अध्याय 1 – फ्रांसीसी क्रांति The French Revolution
🏰 अध्याय 1 – फ्रांसीसी क्रांति (The French Revolution)
🌅 14 जुलाई 1789: Bastille पर हमला
❗ पेरिस में डर और अफरा-तफरी
- 14 July 1789 की सुबह Paris शहर में अफरा-तफरी मच गई।
- राजा Louis XVI ने सेना (army) को Paris में बुला लिया था।
- जनता (citizens) को डर था कि राजा उन्हें दबाने के लिए सेना से गोली चलवा सकता है।
👨👩👧👦 जनता का विरोध
- करीब 7,000 पुरुष और महिलाएं Town Hall के सामने इकट्ठा हुए।
- उन्होंने फैसला किया कि वे खुद की एक People’s Militia (जन सेना) बनाएँगे।
- वे हथियार (weapons) की तलाश में सरकारी इमारतों (government buildings) में घुस गए।
🔥 Bastille पर हमला क्यों हुआ?
- फिर सैकड़ों लोग Bastille नाम की किले-जेल (fortress-prison) की तरफ बढ़े।
- उन्हें उम्मीद थी कि वहां बहुत सारा गोला-बारूद (ammunition) छुपा हुआ मिलेगा।
- लड़ाई में Bastille का commander मारा गया और 7 कैदियों (prisoners) को आज़ाद किया गया।
😡 Bastille क्यों नफरत की जगह थी?
- Bastille एक तानाशाही शक्ति (despotic power) का प्रतीक था, इसलिए जनता इसे नफरत करती थी।
- इस किले को पूरी तरह तोड़ दिया गया।
- इसके पत्थर लोग बाज़ार से खरीद कर ले गए ताकि वे इस क्रांति की याद अपने पास रख सकें।
🍞 दंगे क्यों बढ़े?
- अगले कुछ दिनों में Paris और गांवों (countryside) में और भी दंगे हुए।
- लोग महंगी होती रोटी (bread) की कीमत से परेशान थे।
- किसानों और गरीबों ने अनाज जमा करने वालों (hoarders) के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया।
🔗 यह घटना क्यों खास थी?
- इतिहासकार मानते हैं कि यही घटना क्रांति की शुरुआत थी।
- आगे चलकर यह घटनाक्रम राजा की हत्या (execution of the king) तक पहुँचा।
- उस समय आम लोग यह सोच भी नहीं सकते थे कि एक दिन राजा को भी खत्म कर दिया जाएगा।
📜 French Society During the Late Eighteenth Century (अठारहवीं सदी के अंत में फ्रांस का समाज)
👑 Louis XVI और खाली खजाना (Empty Treasury)
- सन 1774 में Louis XVI, जो Bourbon राजवंश (dynasty) से थे, France के राजा बने।
- उस समय राजा की उम्र सिर्फ 20 साल थी और उनका विवाह Austrian Princess Marie Antoinette से हुआ था।
- जब वह राजा बने, तो treasury (राजकोष) बिलकुल खाली था।
⚔️ War और खर्च
- कई वर्षों से चल रही युद्धों (wars) ने France की आर्थिक स्थिति को बहुत खराब कर दिया था।
- ऊपर से Versailles महल और राजा के शाही दरबार (royal court) को चलाने का खर्च भी बहुत अधिक था।
- Louis XVI ने 13 American colonies को Britain के खिलाफ स्वतंत्रता दिलाने में मदद की थी, जिससे France पर लगभग 1 billion livres का और कर्ज (debt) बढ़ गया।
- पहले से ही देश पर 2 billion livres का ऋण (loan) था।
- Lenders अब 10% ब्याज मांगने लगे थे, जिससे सरकारी बजट का बहुत बड़ा हिस्सा सिर्फ interest चुकाने में चला जाता था।
💰 Tax बढ़ाने की मजबूरी
- Army, court, offices और universities जैसे daily खर्चों को पूरा करने के लिए tax बढ़ाना पड़ा।
- फिर भी यह पर्याप्त (sufficient) नहीं था क्योंकि केवल Third Estate के लोग ही tax देते थे, बाकी नहीं।
🧑🌾 तीन Estate की समाज व्यवस्था (Society of Three Estates)
1️⃣ First Estate – Clergy (पादरी वर्ग)
- Church से जुड़े लोग जो धर्म-कार्य करते थे।
- इन्हें जन्म से विशेषाधिकार (privileges by birth) प्राप्त थे।
- ये किसी भी प्रकार का tax नहीं देते थे।
2️⃣ Second Estate – Nobility (अमीर ज़मींदार और जागीरदार)
- राजा के करीबी रईस (rich) लोग – यानि कुलीन वर्ग (noble class)।
- इन्हें भी tax से छूट (exemption) थी।
- ये peasants (किसानों) से feudal dues (जमींदारी कर) वसूलते थे।
- किसान इनके घरों में बिना पैसे के काम करते थे – खेतों में, सेना में और सड़कों के निर्माण में भी।
3️⃣ Third Estate – बाकी जनता (Common People)
- इसमें आते थे: किसान, मजदूर, व्यापारी, वकील, डॉक्टर, कारीगर, आदि।
- पूरी French आबादी का लगभग 90% हिस्सा किसान था।
- लेकिन उनमें से बहुत कम के पास अपनी ज़मीन थी।
- लगभग 60% जमीन पर nobles, Church और third estate के अमीर लोग काबिज़ थे।
🧾 Taxes किसने दिए?
