कम्प्यूटर के विकास का इतिहास
1. गिनतारा – यह सबसे पहला और सबसे सरल यंत्र है, जिसका गणना करने मे सहायता के लिए किया था। इसका इतिहास 3000 साल से ज्यादा पुराना है। चीन मे इसका व्यापक उपयोग होने के प्रमाण प्राप्त हुए है। आष्चर्य की बात है कि गिनतारा आजकल भी प्रारम्भिक रूप मे ही रूस, चीन, जापान, पूर्वी एषिया के देषो तथा भारत मे भी कुछ स्कूलो मे प्रयोग किया जाता है।
2. नेपियर बोन्स – स्काॅटलैण्ल के गणितय जान नेपियर ने सन 1617 मे कुछ ऐसी आयताकार पटिटयो का निर्माण किया था। जिनकी सहायता से गुण करने की क्रिया अत्पन्त षीघ्रतापूर्वक की जा सकती थी । ये पट्टियो जानवरो की हड्डियो से बनी थी, इसीलिए इन्हें नेपियर बोन्स कहा गया।
3. स्लाइड रूल:- जोन नेपियर ने सन् 1672 में गणनाओं की लघुगणक विधि का आवि कार कर लिया था । इस विधि मंे दो संख्याओं का गुणनफल, भागफल, वर्गमूल आदि किसी चुनी हुई संख्या के घाताकों को जोड़कर या घटाकर निकाला जाता ह आज भी बडा – बडा गणनाओ मंै यहा तक कि कम्प्यूटर में भी इस विधि का प्रयोग किया जाता हैं। स्लाइड रूल का उपयोग वैज्ञानिक गणनाओ में कई षताब्दियो तक किया जाता रहा । बीसवीं षताब्दी के आठवे दषक में इलेक्ट्निक्स पाकेट कैलकुलेटर पाकेट के अस्त्तिव में आ जान के बाद ही इसक प्रयोग बन्द हुआ हैं।
4. पास्कल का गणना यंत्र:- गणना करने वाला पहला वास्तविक यंत्र महान फ्रासिंसी गणितज्ञ और दार्षनिक ब्लेज पास्कल ने सन् 1642 में बनाया था । इसे पास्कल का कैलेकुलेटर या पास्कल की एडिग मषीन कहा जाता है। इस मषीन का प्रयोग संख्या को जोडने और घटाने में किया जाता था। वह अपने टैक्स सुपरिन्टेडेंट पित की सहायता के लिए उसने यंत्र बनाया था। इसीलिए वह समान मषीन में अधिक सुधार नहीं कर सका।
5. लेबनिज का यांत्रिक कैलकुलेटर:- जर्मन गणितज्ञ लेबनिज ने सन् 1671 में पास्कल के कैलकुलेटर में कई सुघार एक ऐसी जटिल मषीन का निर्माण किया जो जोडने तथा घटाने के साथ ही गुणा करने तथा भाग देने मंे भी समर्थ थी। इस यंत्र से गणनाए करने की गति बहुत तेज हो गयी। इस मषाीन का व्यापक पैमाने पर उत्पादन किया गया। अभी भी अनेक स्ािानो पर इससे मिलती – जूलती मषीनो का उपयाग किया जाता है ।
6. बैबेज का डिफरेस इंजन:- कैम्बिज विष्वविद्यालय के गणित के प्रोफेसर चाल्र्स बैबेज को आधुनिक कम्प्यूटर का जनक पिता कहा जाता है ं गण्ति के क्षेत्र में उसका महत्वपूर्ण योगदान था एक ऐसा यंत्र बनाना जो विभिन्न बीजगणितज्ञ फलनो का माने दषमल के 20 स्ािानांे तक षुद्धतापूवक ज्ञात कर सकता था।
7. बैबेज एनालिटीकल इंजन:- अपने डिफरेस इंजन की सफलता और उपयोगिता से सपे्ररित होकर चाल्र्स बैबेज ने एक ऐसे यंत्र की पूरी रूपरेखा तैयार की जो आाजकल के कम्प्यूटर से आष्चर्यजनक समानता रखती हैं। इस प्रस्तावित मषीन के पांच प्रमुख भाग थे:-
1 इनपुट इकाई:- आकडो को ग्रहण करने के लिए
2 स्टोर:- आकडों तथा निर्देषो को संग्रहित या भंडारित करने के लिए ।
