Arthik Kriyakalapo ka Ayojan आर्थिक क्रियाकलापों का आयोजन

Arthik Kriyakalapo ka AyojanArthik Kriyakalapo ka Ayojan आर्थिक क्रियाकलापों का आयोजन 

Arthik Kriyakalapo ka Ayojan 

आर्थिक क्रियाकलापों का आयोजन

1. केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था
2. बाजार अर्थव्यवस्था


1. केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था :-

इस अर्थव्यवस्था में सरकार अथवा केंद्रीय सत्ता ही अर्थव्यवस्था की सभी क्रियाओं की योजनाएँ बनाती है।
उत्पादन / विनिमय तथा वितरण /उपभोग सभी के निर्णय भी इस अर्थव्यवस्था में केंद्रीय सत्ता द्वारा ही किए जाते हैं।
इस अर्थव्यवस्था द्वारा पूरे समाज के लिए वाछंनीय कार्य किए जाते हैं।
अर्थव्यवस्था में व्यक्तियों द्वारा पर्याप्त मात्रा में उत्पादन न करने की स्थिति में केंद्रिय सत्ता द्वारा उन्हे इसके लिए प्रेरित किया जाता है । और स्वयं को भी आवश्यकता पड़ने पर पादन उत्पादन करना पड़ता है।
देश में जीवनयापन में कठिनाई की स्थिति होने पर केंद्रीय सत्ता द्वारा वंचित वर्ग को न्यायोचित हिस्सा दिया जाता है, जैसे कि सक्षम वर्ग से कर वसूल किया जाता है और उससे निर्धन वर्ग का को अनुदान दिया जाता है ।


2. बाजार अर्थव्यवस्था :-

बाजार अर्थव्यवस्था केंद्रीकृत अर्थव्यवस्था के विपरीत होती है वास्तव में बाजार वह व्यवस्था होती है जिसमें लोग निर्बाध क्रय- विक्रय कर सकते हैं ।
बाजार अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य किसी केंद्रीय सत्ता के द्वारा नहीं , अपितु बाजार द्वारा निर्धारित एवं नियंत्रित रहते हैं। जैसे कि
D- P- O- P किसी वस्तु की मांग बढ़ने पर उस वस्तु की बाजार में कीमत बढ़ जाती है। और इससे अधिक लाभ को देखकर उत्पादकों द्वारा वस्तु के उत्पादन में वृद्धि की जाती है । और अधिक पूर्ती की स्थिति में किमतें पुन: घट जाती है। सार रूप में बाजार अर्थव्यवस्था किसी केंद्रीय सत्ता / सरकार के हस्तक्षेप के बिना ही स्वत: संतुलन में रहती है।

 सारांश :-

वास्तविक जगत में किसी देश में न तो केवल केंद्रीकृत अर्थव्यवस्था होती है, और ना ही केवल बाजार अर्थव्यवस्था। अर्थव्यवस्था में मिश्रित अर्थव्यवस्था होती है , जिनमें महत्वपूर्ण निर्णय सरकार द्वारा लिए जाते हैं और आर्थिक क्रियाकलापों में बाजार की सक्रिय भागीदारी होती है ।
मिश्रित अर्थव्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था है।

error: Content is protected !!