- केवल Third Estate को taxes देने पड़ते थे:
- Tithe (टाइट): Church द्वारा लिया गया धार्मिक tax।
- Taille (टाईल): राजा को दिया जाने वाला सीधा tax।
- Indirect Taxes: नमक (salt), तंबाकू (tobacco) जैसी रोजमर्रा की चीजों पर लगने वाला tax।
➡️ इस प्रकार, राज्य की पूरी economy का बोझ केवल Third Estate पर था, जबकि पहले और दूसरे estate के लोग tax नहीं देते थे पर पूरी सुविधा उठाते थे।
🧠 समझने योग्य मुख्य बातें:
- राजा के पास पैसा नहीं था लेकिन खर्च बहुत ज़्यादा था।
- केवल आम जनता से ही टैक्स वसूला जाता था।
- Clergy और Nobles को जन्म से ही विशेषाधिकार थे।
- इससे समाज में असमानता (inequality) और गुस्सा (resentment) बढ़ता गया — जो आगे जाकर क्रांति का कारण बना।
📌 1.1 The Struggle to Survive (जीवित रहने के लिए संघर्ष)
📈 जनसंख्या में वृद्धि और अनाज की कमी:
- सन 1715 में France की जनसंख्या थी लगभग 23 million, जो 1789 तक बढ़कर 28 million हो गई।
- इससे food grains (अनाज) की demand तेजी से बढ़ गई।
- लेकिन अनाज का उत्पादन (production) इतनी तेजी से नहीं बढ़ सका।
🍞 Bread बना बड़ी समस्या:
- Bread उस समय लोगों का मुख्य भोजन (staple diet) था।
- मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होने के कारण bread की कीमत बहुत तेजी से बढ़ने लगी।
- ज्यादा लोग workshops में मजदूर (labourer) की तरह काम करते थे, जहां मालिक उनकी wages fix करता था।
- लेकिन wages नहीं बढ़ी, जबकि prices बढ़ती रहीं — इससे गरीब और अमीर के बीच की दूरी और बढ़ गई।
🌾 सूखा और ओलावृष्टि (Drought and Hail):
- जब भी खराब मौसम जैसे drought (सूखा) या hailstorm (ओले) आते थे, तो फसलें बर्बाद हो जाती थीं।
- इससे होता था एक Subsistence Crisis, यानी एक ऐसी स्थिति जहाँ लोगों के पास बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए भी साधन नहीं होते थे।
🧠 Subsistence Crisis उस समय France में अक्सर होता था, खासकर Old Regime (पुराने शासन) के समय में।
📌 1.2 How a Subsistence Crisis Happens (जीविका संकट कैसे होता है)
संकट के चरण (Steps of Crisis):
- Bad Harvest – खराब फसल।
- Scarcity of Grain – अनाज की कमी।
- Rising Prices of Food – खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ना।
- Weak Bodies & Disease – गरीब लोगों के शरीर कमजोर हो जाना और बीमारियां फैलना।
- Increased Deaths & Food Riots – मृत्यु दर बढ़ना और दंगे होना।
🧩 इसका असर सबसे ज्यादा गरीबों और मजदूरों पर पड़ता था, जो रोज कमाते और रोज खाते थे।
📌 **1.3 A Growing Middle Class Envisages an End to Privileges
(उभरता मध्य वर्ग विशेषाधिकारों का अंत चाहता है)**
🧑💼 नया जागरूक वर्ग:
- पहले किसान और मजदूर केवल revolt (विद्रोह) करते थे लेकिन उनके पास संगठित योजना (organised programme) नहीं थी।
- लेकिन अब Third Estate में कुछ prosperous (समृद्ध) और शिक्षित (educated) लोग उभरने लगे जिन्हें नई सोच और शिक्षा का लाभ मिला था।
💼 व्यापारी, वकील और पढ़े-लिखे लोग:
- ये लोग overseas trade और wool/silk के उद्योगों (manufacturing) से पैसे कमा रहे थे।
- इनमें व्यापारी, उद्योगपति, वकील (lawyers), अफसर (administrative officials) आदि शामिल थे।
- ये मानते थे कि किसी को भी जन्म के आधार पर विशेषाधिकार नहीं मिलने चाहिए।
📚 दार्शनिकों के विचार (Philosophers’ Ideas):
Philosopher | Key Idea |
---|---|
John Locke | राजा को ईश्वर की ओर से मिला absolute अधिकार गलत है – यह सिद्धांत ख़ारिज किया। |
Rousseau | सरकार जनता और उनके प्रतिनिधियों के बीच Social Contract पर आधारित होनी चाहिए। |
Montesquieu | सरकार की शक्ति तीन हिस्सों में बाँटने का प्रस्ताव – Legislature, Executive और Judiciary। |
🇺🇸 USA का संविधान इन विचारों का पहला व्यवहारिक उदाहरण बना।
🗣️ विचारों का प्रसार:
- ये सभी विचार salons (सभा) और coffee houses में चर्चा के माध्यम से फैलने लगे।
- अखबारों और किताबों में ये विचार आम जनता तक पहुँचे — जिनमें से कई लोगों को पढ़ना-लिखना भी नहीं आता था, इसलिए उन्हें पढ़कर सुनाया जाता था।
😠 राजा पर गुस्सा क्यों?