8. पंचकार्ड उपकरण:- षुरू में जितने भी गणना यंत्र बनाए गए उनमें संख्याओ को डायल करने के लिए दातेदार पहियो को हाथ से घुमाया जाता था। ंलेकिन चाल्र्स बैबेज ने पहली बार यह सोचा था कि संख्या पढ़ने का कार्य छेद किये हए कार्डो द्वारा भी किया जा सकता हैं। यह विचार उन्हें जैकार्ड की बुनाई मषीन को देखकर प्राप्त हुआ था।
9. प्रारम्भिक कम्प्यूटर:- सन् 1930 के दषक तक बनायी गयी सभीर कैलकुलेटिग मषीने मूूल रूप से यांत्रिक हुआकरती थी। लेकिन इसी समय के आस – पास आई. बी. एम. ने हावर्ड विष्वविद्यालय के डा. हावर्ड को एक बहुूउपयोगी विद्य ुतीय कम्प्यूटर बनाने के लिए राजी किया उसके बाद के सभी कम्प्यूटर अस्तित्व में आये थे।
1942 अटन सोफ बैरी
1946 एनिएक
1946 एडसैक
1950 लिओ
1971 यूनीवैक
कम्प्युटर्स का वर्गीकरण
कम्प्युटरो का वर्गीकरण तीन प्रकार से करते है।
1. एनालाॅग कम्प्युटर – ये ऐसे कम्प्युटर होते है। जो इनपुट के रूप मे डाटा या आॅकडो के बजाय कोई गुणवाचक सूचना लेते हैै। और आउटपुट भी गुणवाचक ही प्रदान करते है। एनालाॅग कम्प्युटर भी इनपुट के रूप मे ऐसी चीजे ग्रहण करता हैैै। जिन्हे लगातार नापा जा सके जैसे तापमान,दबाव, आयतन ,वोल्टेज प्रतिरोध गति त्वरण,आदि। ऐसे कम्प्यूटर का कार्य षोध ओर उत्पादन के क्षेत्र मे होता हैं।
2. डिजीटल कम्प्यूटर -ः ये कम्प्यूटर इनपुट के रूप मे संख्याए या आकडे देते है। उन पर अंक गणितीय क्रियाएॅं की जाती है। तथा आउटपुट के रूप में आंकडे ही प्रदान करता है। इनके लिए प्रत्येक सुचना को अंकों में बदला जा सकता है। इस कारण इनकीष्षुध्दता भी व्यापारिक अधिक होती है। इन कम्प्यूटर का का प्रयोग वैज्ञानिक तथा व्यापारिक सभी तरह के कार्यो मे किया जा सकता है। क्योकि एक ही कम्प्यूटर पर सभी तरह के कार्य किये जा सकते है।
3. हाईब्रिड कम्प्यूटर -ः ये कम्प्यूटर एनालाॅग तथा डिजीटल दोनो प्रकार के कम्प्यूटर के मिले जुले रूप होते है। इनमे इनपुट के रूप मे प्राप्त होने वाली सूचना आकडों मे दिखाई जा रही है। तथा आउटपुट एनालाॅग के साथ साथ डिजीटल भी होता है। ऐसे कम्प्यूटर का उपयोग कारखानो मषीनों आदि मे किया जाता है।
आकार व क्षमता के आधार पर कम्प्यूटरों के भेद- इसके अनुसार कम्प्यूटर को चार भागों मे बाटा गया है।
1. माइक्रो कम्प्यूटर – आकार मे बहुत छोटे होते है। और माइक्रो प्रोसेसर के साथ साथ इनपुट आउटपुट तथा भंडारण उपकरण जोडकर तैयार किये जाते हैं। माइक्रो प्रोसेसर वास्तव मे एक पूरी सी,पी,यू होती हैं। जो एक छोटी सी चिप पर समा जाती है। आजकल के सभी पी,सी तथा पेटियम इसी श्रेणी मंे आते है। ये आकार मे इतने छोटे होते है। कि एक मेज पर भी रखे जा सकते है। इसकी मुख्य मेमोरी का आकार 16 मेगाबाइट से लेकर 256 मेगाबाइट या अधिक भी हो सकता है।
माइक्रो कम्प्यूटर की महत्व:-
1. इनका आकार छोटा होता है। इन्हे एक मेज पर भी रखा जा सकता है।
2. माइक्रो कम्प्यूटर उपयोगकर्ता के लिए मित्रवत होते है। ये सस्ते और उपयोग करने मे आसान होते है।
