Bal Adhikar Avn Bal Sanrakshan बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण

Bal Adhikar Avn Bal Sanrakshan

बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण

बाल अधिकार संरक्षण आयोग कानून 2005 के अनुसार बाल अधिकार में बालक बालिकाओं के वे समस्त अधिकार शामिल है जो 20 नवंबर 1989 को संयुक्त राष्ट्र संघ के बाल अधिकार अधिवेशन द्वारा स्वीकार किए गए तथा जिन पर भारत सरकार ने 11 दिसंबर 1992 में सहमति प्रदान की थी।
संयुक्त राष्ट्र संघ बाल अधिकार समझौते के तहत बच्चों को दिए गए अधिकारों को चार प्रकार के अधिकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है
जीने का अधिकार: बच्चे के जीने का अधिकार उसके जन्म के पूर्व भी आरंभ हो जाता है।
विकास का अधिकार : बच्चों को भावनात्मक, मानसिक तथा शारीरिक सभी प्रकार के विकास का अधिकार है।
संरक्षण का अधिकार : विकलांग बच्चे विशेष संरक्षण के पात्र है प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बच्चों को सबसे पहले सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
भागीदारी का अधिकार : बच्चों को ऐसे फैसले या विषय में भागीदारी करने का अधिकार है जो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
कन्या भ्रूण हत्या : पी.सी. एंड पी.एन.डी.टी. कानून, 1994 भारत सरकार द्वारा बालिकाओं के संरक्षण हेतु बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान संचालित किया जा रहा है।
बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का क्रियान्वित किया जा रहा है।
बाल श्रम अधिनियम (निषेध एवं नियमन) 1986 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों का किषोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 ने बच्चों के रोजगार को एक दंडनीय अपराध माना है।
भारत सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ होने वाली यौन हिंसा की रोकथाम हेतु लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 लागू किया।
बाल यौन दुर्व्यवहार में वे सभी अपराध शामिल है जो लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोस्को) अधिनियम में सम्मिलित किए गए हैं।
राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु बाल अधिकारिता विभाग कार्यरत है।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोसको) 2012 की निगरानी की जिम्मेदारी भी आयोग को दी गई है।
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति की जिला शाखाओं के रूप में सभी जिलों में जिला बाल संरक्षण पर ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया।
चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) 20 जिलों में 24 घंटे निशुल्क आपातकालीन पहुंच सेवा 1098 टोल फ्री नंबर सेवा संचालित की जा रही है

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