- जब लोगों को यह पता चला कि Louis XVI अब और टैक्स लगाने वाला है, तो लोगों का गुस्सा भड़क गया।
- जनता ने privileges वाले system के खिलाफ आवाज़ उठाई।
✅ निष्कर्ष (Conclusion):
- France में जनता अब समानता (equality) और अधिकारों (rights) की माँग करने लगी थी।
- यह French Revolution की ओर पहला बौद्धिक और सामाजिक कदम था।
🔥 2. The Outbreak of the Revolution
(क्रांति का प्रारंभ)
💰 टैक्स बढ़ाने की ज़रूरत और राजा की सीमाएं:
- पिछली घटनाओं की तरह Louis XVI को टैक्स बढ़ाना जरूरी था, क्योंकि सरकार की कमाई से खर्च पूरे नहीं हो पा रहे थे।
- लेकिन Old Regime (पुराने राजशाही शासन) में राजा अपनी मर्जी से टैक्स नहीं बढ़ा सकता था।
🏛️ क्या करना पड़ता था?
- इसके लिए उसे Estates General की meeting बुलानी पड़ती थी।
- यह एक राजनीतिक संस्था (political body) थी, जिसमें तीनों estates (First – Clergy, Second – Nobility, Third – Common people) के प्रतिनिधि (representatives) भेजे जाते थे।
- लेकिन यह सभा केवल राजा की मर्जी से ही बुलाई जाती थी, और पिछली बार इसे 1614 में बुलाया गया था!
🗓️ 5 May 1789 – Versailles में Estates General की Meeting
- Louis XVI ने नए टैक्स प्रस्ताव पास करवाने के लिए Estates General की बैठक बुलाई।
- एक भव्य Hall (सज्जित सभा भवन) Versailles में तैयार किया गया।
- First Estate और Second Estate ने 300-300 प्रतिनिधि भेजे।
- Third Estate ने 600 प्रतिनिधि भेजे, लेकिन उन्हें पीछे खड़ा किया गया।
- इन 600 लोगों में से ज़्यादातर शिक्षित और अमीर व्यापारी, वकील आदि थे — लेकिन किसानों, कारीगरों और महिलाओं को अंदर आने नहीं दिया गया।
- हालाँकि, इन excluded वर्गों की समस्याएँ और माँगें लगभग 40,000 letters के रूप में उनके प्रतिनिधियों के माध्यम से पहुँचाई गईं।
🗳️ वोटिंग का विवाद: एक Estate = एक Vote?
- पहले की तरह हर Estate को एक ही वोट दिया गया था — इसका मतलब है कि First और Second मिलकर Third Estate को हरा सकते थे।
- लेकिन Third Estate ने माँग की कि अब voting हर प्रतिनिधि का एक vote हो — मतलब “one man, one vote”.
- यह माँग Rousseau जैसे विचारकों के democratic principles पर आधारित थी।
❌ राजा ने यह प्रस्ताव मानने से मना कर दिया।
➡️ Third Estate के सभी सदस्य विरोध में Assembly से walk out कर गए।
🏛️ 20 June 1789 – Tennis Court Oath
- Third Estate के प्रतिनिधियों ने खुद को “National Assembly” घोषित कर दिया।
- Versailles में एक Indoor Tennis Court में इकट्ठा होकर उन्होंने शपथ ली कि: “जब तक हम एक नया संविधान (constitution) तैयार नहीं कर लेते जो राजा की शक्तियों को सीमित करे, तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे।”
👉 प्रमुख नेता:
- Mirabeau – एक noble होते हुए भी वह feudal privileges के खिलाफ थे, उन्होंने speeches और पत्रिकाओं के ज़रिये लोगों को जागरूक किया।
- Abbé Sieyès – एक पादरी जिन्होंने प्रसिद्ध pamphlet लिखा – “What is the Third Estate?”