3. इनमे भडारण की क्षमता कम लेकिन पर्याप्त होती है।
4. इन पर एक बार मे एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है।
2. मिनी कम्प्यूटर:- ये आकार मे माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होते है। इनकी मुख्य मेमौरी का आकार 64 मेगाबाइट से लेकर 512 मेगाबाइट या अधिक भी हो सकता है। इन पर एक साथ कई लोग कार्य कर सकते है। इन पर एक साथ कई भी प्रोगा्रम चल सकते है।
3. मेनफम कम्प्यूटर:- ये आकार मे मिनी कम्प्यूटर से काफी बडे और क्षमता मे भी बहुत अधिक होते है। इसकी मुख्य मैमोरी का आकार 256 मेगाबइट से लेकर 2 गीगावाइट तक होती है। इन पर एक साथ सैकडी व्यक्ति कार्य कर सकते है। मेनफन कम्प्यूटर का उपयोग एयरलाइनो मे टिकट बुकिग प्रसारण वि़ज्ञापन विक्रय केन्द्रीपत वेतन गणना प्रणाली उत्पादन नियोजन एव निर्माण आदि है।
4. सुपर कम्प्यूटर:- ये आकार मे विराट और गति मे मेनफेम कम्प्यूटर से भी सैकडो-हजारो गुण तेज होती है। इसमे समान्तर प्रोसेसिग की क्षमता होती है। जिसके कोई गणना अलग-अलग चरर्णे मे करने के बजाय इस प्रकार एक साथकी जाती हैं। कि जल्दी पूर्ण हो जाये। ये ऐसे कार्यो मे प्रयोग किये जाते है इस मे मौसम अनुमान, उपग्रह,मिसाइल निर्माण, परमाुण विस्फोट आदि। इसकी कीमत भी कई करोड रूपयो मे होती है।
कम्प्यूटर परिचय
ब् त्र ब्व्डम्छस्ल्
व् त्र व्च्म्त्।ज्म्क्
ड त्र ड।ब्भ्प्छम्
च् त्र च्म्त्ज्प्ब्न्स्।त्स्ल्
न् त्र न्ैम्क् थ्व्त्
ज् त्र ज्त्।क्म्
म् त्र म्क्न्ब्।ज्प्व्छ
त् त्र त्म्ैम्।त्ब्भ्
1. गति:- कम्प्यूटर का सबसे पहला और सबसे बडा गुण गणना करने की उसकी तीव्र गति ही है। वास्तव मे कम्प्यूटर का निर्माना ही तेज गति से गणना करने वाली एक मषीन के रूपमे किया गया था। प्रारम्भिक कम्प्यूटर भी गणना करने मे इतने तेज थे कि हम सोच भी नही सकते है। आजकल के नवीनतम कम्प्यूटर कि गति हमाारी कल्पना से भी बाहर की बात है। एक साधारण कम्प्यूटर एक सेकण्ड मे 30 लाख की गणनाकरने मे समर्थ है। आज यदि कम्प्यूटर नही होतो मानव चाॅदपर पैर नही रख सकता है। इसी तरफ मौमस का पूर्वाअनूमान लगाने के कार्य कम्प्यूटर द्वारा किया जाता है।
2. भंडारण क्षमता:- कोई भी कम्प्यूटर उसको दी गयी सूचना ओ पर बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। उसके इस गुण का लाभ लेने के लिए यह आवष्यक है कि उसके पास सूचना ओ को स्टोर करने और आवयकता होने पर उन्हे उतनी ही तेजी से उपलब्ध कराने की भी क्षमता हो नही तो उसकी तीव्र गति का कोई उपयोग नही हो सकेगा। उसी प्रकार कम्प्यूटर भी अपनी मैमोरी मंे सूचना ओ या आॅकडो को याद रखता है। लेकिन हमारी याददाष्त असीमित होता है, कम्प्यूटर की याददाष्त सीमित होती है। साधारण छोटे कम्प्यूटर की मुख्या मैमोरी का आकार 256 ाइ से लेकर 512ा या 1024 तक हो सकता है।
