नाकोडा भैरव भजन

नाकोडा भैरव भजन

ले लो ना शरण में दादा क्या घट जाएगा

ले लो न शरण में दादा क्या घट जाएगा
नाकोड़ा के राजा मेरा काम बन जाएगा !!ले लो ना!!
दुनिया को छोड़ मैंने तुझको पुकारा है
तेरा ही भरोसा दादा तेरा ही सहारा है
हंसेगा जमाना दादा जो तू ना आएगा !!ले लो ना!!
तू ही दयालु दाता तू ही कृपालु है
तेरी महिमा का कोई पार नहीं पाया है
मेवाड़ी धरती पर दादा तेरा ही साम्राज्य है !!ले लो ना!!
तेरे सिवा मेरा कोई न सहारा है
तेरे चरणों में दादा तन मन वारा है !!ले लो ना!!
पारस का पुजारी तू तो जिन अवतारी है
अंबा मां के लाला तेरी शान निराली है
इस कलयुग में दादा तेरा ही आधार है !!ले लो ना!!

 

 



आज मारा भैरूजी के कई हो ग्यो

आज मारा भेरुजी के कई हो ग्यो
ऐ तो धीरे-धीरे खेले रे !!आज मारा!!

लूण ऊवारूँ थारे राई मे ऊवारूँ,

थारे सौ सौ मिरच्या वारूँ रे !!आज मारा!!

भैरूजी ने लेर में तो बगीचा में गया था
मालणियाँ री नजरा लागी रे…….!!आज मारा!!

भैरूजी ने लेर में तो बाजारा में गया था
व्यापारियाँ री नजरा लागी रे…….!!आज मारा!!

भैरूजी ने लेर में तो सुनारा के गया था
सुनारियाँ री नजरा लागी रे…….!!आज मारा!!

भैरूजी ने लेर में तो घाणी ऊपर गया था
तेलणियाँ री नजरा लागी रे…….!!आज मारा!!

भैरूजी ने लेर में तो महला माय गया था
वीराण्याँ री नजरा लागी रे…….!!आज मारा!!

भैरूजी ने लेर में तो मन्दिरया मे गया था
पुजारियाँ री नजरा लागी रे…….!!आज मारा!!

 



जैसा चाहो मुझको समझना

जैसा चाहो मुझको समझना
बस इतना ही दादा तुमसे है कहना
मांगने की आदत जाती नहीं
मांगने की आदत जाती नहीं 
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं 
जैसा चाहो मुझको समझना 
बस इतना ही तुमसे है कहना 
बड़े बड़े पैसे वाले भी तेरे दर पर आते हैं 
मुझको है मालूम वह भी तुमसे मांग के खाते हैं 
तुमसे मांगने मैं इज्जत जाती नहीं 
तुमसे मांगने मैं इज्जत जाती नहीं 
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं
तुमसे दादा शर्म करुं तो,और कहां मैं जाऊंगा 
अपने इस परिवार का खर्चा और कहां से लाऊंगा
ये दुनिया तो बिगड़ी बनाती नहीं दादा
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं

 

मुझे ऐसा वर दे दे, गुणगान करूं तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे, गुणगान करूं तेरा
इस बालक के सिर पे, गुरु हाथ रहे तेरा
इस बालक के सिर पे, गुरु हाथ रहे तेरा
सेवा नित तेरी करूं तेरे द्वार पे आऊं मैं
चरणों की धूलि को निज शीश लगाऊं मैं
चरणामृत पाकर के, नित्य कर्म करूं मेरा 
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा
भक्ति और शक्ति दो, अज्ञान को दूर करो 
अरदास करूं गुरुवर , अभिमान को चूर करो 
नहीं द्वेष रहे मन में, रहे वास गुरु तेरा
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा 
विश्वास हो यह मन में तुम साथ ही हो मेरे 
तेरे ध्यान में खो जाऊं मैं , सपनों में रहो मेरे 
चरणों में लिपट जाऊं , तुम ख्याल करो मेरा 
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा
मेरा यश कीर्ति को, गुरु मुझसे दूर रखो 
इस मन मंदिर में तुम , भक्ति भरपूर करो 
तेरी जोत जगे मन में , नित ध्यान धरु तेरा
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा

 

दादा तेरे चरणों की , कोई धूली जो मिल जाए

दादा तेरे चरणों की , कोई धूली जो मिल जाए
सच कहता हूं दिल से , सच कहता हूं दिल से 
मेरी तकदीर संवर जाए।
सुनते हैं दया तेरी दिन-रात बरसती है 
इक बूंद जो मिल जाए , इक बूंद जो मिल जाए 
मेरी तक़दीर संवर जाए ।
ये मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा ध्यान धरूं
जितना इसे समझाऊं, जितना इसे समझाऊं 
उतना ही मचलता है। 
नजरों से गिराना नहीं , चाहे जो भी सजा देना 
नजरों में जो गिर जाऊं मुश्किल है संभल पाना ।
मेरे इस जीवन की, बस एक तमन्ना है 
तुम सामने हो मेरे , और प्राण निकल जाए 
दादा तेरे चरणों की, कोई धूलि जो मिल जाए।

 

स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है तेरा दरबार

स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है तेरा दरबार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है तेरा दरबार 
जहाँ तेरा प्यार मिला है, मुझे हर बार मिला है। 
रोशन है मेरी दुनिया तेरे ही प्यार से 
सब कुछ मिला है मुझको तेरे दरबार से 
तेरी शरण में आके मिला है एक नया परिवार 
जहां तेरा प्यार मिला है मुझे हर बार मिला है 
जब अपना हाथ मेरे सर पे वो फेर दे 
मेरी सारी विपदाओं को तुम ही तो मेटते 
हम पर अपना प्यार लुटा कर 
हम पर अपना प्यार लुटा कर , बना दिया हकदार 
जहां तेरा प्यार मिला है मुझे हर बार मिला है 
तुम हो हमारे दादा, हम है तुम्हारे 
मुझको तो लगते प्यारे तेरे हर नज़ारे 
मुझको तेरा साथ मिला है, जग की क्या दरकार 
जहां तेरा प्यार मिला है, मुझे हर बार मिला है

श्री नाकोडा भैरव मंत्र

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