🇫🇷 पूरे देश में उथल-पुथल:
🌾 महंगाई और गुस्सा
- उसी समय एक भयंकर सर्दी और खराब फसल ने ब्रेड की कीमतें और बढ़ा दीं।
- Bakers ने अनाज छुपा लिया (hoarding) ताकि ज्यादा दामों में बेच सकें।
- लोग घंटों लाइन में खड़े रहते — और फिर गुस्साई महिलाएं दुकानों में घुस गईं।
🏰 14 July 1789 – Storming of the Bastille
- लोगों की भीड़ ने Bastille किले-जेल पर हमला कर दिया और उसे गिरा दिया।
- यह राजा की तानाशाही का प्रतीक था, इसलिए जनता ने इसे तोड़ दिया।
🌾 गांवों में भी विद्रोह:
- गांव-गांव में अफवाह फैली कि जमींदारों (lords) ने लुटेरों को भेजा है जो किसानों की फसलें बर्बाद करेंगे।
- डर के मारे किसानों ने हथियार उठाए (hoes & pitchforks) और जमींदारों के महल (chateau) पर हमला कर दिया।
- किसानों ने अनाज लूटा, टैक्स के दस्तावेज जलाए और कई रईस देश छोड़कर भाग गए।
📜 परिणाम (Results):
✅ राजा को झुकना पड़ा:
- Louis XVI को आखिरकार National Assembly को मान्यता देनी पड़ी।
- उसने मान लिया कि अब से उसकी शक्तियाँ संविधान द्वारा सीमित होंगी।
📅 4 August 1789 – ऐतिहासिक फैसला:
- Assembly ने एक decree (आदेश) पास किया:
- Feudal system (जमींदारी व्यवस्था) और करों को समाप्त किया गया।
- Clergy को उनके privileges छोड़ने पड़े।
- Tithes (चर्च टैक्स) को खत्म कर दिया गया।
- Church की ज़मीन जब्त कर ली गई।
➡️ इससे सरकार को करीब 2 billion livres की संपत्ति प्राप्त हुई।
🔚 निष्कर्ष (Conclusion):
- National Assembly की घोषणा, Bastille का गिराया जाना, और ग्रामीण विद्रोह — ये सब मिलकर French Revolution के स्पष्ट और निर्णायक आरंभ बन गए।
🏛️ 2.1 France Becomes a Constitutional Monarchy
(फ्रांस बना एक संवैधानिक राजतंत्र)
📜 नया संविधान (Constitution of 1791)
- 1791 में National Assembly ने फ्रांस का पहला लिखित संविधान (written constitution) तैयार कर लिया।
- इसका मुख्य उद्देश्य था: “राजा की शक्तियों को सीमित करना (to limit the powers of the monarch).”
⚖️ सत्ता का बंटवारा (Separation of Powers):
- अब सारी शक्ति राजा के एक हाथ में नहीं रही।
- इसे तीन हिस्सों में बाँट दिया गया:
- Legislature (विधानमंडल) – कानून बनाएगा
- Executive (कार्यपालिका) – कानून को लागू करेगा
- Judiciary (न्यायपालिका) – कानून की व्याख्या करेगा
👉 इस व्यवस्था के लागू होने के बाद France एक Constitutional Monarchy बन गया, जिसमें राजा केवल प्रतीकात्मक बनकर रह गया।
🗳️ वोटिंग की नई प्रणाली (Voting Rights – Active vs Passive Citizens)
Citizen Type | कौन थे? | अधिकार |
---|---|---|
Active Citizens | 25 वर्ष से ऊपर के पुरुष जो इतना टैक्स देते थे जितना एक मजदूर 3 दिन में कमाता है | इन्हें vote देने का अधिकार था |
Passive Citizens | बाकी सभी पुरुष और सभी महिलाएं | इन्हें वोट देने का कोई अधिकार नहीं था |
- Electors वही लोग बन सकते थे जो समाज के सबसे अधिक टैक्स देने वाले वर्ग से आते थे।
- नागरिक सीधे National Assembly को vote नहीं करते थे, बल्कि Electors को चुनते थे, जो आगे जाकर Assembly के सदस्य बनते थे।
👥 Declaration of the Rights of Man and Citizen
(मनुष्य और नागरिक के अधिकारों की घोषणा)
- संविधान की शुरुआत इस घोषणा से हुई, जिसमें कुछ मूल अधिकारों (natural rights) को स्वीकार किया गया:
🔑 मुख्य अधिकार (Important Rights):
- Right to Life – जीने का अधिकार
- Freedom of Speech – बोलने की आज़ादी
- Freedom of Opinion – अपनी राय रखने की आज़ादी
- Equality before Law – कानून के सामने सभी समान
🧠 इन अधिकारों को कहा गया “Natural and Inalienable Rights” यानी:
“ये हर व्यक्ति को जन्म से मिलते हैं और कोई भी इन्हें छीन नहीं सकता।”
👮♂️ राज्य (State) का कर्तव्य है कि वह इन अधिकारों की रक्षा करे।
🖼️ Reading Political Symbols
(राजनीतिक प्रतीकों का अर्थ समझना)
18वीं सदी में ज़्यादातर लोग पढ़ना-लिखना नहीं जानते थे। इसलिए प्रतीकों (symbols) का उपयोग विचारों को बताने के लिए किया जाता था।
🎨 Le Barbier की painting (Declaration of Rights) में प्रमुख symbols:
प्रतीक | अर्थ (Meaning) |
---|---|
🐍 Snake biting its tail | Eternity (अनंतता) – शुरुआत और अंत नहीं होता |
🔺 Eye in a triangle with light | Knowledge – अज्ञानता के अंधेरे को मिटाता है |
⚖️ Sceptre | राजशाही की शक्ति का प्रतीक |
🔗 Broken Chain | दासता से मुक्ति (Freedom from slavery) |
🎓 Red Phrygian Cap | वह टोपी जो आज़ाद गुलाम पहनते थे – स्वतंत्रता का प्रतीक |
📦 Bundle of Rods (Fasces) | एक डंडा टूट सकता है, लेकिन बंधा हुआ गुच्छा नहीं – एकता में शक्ति |
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
- France अब एक Constitutional Monarchy बन चुका था – राजा की शक्ति सीमित हो गई थी।
- केवल धनवान पुरुषों को ही मताधिकार मिला था।
- यह बदलाव लोगों के प्राकृतिक अधिकारों को मान्यता देने और एक नई लोकतांत्रिक सोच की शुरुआत थी।
🇫🇷 3. France Abolishes Monarchy and Becomes a Republic
(फ्रांस ने राजतंत्र को समाप्त कर गणराज्य की स्थापना की)
🕊️ राजा का भरोसा तो टूटा ही था, वो धोखा भी कर रहा था!
