Class 9 Sanskrit Chapter 1- भारतीवसन्तगीति:
निनादय | गुंजित करो |
नवीनामये | सुंदर मुखवाली |
वाणि | हे सरस्वती |
वीणाम् | वाणी को |
मृदुं | मधुर |
गाय | गाओ |
गीतिं | गीत को |
ललित-नीति-लीनाम् | सुन्दर नीतियों में लीन |
मधुर | मीठी |
मञ्जरी | आम के पुष्प |
पिञ्जरी-भूत-मालाः | पीले वर्ण से युक्त पंक्तियाँ |
वसन्ते | वसन्त में |
लसन्तीह | सुन्दर लग रहे हैं |
सरसा | रसपूर्ण |
रसाला: | आम के पेड़ |
कलापाः | समूह |
ललित | मनोहर |
कोकिला-काकलीनाम् | कोयल के स्वरों की |
वहति | बहती हुई |
मन्दमन्दं | धीरे-धीरे |
सनीरे | जल से पूर्ण |
समीरे | वायु में |
कलिन्दात्मजाया | कलिन्द की पुत्री (यमुना)के |
स्सवानीरतीरे | बेत की लता से युक्त तट पर |
नतां | झुकी हुई |
पङ्किमालोक्य | पंक्ति को देखकर |
मधुमाधवीनाम् | मधुर मालती लताओं की |
निनादय | गुंजित करो |
निनादय | गुंजित करो |
ललित-पल्लवे | मन को आकर्षित करने वाले पत्ते |
पादपे | पौधे पर |
पुष्पपुञ्जे | पुष्पों के समूहों पर |
मलयमारुतोच्चुम्बिते | चन्दन वृक्ष की सुगन्धित वायु से स्पर्श किए गए |
मञ्जुकुञ्ज | सुन्दर लताओं से आच्छादित स्थान पर |
स्वनन्तीन् | ध्वनि करती हुई |
ततिम् | पंक्ति को |
प्रेक्ष्य | देखकर |
मलिनाम | काले रंग वाले |
अलीनाम् | भौरों की |
निनादय | गुंजित करो |
लतानां | बेलों की |
नितान्तं | पूरी तरह से |
सुमं | फूल |
शान्तिशीलम् | शान्ति से युक्त |
चलेदुच्छलेत्कान्त | हिल उठे |
सलीलम् | क्रीड़ायुक्त |
तव | तुम्हारी |
आकर्ण्य | सुनकर |
वीणाम् | वीणा को |
अदीनाम् | तेजस्विनी |
नदीनाम् | नदियों का |
निनादय | गुंजित करो |