भारत के संघीय व्यवस्था के आधारभूत तत्व

भारत के संघीय व्यवस्था के आधारभूत तत्व

संघीय व्यवस्था सत्ता की शक्तियों का बटवारा ही संग व्यवस्था कहलाता है इस व्यवस्था के शासन केंद्र तथा राज्य दोनों द्वारा चलाया जाता है भारत में संविधान द्वारा संघीय व्यवस्था स्थापित की गई है वर्तमान में भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश है जहां पर शासन के द्वारा चलाया जाता है

भारतीय संघीय व्यवस्था के प्रमुख तत्व
1 शासन शक्तियों का विभाजन संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत अनुच्छेद 246 में केंद्र तथा राज्य के मध्य शक्तियों का बंटवारा किया गया है केंद्र 97 वह राज्य 66 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार रखता है

2 स्वतंत्र न्यायपालिका संघीय व्यवस्था का प्रमुख तत्व स्वतंत्र न्यायपालिका होती है इसके द्वारा राज्य व केंद्र के मामलों को संविधान के तहत हल किया जाता है

3 संविधान की सर्वोच्चता भारत में संविधान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है केंद्र में शासन को संविधान ही शक्ति प्रदान करता है भारत में सभी राज्य जम्मू कश्मीर के अलावा सभी के लिए एक ही संविधान स्थापित है

4 एकल नागरिकता भारत में पूरे देश के लिए नागरिकों के लिए एक नागरिकता पाई जाती है

5 राज्य सभा की स्थापना भारतीय संघीय व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए संसद के सदन राज्य सभा की स्थापना की गई है

6 राज्यपाल का पद राज्यपाल भारतीय संघीय व्यवस्था के प्रमुख पद है राज्यपाल केंद्र राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है राज्यपाल राज्य में काम करता है

7 एकात्मकता भारत की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र को मजबूत बनाना जरूरी है इसके लिए एकात्मकता परवर्ती अपनाई गई है

 

 

भारतीय संविधान को एकात्मक बनाने वाले
1 एक संविधान भारत में सभी राज्यों जम्मू-कश्मीर के अलावा में एक ही संविधान पाया जाता है भारत में पूरे देश के लिए एक संविधान है जिस में केंद्र और राज्यों में शक्तियों का विभाजन किया गया है

2 अवशिष्ट शक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 के तहत केंद्र सरकार को अवशिष्ट शक्तियां प्रदान की गई है यह कनाडा के संविधान से भारतीय संविधान में ली गई है यह शक्ति ऐसे विश्व में काम करती हो जो तीनों की सूची में से किसी भी सूची में शामिल नहीं है

3 संविधान संशोधन भारतीय संविधान में संशोधन करने के लिए केंद्र को राज्य से अधिक अधिकार प्राप्त हैं संविधान संशोधन में सभी केंद्र को प्राथमिकता दी गई है यह एकात्मक प्रणाली का मुख्य तत्व है

4 शक्तियों का विभाजन भारतीय संविधान में शक्तियों राज्य के परीक्षा केंद्र को ज्यादा दी गई है राज्य को 66 विषय पर कानून बनाने का अधिकार है तथा केंद्र को 97 विषय पर कानून बनाने का अधिकार है शक्तियों का विभाजन केंद्र को शक्तिशाली बनाता है यह एकात्मक सरकार का तत्व है



5 अपात शक्ति भारतीय संविधान के प्रमुख विशेषताएं यह है कि इसमें संविधान संशोधन किए बिना एकात्मक रूप दिया जा सकता है संविधान के अनुच्छेद 352 356 और 360 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया जा सकता है अनुच्छेद 352 के तहत अगर युद्ध का आक्रमण की स्थिति में राष्ट्रपति पूरे देश या देश के किसी राज्य में आपात घोषित कर सकता है अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में संवैधानिक संकट में राष्ट्रपति द्वारा राज्य में आप आपात घोषित किया जा सकता हैं अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय संकट में राष्ट्रपति द्वारा भारत में किसी भाग या पूरे भारत में आपात घोषित किया जा सकता है

6 राज्यसभा में राज्यों का असमान प्रतिनिधित्व भारत की राज्यसभा में राज्यों का प्रतिनिधित्व समानता के आधार पर नहीं बल्कि जनसंख्या के आधार पर किया जाता है जो संघीय व्यवस्था के विरुद्ध है

7 एकल नागरिकता अमेरिका व स्विट्जरलैंड के संविधान में दोहरी नागरिकता पाई जाती है परंतु भारतीय संविधान में एकल नागरिकता पाई जाती है

8 एकरूपता भारतीय संविधान के प्रमुख विशेषताएं है कि पूरे देश के लिए एक ही प्रकार का दीवानी व फौजदारी न्यायालय की स्थापना की गई है और पूरे देश के लिए एक ही चुनाव आयोग है

9 राज्य को अलग होने का अधिकार नहीं भारत के प्रत्येक राज्य को भारत से अलग होने का अधिकार नहीं है 16 संविधान संशोधन के तहत अगर कोई राज्य भारत से अलग होता है तो उसको किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जाएगी



10 सीमा परिवर्तन में राज्य की भूमिका की कमी भारतीय संविधान के अनुसार संसद राज्यों की अनुमति के बिना राज्यों का पुनर्गठन तथा उनकी सीमाओं में परिवर्तन कर सकता है

11 लोक सेवाओं का विभाजन नहीं अमेरिका में केंद्र और राज्य के अपने अपने प्रशासनिक पदाधिकारी होते हैं जो स्वयं ही विधियों का अनुसार कार्य करते परंतु भारत में ऐसा नहीं होता है

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