- Louis XVI ने भले ही 1791 का संविधान sign कर दिया था, लेकिन वह चुपचाप Prussia के राजा से गुप्त बातचीत कर रहा था।
- आसपास के दूसरे देशों के शासकों को भी डर लगने लगा था कि क्रांति उनके देशों में भी न फैल जाए।
➡️ उन्होंने France में चल रही क्रांति को कुचलने के लिए मिलकर सेना भेजने की योजना बनाई।
⚔️ April 1792 – France ने युद्ध की घोषणा कर दी
- National Assembly ने Prussia और Austria के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी।
- हजारों देशभक्त युवा सैनिकों के रूप में सेना में शामिल हो गए।
- यह युद्ध आम जनता ने राजाओं और अमीर वर्गों के खिलाफ माना।
🎵 “La Marseillaise” – इस युद्ध के दौरान गाया गया एक देशभक्ति गीत, जो आज France का राष्ट्रगान (National Anthem) है।
💣 युद्ध का असर और जनता में असंतोष
- युद्ध की वजह से आर्थिक संकट (economic hardship) और खाने की कमी और बढ़ गई।
- महिलाएं घर पर रहकर परिवार चलाने और कमाने की जिम्मेदारी निभा रही थीं।
👥 जनता को लगने लगा कि क्रांति अधूरी है, क्योंकि 1791 का संविधान सिर्फ अमीरों को राजनीतिक अधिकार देता था।
🏛️ Political Clubs और Jacobins का उदय
- जनता ने सरकार की नीतियों पर चर्चा और विरोध के लिए political clubs बनाए।
- सबसे प्रमुख क्लब था – Jacobins Club (नाम लिया गया St. Jacob मठ से)।
👩🦰 महिलाओं ने भी इस समय अपने women clubs बनाए। (इनकी चर्चा अगली section में है)
🧑🔧 Jacobin Members कौन थे?
- ज़्यादातर गरीब वर्ग से – जैसे कि:
- छोटे दुकानदार (small shopkeepers)
- मोची (shoemakers)
- कारीगर (artisans)
- वॉचमेकर, प्रिंटर, दैनिक मजदूर आदि
- इनके नेता थे – Maximilian Robespierre
🧵 इन्होंने घुटनों तक की पतलून (knee breeches) न पहनकर लंबी पट्टीदार पैंट पहननी शुरू की — ताकि खुद को अमीर वर्ग से अलग दिखा सकें।
➡️ इन्हें कहा जाने लगा: Sans-culottes — “वे लोग जो घुटनों तक की पैंट नहीं पहनते हैं”
🎩 ये लोग लाल टोपी (red cap) भी पहनते थे – जो स्वतंत्रता (Liberty) का प्रतीक थी।
❌ लेकिन महिलाओं को यह टोपी पहनने की अनुमति नहीं थी।
🏰 10 August 1792 – जनता का विद्रोह
- Paris में भूख और महंगाई से नाराज जनता ने Tuileries Palace पर हमला कर दिया।
- राजा के सैनिकों की हत्या कर दी और राजा को बंदी बना लिया।
📥 इसके बाद Assembly ने राजपरिवार को जेल भेजने का फैसला लिया।
🗳️ नई चुनाव प्रणाली (Universal Male Suffrage)
- अब से: हर 21 साल से ऊपर का पुरुष, चाहे वह अमीर हो या गरीब, वोट देने का अधिकारी होगा।
👉 इस नए सिस्टम के तहत जो संसद बनी, उसे कहा गया – The Convention
📅 21 September 1792 – क्रांति का निर्णायक मोड़
- The Convention ने:
- राजतंत्र (Monarchy) को समाप्त कर दिया।
- France को एक Republic (गणराज्य) घोषित कर दिया।
📌 Republic का अर्थ है – एक ऐसी सरकार जिसमें जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है, और सत्ता किसी भी वंशानुगत राजा के पास नहीं होती।
⚖️ राजा का अंत (The Execution of the King)
- Louis XVI पर देशद्रोह (Treason) का मुकदमा चला।
- उन्हें दोषी पाए जाने पर: 21 January 1793 को Place de la Concorde पर सार्वजनिक रूप से फाँसी दे दी गई।
- कुछ समय बाद, रानी Marie Antoinette को भी यही सजा मिली।
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
- राजा और रानी दोनों को खत्म कर दिया गया।
- France अब एक सच्चा गणराज्य (True Republic) बन गया था, जहाँ राजा नहीं, जनता की आवाज़ सर्वोपरि थी।
⚔️ 3.1 The Reign of Terror (1793–1794)
(आतंक का शासनकाल)
🔥 क्या था “Reign of Terror”?
- यह समय था जब Robespierre ने सरकार पर सख्त नियंत्रण किया।
- उसने कहा कि जो भी गणराज्य का दुश्मन (enemy of the republic) है — चाहे:
- पुराना राजा या रईस (ex-nobles)
- चर्च के लोग (clergy)
- दूसरे राजनीतिक दलों के सदस्य
- या उसके अपने पार्टी के लोग जो उससे असहमत थे —
⚖️ दोषी साबित होते ही क्या होता?