3. षु़द्धता – कम्प्यूटर की एक बडा महत्व यह है कि उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यो की ष्षुद्ध होती है। दूसरे षब्दो में उसके कल पूर्जो की विष्वसनीयता इतनी अधिक हे कि गलती होने कमी संभावना लगभग षून्य होते हैं । कम्प्यूटर केवल इसकी गांरटी देता है कि यदि आपका प्रोग्राम तथा डाटा सही है, तो कार्य भी सही – सही तो कार्य भी सही – सही होगा और प्रोग्राम या डाटा ही गलत है तो कार्य भी गलत हो जायेगा कम्प्यूटर में लाख बार भी उसका कार्य उतना षुद्ध प्राप्त होगा।
4. स्वचालन – कम्प्यूटर का एक और बडा गुण विषे ाता यह है कि उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यो कि षुद्धता की दर बहुत उची होती है। दूसरे किये जानेवालजे कार्यो कि ष्षुद्धता की दर बहुत उची होती है । दूसरे षब्दो में, उसके कैलकुलेटर टाइप आदि पर कार्य करते समय हमारे हस्तक्षेप की आवष्यकता बार – बार और हर समय पड़ती है किन्तूु कम्प्यूटर की आवष्यकता बार – बार और हर समय पडती है, किन्तु कम्प्यूटर की विषे ाता यह हे कि एकबार आवष्यक आदेष दे दिइये जाने के बाद बाहरी सहायता के बिना ही उनका पाालन लगाकर तब तक करता रहता है ।लेकिन एक बार बार सही – सही निर्देष दे दिये जाने के बाद वह अपने आप ही सारा कार्य करता रहता है ।
5. सार्वभौमिकता – आजकल हम देखते है कि वह हजारो प्रकार के कार्य कम्प्यूटर द्वारा किये जाते है। हालाकि इसका अर्थ यह नहीं है कि कम्प्यूटर हर कार्य को कर सकता है । वास्तव ष्में कई भी छोटै से छौटे और बडे़ से बडा कम्प्यूटर केवल प्रकार पाॅच प्रकार के होते है ।
1. कोई सूचना पढ़ना ।
2. अपनी सी.सी.यू. में डाटा को इधर से उधर ले जाना।
3. गणितीय क्रियाए जोड़ना,गुणा करना, भाग देना आदि।
4. दो संख्या की आपस में तुलना करना ।
5. कोई सूचना दिखाया या छापना।
6. सक्षमता – एक जड़ मषीन होने के कारण कम्प्यूटर पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नही पडता है । वह किसी भी काय्र को बिना रूके लाखो – करोड़ो बार करतासष्रह सकता है । मानव तथा अन्य प्राणियो की तरह उसे थकान, प्यास, आदि काअनुभव नहीं होता और समय,स्ािान मौसम आदि का उसके उपर कोई प्रभाव नहीं होता ।
कम्प्यूटरर्स के उपयोग
1. उपयोग प्रारम्भ में केवल वैज्ञानिक कार्यो में किया जाता था । इससे बाहर के क्षेत्र में पहली बार व्यापारिक कार्यो में कम्प्यूटरो काअनुप्रयोग ष्षुरू हुआ। व्यापरिक कार्यो से हमारा तात्पर्य सामान्य हिसाब – किताब करने और सूचनाए रखने जैसे लिपिकीय कार्यो से है। वर्तमान समय में व्यापारिक उपयोग:- कम्प्यूटरो का लगभग सभी तरह के व्यापारिक कार्या का कम्प्यूटरीकरण हो चुका है, जो मुख्यत इनका प्रयोग वेतन गणना, कार्मिय प्रबंधन स्टान नियंत्रण, खातांकन, वित्तीय संख्या , बैंकिग उपयोग, बीमा आदि कार्य हैं ।
2. औद्योगिक उपयोग:- आज विभिन्न उद्योगो में कम्प्यूटर की सहायता से उत्पादन की योजना समय तथा नियंत्रण का कार्य अधिक प्रभावषाली तरीके से कियाजा सकता है विभिन्न प्रकार के उद्योगो मे कम्प्यूटर उत्पादन में अनेक प्रकार से सहायता कर सक ता है। ऐसे कुछ प्रमुख उद्योगो के नाम है:- विद्युत, स्अील कांगज एव छपाई आदि किया जा सकता है।
