रन्थ साहिब की पूजा करते है।
राजस्थान में सिक्ख णर्मावलम्बी राज्य के गंगानगर और बीकानेर में अधिक पाये जाते है।
पारसी धर्म :-
पारसी धर्म के प्रवर्तक जरथ्रुस्ट थे।
पारसी धर्मावलम्बी सूर्य की पूजा करते थें।
राजस्थान के अजमेर “उदयपुर और बाडमेर में पारसी अनुयायी मिलते है।

Leave a Comment

error: Content is protected !!