- अगर अदालत उन्हें गुनहगार (guilty) मानती, तो उन्हें guillotine पर भेज दिया जाता।
🔪 Guillotine क्या था?
- Guillotine एक ऐसा यंत्र (device) था जिसमें दो खंभे और एक तेज़ ब्लेड होता था।
- इसी से गर्दन काटी जाती थी।
- इसका नाम Dr. Guillotin पर रखा गया था, जिसने इसे बनाया।
📉 Robespierre की नीतियाँ (Policies of Control):
नीति | विवरण |
---|---|
💸 Wages और Prices पर Control | अधिकतम वेतन और वस्तुओं के दाम तय कर दिए गए। |
🥩 Rationing | मांस (meat) और ब्रेड (bread) को राशन में बांटा गया। |
🌾 अनाज पर नियंत्रण | किसानों को मजबूर किया गया कि वे अपना अनाज शहर लाकर सरकारी कीमत पर बेचें। |
🍞 Equality Bread | महंगा सफेद आटा बैन कर दिया गया; सबको wholewheat से बना pain d’égalité खाना पड़ा। |
👥 नाम बदलने की परंपरा | Monsieur (Sir) और Madame (Madam) की जगह सभी को Citoyen (Citizen) और Citoyenne कहा जाने लगा। |
🛐 Churches बंद कर दिए गए | और उनके भवनों को barracks या सरकारी दफ्तरों में बदल दिया गया। |
❌ अंत कैसे हुआ?
- Robespierre बहुत ज़्यादा सख्ती से नीतियाँ लागू कर रहा था, जिससे उसके अपने समर्थक भी उससे नाराज़ हो गए।
- July 1794 में अदालत ने उसे दोषी ठहराया, और अगले दिन उसे भी Guillotine पर चढ़ा दिया गया।
🏛️ 3.2 A Directory Rules France
(अब Directory ने शासन संभाला)
🏛️ Jacobins के पतन के बाद क्या हुआ?
- अब सत्ता धनी मध्यम वर्ग (wealthy middle class) के हाथ में आ गई।
- एक नया संविधान बना जिसमें:
- गैर-जमींदार वर्ग (non-propertied) को वोट देने का अधिकार नहीं था।
- यानी अब फिर से गरीबों को राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया।
🧾 नई सरकार की संरचना:
- अब सरकार में दो मुख्य भाग थे:
- दो चुनी हुई विधान परिषदें (Legislative Councils)
- इन परिषदों ने एक Directory नियुक्त की – जिसमें 5 सदस्य (executives) थे।
🛡️ इसका उद्देश्य था:
“एक व्यक्ति के हाथ में सत्ता न रहे, जैसे पहले Robespierre के समय हुआ था।”
⚠️ लेकिन फिर क्या हुआ?
- अक्सर Directory और Legislative Councils के बीच टकराव (conflict) होता था।
- परिषदें कई बार Directories को हटाने की कोशिश करती थीं।
📉 इस राजनीतिक अस्थिरता (instability) के कारण जनता का भरोसा फिर टूटने लगा।
🧨 और इसी बीच उभरा एक नया चेहरा:
Napoleon Bonaparte – एक सैनिक नेता, जिसने इस राजनीतिक संकट का फायदा उठाकर सत्ता हासिल कर ली।
🌍 स्थायी प्रभाव (Lasting Legacy):
- चाहे सत्ता किसी के भी हाथ में रही हो – स्वतंत्रता (Liberty), कानून के सामने समानता (Equality before Law), और बंधुत्व (Fraternity) जैसे विचार पूरे फ्रांस और यूरोप में आंदोलनों की प्रेरणा बन गए।
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
- Robespierre के कठोर शासन ने एक ओर डर का माहौल बनाया, वहीं दूसरी ओर सत्ता बदलने का रास्ता खोला।
- Directory प्रणाली भी अस्थिर रही और अंततः Napoleon का उदय हुआ।
- लेकिन क्रांति के मूल सिद्धांत आने वाले वर्षों तक लोगों की सोच और आंदोलनों को प्रेरित करते रहे।
👩🦱 4. Did Women Have a Revolution?
(क्या महिलाओं ने भी क्रांति की थी?)
🌺 शुरुआत से ही महिलाएं सक्रिय थीं
- जब French Revolution शुरू हुआ, उसी समय से महिलाएं भी उसमें सक्रिय रूप से शामिल थीं।
- उन्हें उम्मीद थी कि उनकी भागीदारी से सरकार पर दबाव बनेगा और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।
🧺 महिलाओं की स्थिति कैसी थी?
🧕 तीसरे वर्ग (Third Estate) की महिलाएं:
- ज़्यादातर महिलाएं काम करने वाली (working class) थीं — जैसे:
- सिलाई (seamstress), कपड़े धोना (laundress)
- बाजार में फूल, फल और सब्जियाँ बेचना
- अमीरों के घरों में नौकरानी के रूप में काम करना
- उन्हें न तो अच्छी शिक्षा मिलती थी और न ही कोई job training।
🎓 शिक्षा सिर्फ अमीरों की बेटियों को:
- कुलीन वर्ग या अमीर third estate की बेटियाँ convent schools में पढ़ सकती थीं।
- फिर परिवार उन्हें शादी के लिए तैयार करता था, न कि नौकरी या स्वतंत्र जीवन के लिए।
👩👧👦 जिम्मेदारियाँ और भेदभाव:
- काम करने के साथ-साथ उन्हें:
- खाना पकाना
- पानी भरना
- ब्रेड के लिए लाइन में लगना
- बच्चों की देखभाल भी करनी पड़ती थी।
- उनकी तनख्वाह पुरुषों से कम होती थी।
📢 महिलाएं कैसे लड़ीं?