3. संचार तथा मनांेरजन:- आजकल कहा जाता है कि दूनिया बहुत ही गयी है ं इस धारण का कारण यह है कि आज हम पहले की अपेक्षा बहुत कमक समय में एक स्ािान से दूसरे स्ािान तक पहूच सकते ळै आपैर हजारो मील दूर बैठै अपने आत्मीय से तत्काल सम्पर्क सीमित करके ऐसे बातकर सकते है इन क्षेत्रो में कम्प्यूटरो का उपयोग मुख्यत सडक आवागमन इन क्षेत्रो में कम्प्यूटरो का सिमित का उपयोग मुख्यत सडक आवागमन रेल यातायात, हवाई यात्रा, टेलीफोन,कम्प्यूटर नेटवर्क आदि कार्या में किया जा रहा है ।
4. षिक्षा तथा मनोरंजन:- जब हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटरो का उपयोग बढता ही जारहा है, तब षिक्षा और मंनोरजन जैस क्षे? इससे अछूते कैसे रह सकते है ं षिक्षा के क्षे? में कम्प्यूटरो का उपयोग षिक्षण और प्रषिक्षण के विभिन्न कार्यो में एक सहायक साधन के रूप में किया जाने लगा है ं इतना ही नही कम्प्यूटर स्वंय षिक्षक का स्ािान ले सकता है । हमारे घरो में टेलीविजन पर जो भी सीरियल फिल्मे आदि दिखायी जाती है ।
5. खेल:- कम्प्यूटर की सहायता से वीडियो गंम खेलना तो अब पुरानी बात हो गयी है। इस क्ष्ेात्र में नयी – नयी सम्भावनााएॅ पैदा होती रहती है। आप बहुत से ऐसे अब कम्प्यूटर के पर्दे पर खेल सकते है, जो वास्त में लम्बे – चोडै मैदानो में खेल जाते है, जैसे क्रिकेेट, हाॅकी, फुटबोल, पोलो टेनिस आदि।
6. विविध उपयोग:- उपर बताये गए क्षेत्रो के अलावा भी कम्प्यूटर का उपयोग बहुत से क्षेत्रो में किया जा रहा है, जैसे पुस्तकालयो में पुस्तकों औार सदस्यो की सूची पुस्तको के लेन – देन का हिसाब रखना परीक्षाओ में परीक्षार्थियो तथा अनेक प्राप्तकों का सम्पूर्ण विवरण रखना और परिणाम छापना, एक भाषा से दूसरी भाषा से में अनुवाद करना आदि कार्य कम्प्यूटरो की सहायता से सरलता से किये जा रहे है।
भण्डारण उपकरण
परिचय – सी.पी.यू. के तीन मुख्य भाग होते है।
1 कंट्रोल यूनिट
2 गणितीय तार्किक इकाई
3 मैमोरी
इसमे मैमोरी वह इकाई है जिसमे डाडा और आदेषो या प्रोग्राम को भण्डारित किया जाता है।
1 मैमोरी:- कम्प्यूटर की मैमोरी या भण्डार इकाई ऐसे साधनो से बनी होती है। जिसका प्रयोग किसी जाता प्रोग्राम के पालन के समय सूचना स्टोर के लिए किया जाता है। इससे लगने वाला समय विभिन्न मामलो मे अलग – अलग हो सकता है और यह मैमोरी मे उपयोग किये गए साधनो पर निर्भर करता है। मैमोरी मे लिए प्रचलित साधन इन्टिग्रेटेड सर्किट मैमोरी, चुम्बकीय टेप या चुम्बकीय डिस्क होते हैं। मैमोरी किसी कम्प्यूटर के लिए अनिवार्य भी होती है क्योकि इसमे उन प्रोग्रामेा को स्टोर किया जाता है, जिसका पालन कम्प्यूटर के सी0पी0यू0 करना है। मैमोरी का वह भाग जो सी0पीयू0 के सीधे सम्पर्क मे रहता है। इस प्रकार किसी कम्प्यूटर की मैमोरी को दो प्रकार की होती है।
