Nirdhanata निर्धनता
Nirdhanata निर्धनता
निर्धनता धन की कमी को निर्धनता कहा जाता है अर्थशास्त्र में जब हम निर्धनता की बात करते हैं तो निर्धन शब्द से तात्पर्य उन व्यक्तियों से हैं जिनकी आय एक निश्चित स्तर से कम होती हैं सभी देशों में निर्धनता निर्धारण के लिए अलग-अलग कसौटियां अपनाई जाती हैं हमारे भारत देश में निर्धनता का निर्धारण गरीबी रेखा के द्वारा किया जाता है भारत में निर्धनता निवारण के लिए व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली कैलोरी को आधार माना गया और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग कैलोरी का निर्धारण किया गया जो व्यक्ति शहर में रहता है और 2100 कैलोरी प्राप्त नहीं कर पाता एवं वह व्यक्ति जो ग्रामीण क्षेत्र में रहता है और 2400 कैलोरी प्रतिदिन प्राप्त नहीं कर पाता निर्धन माने जाते हैं
निर्धनता निर्धारण किए विधि बहुत सरल है किंतु निर्धनता निर्धारण की इस विधि मैं कमी यह रही कि यह विधि सामान्य निर्धन एवं अत्यधिक निर्धन में अंतर स्पष्ट नहीं कर पाती हैं जिसके कारण निर्धनता निर्धारण के लिए किए जाने वाले उपाय पूर्ण सार्थक नहीं हो पाते हैं