प्राचीन भारत के प्रमुख व्यापार केंद्र praacheen pramukh vyaapaar kendr

praacheen pramukh vyaapaar kendrpraacheen pramukh vyaapaar kendr

प्राचीन भारत के प्रमुख व्यापार केंद्र



 प्राचीन भारत के प्रमुख व्यापार केंद्र
1. पाटलिपुत्र :–
वर्तमान में पटना के नाम से जाना जाता है ।
यह व्यापारिक केंद्र होने के साथ-साथ निर्यातक केंद्र भी था ।
पाटलिपुत्र विशेष रूप से ‘नगीनों’ के निर्यात के लिए प्रसिद्ध था ।
2. पेशावर :–
यहाँ मुख्य रूप से घोड़ी का आयात होता था।
यह उनके निर्यात का एक प्रमुख केंद्र था ।
भारत-चीन व्यापार में पेशावर का बहुत बड़ा हिस्सा होता था।
3. तक्षशिला :-
यह संपूर्ण मध्य एशिया का एक प्रमुख केंद्र था।
इससे वित्तीय वाणिज्यिक बैंकों का शहर भी कहते थे ।
यह एक महत्वपूर्ण विद्वता केंद्र माना जाता था।
यहां तक्षशीला विश्वविद्यालय एक विश्व विख्यात ज्ञान केंद्र के रूप में विकसित हुआ।
4. इंद्रप्रस्थ :-
यह शाही सड़क पर स्थित था ।
यह एक वाणिज्यिक जंक्शन था ।
यहां चारों दिशाओं में जाने वाले अधिकांश मार्गो का विलय हुआ था।



praacheen pramukh vyaapaar kendr

5. मथुरा :-
यहाँ वाणिज्य अधिक विकसित था।
यह व्यापार का एक प्रमुख विक्रय केंद्र था।
दक्षिणी भारत के कई रास्ते मथुरा से होकर जाते थे।
6. वाराणसी :-
यह गंगा मार्ग पर स्थित था ।
यह कपड़ा उद्योग का एक बहुत बड़ा केंद्र था ।
यह सुनहरे रेशम के कपड़े तथा चंदन की कारीगरी के लिए बहुत प्रसिद्ध था ।
7. मिथिला :-
मिथिला एक प्रमुख सामुद्रिक व्यापारिक केंद्र था।
यह बहुत सारे द्विपों के साथ व्यापार करता था।
मिथिला ने चीन और यूनान में अपने व्यापारिक कालोनियों की स्थापना की थी।
8. उज्जैन :-
यह विशेष प्रकार के पत्थरों जैसे सुमेलानी और कार्नेलियन पत्थरों का निर्यात करता था।
यहां से मलमल एवं मालों का कपड़ा अलग-अलग केंद्रों को निर्यात किया जाता था।
पश्चिमी देशों के साथ यहां से अधिक व्यापार होता था।
9. सूरत :-
यह पश्चिमी व्यापार का विक्रय केंद्र था
यहां का कपड़ा जरी के सुनहरे बॉर्डर के कारण प्रसिद्ध था ।
इसकी हुंडिया बहुत से दूर-दराज के देशों में भी चलती थी ।
अर्थात यहां का व्यापार दूर – दूर तक फैला हुआ था।
10. कांची :-
कांची को वर्तमान में कांजीवरम कहा जाता है ।
इसका चीन के साथ व्यापार अधिक होता था।
यहां से मोती , कांच, और दुर्लभ पत्थरों का निर्यात किया जाता था।
11. मदुरै :-
मन्नार की खाड़ी के मोती और मछली पालन पर इसका नियंत्रण था।
यह मोती , गहने और फैंसी कपड़ों का प्रमुख निर्यातक केंद्र था।
रोमन साम्राज्य के साथ इसका व्यापार अधिक था।



12. भरूच :-
यह नर्मदा नदी पर स्थित था ।
यह पश्चिमी भारत का सबसे महान वाणिज्य केंद्र था ।
यह स्थल मार्ग से कई महत्वपूर्ण मंडियों से जुड़ा हुआ था ।
13. कावेरीपट्ट :-
यह कावेरीपट्टनम् भी कहलाता था ।
विदेशी व्यापारी यहां अपने मुख्यालय रखते थे।
सुदूर पूर्व से व्यापार के लिए यह स्थान अधिक सुविधापूर्ण था।
यह जहाज निर्माण के लिए प्रसिद्ध था।




14. ताम्रलिप्ति :-
यह जल एवं स्थल दोनों मार्गों से जुड़ा हुआ था ।
यह भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक था ।
विदेशी व्यापार यहां विस्तृत था।

error: Content is protected !!