1 मूख्य मैमोरी
2 सहायक मैमोरी
1 मूख्य मैमोरी-ःइसे आन्तरिक या प्राइमरी मैमोरी भी कहा जाता है, क्योकि यह कम्प्यूटर की सी0पी0यू0 का ही भाग होती है। इसमे लाखो की संख्या मे बाइटे होती है। प्रत्येक बाइट 8 लगाकर बिटो की एक भागह होता है। किसी बिट की दो स्थितियाॅ हो सकती है जिन्हे हम आन और आॅफ कहते है।
संक्षेय मे मूख्य मैमोरी मे निम्नलिखित सूचना रखी जाती हैं।
1 प्रोसेस किया जाने वाला समस्त डाटा और उसको प्रोसेस करने के लिए आवष्यक निर्देष जो इनपुट साधनो से प्राप्त किये है।
2 प्रोसेसिग के अन्तिम परिणाम।
त्ंउ और त्वउ मे अन्तर
त्।ड त्व्ड
1 त्ंउ अस्थाई मैमोरी होती हैं।
2 वोइलेट मैमोरी होती है।
3 बिजली वन्द हो जाने के बाद डाटा कम्प्यूटर मे से नष्ट
हो जात है।
4 त्ंउ मे डाटा लिख व पढ सकते है।
5 त्ंउ मे साधारण प्रोग्राम नेमत द्वारा डाले जा सकते है। 1 त्वउ स्थाई मैमोरी होती हैं।
2 अवोइलेट मैमोरी होती है।
3 त्वउ मे बिजली जाने के बाद भी डाटा स्टोर रहता
है।
4 लेकिन त्वउ मे केवल डाटा को पढा जा सकता है।
लेकिन तवउ मे डाटा मेनिफेक्र कम्पनी ही डाटा डालती है जो स्थायी छोटी है।
2 सहायक मैमोरी -ः इस प्रकार की मैमोरी सी0पी0यू0 से बाहर होती है, इसीलिए इसे बाहा या सेकेण्डरी मैमोरी भी कहा जाता है। कम्प्यूटर की मूख्य मैमोरी बहुत महॅगी होने तथा बिजली बन्द कर देने पर उसमे रखा अधिकतर सूचानएॅ नष्ट हो जाने के कारण न तो हम उसे इच्छानुसार बढा सकते है । और न हम उसमे कोई सूचना स्थायी रूप से स्टोर कर सकते है । इस लिए हमेे सहायक मैमोरी का तुलनात्मक उपयोक करना पडता है इसकी कीमत दृष्टि से बहुत कम और डाटा स्टोर करने की क्षमता बहूत अधिक होती है । इसमे एक ही कमी है कि इन माध्यमो में डाटा को लिखने पढने प्राप्त करने में समय बहुत लगता है । इसलिए हम इसमंे ऐसीे सूचना भण्डारित करते है । जब हमे किसी डाटा की तत्काल आवष्यकता नही रहती तो उसे किसी चुम्बकीय माध्यम जैसे फजोपी डिस्क या चुम्बकीय टेप पर नकल करके अलग सुरक्षित कर लिया जाता है ।
1ण् प्छच्न्ज् दृकिसी कम्प्यूटर सिस्टम मे इनपुट आउटपुट के साधानो का महत्वपूर्ण स्थान है। क्योकि उपयोग कर्ता का सीधा सम्बंध केवल इन्ही उपकरणों से होता है। और इन्हीं के माध्यम से वह कम्पयुटर से अपना कोई कार्य करता है।
इनपुट के उपकरणों का कार्य यह है। कि हम अपनी भाषा मे उन्हे जो भी डाटा या आदेष देते है। उसे बाइनेरी कोड मे बदल कर अर्थात सी पी यू मे भेज देते है।
संक्ष्ेाप मे किसी इनपूट साधन द्वारा निम्नलिखित मुख्य कार्य किये जाते है:-
1. यह उपयोग कर्ता द्वारा दिये गए निर्देषो तथा डाटा को पढता है या स्वीकार करता है।
2. यह बदले हुए रूप मे उन निर्देषोें और डाटा को आगे की प्रोसेसिंग के लिए कम्प्यूटर को भेज देता है।
3. यह बदले हुए रूप मे उन निर्देषो और डाटा को आगे की प्रोसोसिग के लिये कम्प्यूटर को भेज देता है।