📰 Political Clubs और Newspapers:
- महिलाओं ने अपने political clubs और अखबार (newspapers) शुरू किए ताकि वो अपनी बात रख सकें।
- पूरे France में 60 से अधिक महिला क्लब बने।
👩🚺 प्रसिद्ध क्लब:
- Society of Revolutionary and Republican Women सबसे प्रसिद्ध क्लबों में से एक था।
उनकी मुख्य मांगें:
- महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर राजनीतिक अधिकार मिलें:
- वोट देने का अधिकार (Right to Vote)
- Assembly के लिए चुने जाने का अधिकार
- सरकारी पदों पर काम करने का अधिकार
👉 Constitution of 1791 ने महिलाओं को passive citizens बना दिया था – इससे महिलाएं निराश थीं।
📜 शुरू में मिले कुछ अधिकार:
सुधार | विवरण |
---|---|
🏫 शिक्षा का अधिकार | सभी लड़कियों के लिए schooling अनिवार्य की गई। |
💍 शादी पर नियंत्रण | अब पिता जबरदस्ती शादी नहीं करवा सकते थे। |
📝 शादी एक contract बनी जो सिविल कानून के अंतर्गत रजिस्टर्ड होती थी। | |
⚖️ तलाक का अधिकार | अब महिलाएं और पुरुष दोनों तलाक ले सकते थे। |
🧑🎨 कैरियर के अवसर | महिलाएं अब artist, व्यापारी या छोटे उद्योग चला सकती थीं। |
🚫 लेकिन फिर आया Reign of Terror का समय:
- सरकार ने महिला क्लबों पर प्रतिबंध लगा दिया और उनकी राजनीतिक गतिविधियाँ बंद कर दीं।
- कई प्रमुख महिलाओं को गिरफ्तार किया गया और कुछ को फाँसी भी दी गई।
🌍 महिलाओं की लंबी लड़ाई:
- क्रांति के बाद भी महिलाओं की समान वेतन और वोटिंग अधिकार की लड़ाई जारी रही।
- 19वीं और 20वीं सदी में दुनिया भर में international suffrage movement चली।
🇫🇷 आखिरकार:
1946 में फ्रांस की महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
- French Revolution में महिलाओं की भूमिका सशक्त और प्रेरणादायक थी।
- उन्होंने न केवल राजनीतिक भागीदारी की माँग की बल्कि शिक्षा, शादी, तलाक और व्यवसाय में भी स्वतंत्रता की दिशा में कदम उठाए।
- उनका संघर्ष आज भी महिला अधिकारों के आंदोलनों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।
⛓️ 5. The Abolition of Slavery
(गुलामी का अंत)
🌍 Caribbean में French Colonies और Plantation System
- French colonies जैसे कि Martinique, Guadeloupe और San Domingo (आज का Haiti) — tobacco, indigo, sugar और coffee जैसी चीज़ों की आपूर्ति करते थे।
- लेकिन ये दूर-दराज के क्षेत्र थे, इसलिए यूरोपीय लोग वहाँ जाकर काम नहीं करना चाहते थे।
📉 इस वजह से plantation में काम करने के लिए labour (श्रमिकों) की भारी कमी हो गई।
🔁 Triangular Slave Trade – Europe, Africa, America
- 17वीं सदी से तीन-मुखी व्यापार (triangular trade) शुरू हुआ:
- French merchants (जैसे Bordeaux और Nantes से) अफ्रीका गए।
- वहाँ स्थानीय सरदारों से गुलाम (slaves) खरीदे।
- फिर उन्हें Atlantic Ocean पार कर Caribbean भेजा गया, जहाँ उन्हें जंजीरों में बाँधकर, जहाजों में詰ठा कर लाया गया।
🚢 इन गुलामों को plantation मालिकों को बेच दिया गया और उनसे जबरदस्ती काम करवाया गया।
💰 यूरोप की समृद्धि और गुलामों का शोषण
- French cities जैसे Bordeaux और Nantes की समृद्धि गुलामी और slave trade पर निर्भर थी।
- यूरोपीय बाजारों में बढ़ती मांग (demand) — खासकर sugar, coffee और indigo के लिए — पूरी तरह slave labour पर आधारित थी।
❌ France में गुलामी पर विरोध कब शुरू हुआ?
- 18वीं सदी में France में गुलामी का ज़्यादा विरोध नहीं हुआ।
- National Assembly ने यह बहस की कि क्या Rights of Man and Citizen को colonies के गुलामों को भी मिलना चाहिए?
