राज्यपाल की शक्तियां बताइए
राज्यपाल की शक्तियां राज्यपाल राज्य कार्यपालिका का वैधानिक प्रधान होता है। दुर्गादास बसु के शब्दों में, “थोड़े में राज्यपाल राष्ट्रपति के समान है केवल सेना, कूटनीति, संकटकाल के अतिरिक्त।”
कार्यपालिका शक्तियां
राज्य का संवैधानिक मालिक राज्यपाल होता है। राज्यपाल को व्यापक शक्तियां प्रदान की गई है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति विधानसभा में बहुमत दल के नेता का निर्वाचन करता है। मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बाद वह मुख्यमंत्री की सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। राज्यपाल साधारण, अवित्तीय विधेयक पारित करता है। तथा उसे राज्यसूची के विषयों पर कानून निर्माण का पूरा अधिकार होता है। राष्ट्रपति की सहमति पर वह समवर्ती सूची के विषयों पर भी कानून बना सकता है। राज्यपाल महालेखापाल तथा राज्य लोक सेवा संघ के अध्यक्ष व सदस्यों को निर्वाचित करता है।
विधायी शक्तियां
राज्यपाल को विधायी क्षेत्र में व्यापक शक्तियां प्रदान की गई हैं। राज्यपाल को संविधान में संशोधन की शक्ति प्रदान नहीं की गई है, राज्यपाल तो केवल राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है। कुछ विषय ऐसे होते हैं जिनमें राज्यपाल की अनुमति आवश्यक होती है। राज्यपाल राज्य के संवैधानिक तंत्रों के अनुसार नहीं चलने पर राष्ट्रपति को अवगत कराता है तथा राष्ट्रपति शासन लागू करवाने हेतु कहता है। राज्यपाल को कानून निर्माण की शक्ति बहुत गुण हैं पर जब विषय राज्य का हो तो उसे पूरा अधिकार है। राज्यपाल विधान मंडल की प्रथम बैठक बुलवाता हैं।