Chapter 2 laakh ki chudiya
Chapter 2 laakh ki chudiya लाख की चूड़ियां
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था?
उत्तर : लेखक के मामा के गांव में लाख की चूड़ियां बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग बिरंगी गोलियां बनाकर देता था। लेखक को बदलू से अत्यधिक लगाव था, इसलिए लेखक अपने मामा के गांव चाव से जाता था। गांव के सभी बच्चे बदलू को ‘बदलू काका’ कहकर बुलाते थे। इस कारण लेखक ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था।
प्रश्न 2. वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर : वस्तु विनिमय में एक वस्तु को दूसरी वस्तु देकर लिया जाता था। वस्तु के लिए पैसे नहीं लिए जाते थे, वस्तु के बदले वस्तु ही ली और दी जाती थी। किंतु अब मुद्रा के चलन के कारण वर्तमान परिवेश में वस्तु का लेनदेन मुद्रा द्वारा होता है। विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसा है।
प्रश्न 3. ‘मशीनी युग’ ने कितने हाथ काट दिए हैं।’ – इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर : इस पंक्ति में लेखक ने कारीगरों की व्यथा की ओर संकेत किया है कि मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथों से काम धंधा छीन गया। मानो उनके हाथ ही कट गए हो। उन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धंधों से ही चलता था। इसके अलावा उन्होंने कभी कुछ नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस कला को आगे बढ़ाते चले आ रहे हैं। परंतु मशीनी युग ने जहां उनकी रोजी-रोटी पर वार किया है, वहीं दूसरी ओर इन बेशकीमती कलाओं का अंत भी किया है। ये कारीगर कला होने पर भी बेकार हो गए। मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया।
प्रश्न 4. बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर : बदलू लाख की चूड़ियां बेचा करता था। परंतु जैसे-जैसे कांच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ता गया, उसका व्यवसाय ठप पड़ने लगा। अपने व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को मन ही मन में कचौटती थी। बदलू के मन में इस बात की व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरूप उस जैसे उनके कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। अब लोग कारीगरों की कद्र ना करके, दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। यह व्यथा लेखक से छुपी नहीं रह सकी।
प्रश्न 5. मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर : मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया कि बदलू का व्यवसाय बंद हो गया। वह बेरोजगार हो गया। काम ना करने से उसका शरीर भी ढल गया। उसके हाथ में व माथे पर नसें उभर आई। अब वह बीमार रहने लगा।
प्रश्न 6. लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीज़ें बनती है? ज्ञात कीजिए।
Chapter 2 laakh ki chudiya भाषा की बात
प्रश्न 1. ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूडि़यों से’ और बदलू स्वयं कहता है -” जो सुंदरता काँच की चूडि़यों में होती है लाख में कहाँ संभव है? ”ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
प्रश्न 2. ‘बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है –
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे – लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
प्रश्न 3. गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
laakh ki chudiya
Chapter 1 ध्वनि
Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ
Chapter 3 बस की यात्रा
Chapter 4 दीवानों की हस्ती
Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
Chapter 6 भगवान के डाकिये
Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए
Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं
Chapter 9 कबीर की साखियाँ
Chapter 11 जब सिनेमा ने बोलना सीखा
Chapter 12 सुदामा चरित
Chapter 13 जहाँ पहिया हैं
Chapter 14 अकबरी लोटा
Chapter 15 सूरदास के पद
Chapter 16 पानी की कहानी
Chapter 17 बाज और साँप
Chapter 18 टोपी