🙅♂️ लेकिन उन्होंने कोई कानून नहीं पास किया, क्योंकि व्यापारियों (businessmen) का विरोध झेलना नहीं चाहते थे — जिनकी कमाई गुलामी से होती थी।
⚖️ 1794 – Jacobin शासन और Convention का क्रांतिकारी कदम
- आखिरकार, 1794 में Convention ने कानून बनाकर: सभी French colonies में गुलामों को आज़ादी (Emancipation) दे दी।
🎉 यह एक ऐतिहासिक सामाजिक सुधार (revolutionary social reform) था।
😞 पर यह आज़ादी टिक नहीं पाई…
- 10 साल बाद, Napoleon ने फिर से slavery लागू कर दी।
- Plantation मालिकों के लिए “freedom” का मतलब था – दूसरों को गुलाम बनाकर फायदा उठाना।
✅ अंततः गुलामी का स्थायी अंत:
1848 में फ्रांसीसी उपनिवेशों में गुलामी (slavery) को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया।
📘 New Words:
शब्द | अर्थ |
---|---|
Negroes | अफ्रीका के मूल निवासियों के लिए एक पुराना और अब अपमानजनक शब्द, आज उपयोग नहीं किया जाता। |
Emancipation | किसी को गुलामी से मुक्त करने का कार्य (freedom from slavery) |
📌 निष्कर्ष (Conclusion):
- French Revolution ने सिर्फ France को ही नहीं, बल्कि उसके colonies में भी बदलाव की शुरुआत की।
- 1794 का कानून गुलामी के खिलाफ पहला बड़ा कदम था, लेकिन ये स्थायी नहीं था।
- 1848 में गुलामी का पूरी तरह से अंत हुआ — और यह फ्रेंच क्रांति की समानता और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक बन गया।
🕊️ 6. The Revolution and Everyday Life
(क्रांति और आम ज़िंदगी में बदलाव)
❓ क्या राजनीति हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी बदल सकती है?
- Yes! – 1789 के बाद France में लोगों के पहनावे, भाषा और पढ़ने की चीज़ों में बड़ा बदलाव आया।
- Revolutionary सरकारों ने Liberty और Equality जैसे आदर्शों को लोगों के दैनिक जीवन (everyday life) में उतारने के लिए क़ानून बनाए।
❌ सेंसरशिप का अंत (End of Censorship)
- Old Regime में किताबें, अखबार, नाटक आदि राजा के censor की अनुमति के बिना प्रकाशित या प्रस्तुत नहीं हो सकते थे।
- लेकिन 1789 की Declaration of the Rights of Man and Citizen ने कहा: “Freedom of Speech और Expression” एक प्राकृतिक अधिकार (natural right) है।
📚 इसके बाद:
- Newspapers, pamphlets, books और चित्र तेजी से शहरों और फिर गांवों में फैलने लगे।
- हर पक्ष ने print media के ज़रिए अपनी राय लोगों तक पहुँचाई।
🎭 आम जनता के लिए क्रांति को समझने के तरीके:
- Plays (नाटक), Songs (गीत), और Processions (जुलूस) ने:
- Liberty (स्वतंत्रता),
- Justice (न्याय) जैसे विचारों को
- आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
📖 क्योंकि जो दर्शनशास्त्री (philosophers) लिखते थे, वो सिर्फ पढ़े-लिखे लोग समझ सकते थे, लेकिन ये प्रदर्शन सभी के लिए थे।
📘 Conclusion – क्रांति की विरासत और नेपोलियन का दौर
👑 1804 – Napoleon बना France का सम्राट
- Napoleon Bonaparte ने खुद को Emperor घोषित किया।
- उसने पूरे यूरोप में:
- दूसरे राजाओं को हराया,
- अपने परिवार के लोगों को राजा बनाया।
🏛️ Napoleon: एक आधुनिक विचारक या विजेता?
- उसने Modern Laws लागू किए, जैसे:
- Private Property की रक्षा
- Decimal system द्वारा तौल और माप की एक समान व्यवस्था
📌 शुरू में लोग उसे “liberator” (मुक्तिदाता) मानते थे,
❌ लेकिन बाद में उसकी सेनाओं को आक्रमणकारी (invaders) माना जाने लगा।
🗡️ 1815 में Waterloo की लड़ाई में Napoleon हार गया।
🌍 क्रांति की सबसे बड़ी विरासत: Liberty और Democratic Rights
- French Revolution के विचार:
- स्वतंत्रता (Liberty)
- लोकतांत्रिक अधिकार (Democratic Rights)
🔗 ये विचार कहाँ-कहाँ पहुँचे?
- Feudal Systems को कई देशों में समाप्त किया गया।
- Colonised देशों (जैसे भारत) ने भी इन्हीं विचारों के आधार पर स्वतंत्र राष्ट्र (sovereign nation) की मांग की।
👑 Tipu Sultan और
🧠 Raja Rammohan Roy जैसे नेताओं ने
French Revolution से प्रेरणा ली।
✅ निष्कर्ष (Final Summary):
पहलू | प्रभाव |
---|---|
👨⚖️ राजनीतिक अधिकार | वोट का अधिकार, सत्ता में भागीदारी |
🕊️ स्वतंत्रता और समानता | सभी नागरिक कानून के सामने बराबर |
📚 ज्ञान और अभिव्यक्ति की आज़ादी | प्रेस की स्वतंत्रता, शिक्षा और सोच की खुली राह |
🌍 विश्वव्यापी प्रभाव | यूरोप से लेकर भारत तक स्वतंत्रता आंदोलनों को प्रेरणा मिली |