इनपुट के साधनो को इतना सरल बनाया जाता है कि कोई भी उपयोग कर्ता उसका बिना किसी कठिनाई के उपयोग कर सकता है।ये साधन हमारी आवष्यकता के अनुसार कई प्रकार के होते है। आधुनिक कम्प्यूटरो मे की बोर्ड,माउस,टैक बाॅल, रौलर ,जायस्टिक,लाइटपेन, स्कैनर मार्कसेंस रीडर, आप्टीकल रीडर, आदि इनपुट के प्रचलित साधन है।
व्नज चनज रू. किसी कम्प्यूटर सिस्टम मे इनपुट उपकरणो की तरह आउटपुट के साधनो का भी महत्वपूर्ण स्थान है क्योकि उपयोग कर्ता को अपने कार्यो का परिणाम इन्ही उपकरणो से प्राप्त होता हैै। आउटपुट उपकरणो की विषेषता यह हैै। कि वे कार्यो के परिणाम ठीक उसी रूप मे उपलब्ध कराते है। ,जिसे रूप मे उपयोग कर्ता चाहता है। आउटपुट के उपकरणो का कार्य यह है कि वे कम्प्युटर से प्राप्त होने वाले प्ररिणामो को जे बाइनेरी कोड मे होते है। हमारे लिए उचित संकेतो या भाषा तथा चित्रों मे बदल कर हमे उपलब्ध कराते हेंै। इस प्रकार किसी आउटपुट साधन द्वारा निम्नलिखित कार्य किये जाते है:-
1. यह कम्प्युटर द्वारा दिये गये परिणामों को स्वीकार करता है। जो कि बाइनेरी कोड के रूप मे होते है। और जिन्हें हमारे लिए समझना कठिन होता है।
2. यह उन कोड के रूप मे दिये गये परिणामों को हमारे द्वारा पढने या समझने योग्य रूप मे बदल देता है।
3. यह उन बदले हुए रूप मे परिणामो को हमारे सामने प्रस्तुत करता है। आउटपुट हमे दो प्रकार से प्राप्त होता है।
1. सोफट कोपी ः- जो हमें मानीटर पर दिखाई देता है।
2. हार्ड कापी ः- जो हमे पेपर पर प्रिन्टर द्वारा प्राप्त होता है। इस प्रकार किसी
आउटपुट उपकरण-मानीटर,प्रिन्टर,स्पीकर ,हैडफोन आदि।
ब्वदजतवस न्दपज रू. इस भाग का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह कम्प्यूटर के सभी भागो के कामो पर नजर रखता है। और उनमे परस्पर तालमेल बैठाने के लिये उचित आदेष भेजता है। इसका सबसे प्रमुख और पहला कार्य यह है। कि हम जिस प्रोग्राम का पालन कराना चाहते है। यह उसे मैमेरी मे से क्रमष पढकर उसका विष्लेाण करता है। उसका पालन कराता है। किसी आदेष का पालन सुनिष्चित करने के लिये वह कम्प्यूटर के दूसरे सभी भागो को उचित निर्देष जारी करता है।
।स्न् ;।तपजीउमजपब स्वहपब न्दपजद्ध रू. अंक गणितीय तार्किक इकाईः- जैसा की इसके नाम से ही स्पट है। सी. पी. यू. के सभी प्रकार की अंकगणितीय कियाए, जोडना घटाना गुण करना तथा भाग देना और तुलनाए, दो संख्या मे यह बमाता कि कौन-सी छोटी या बडी है। अथवा दोनो बराबर है। इसी इकाई मे की जाती है। यह इकाई कई ऐसे इलेक्टालिक परिपथो से बनी होती है। जिसके एक आदेष से कोई दो संख्याए भेलने पर दूसरी ओर से उनका योग अतर गुणनफल या भागफल प्राप्त दो जाता है। इसमे सारी किया बाइनमरी पध्दति मे की जाती है। प्राप्त होने वाली सख्या तथा क्रियाओ के परिणामो को अस्थायी रूप से स्टोर करोन या रखने के लिये इसमे कई विषेेष बाइटे होती है। जिन्हे रजिस्टर कहा जाता है।
1ण् त्।ड रू. यह एक चिप पर बनी होती है यह मेहन आम्साइड सेमीकण्डकटर से बनी होती है। हम उस कि किसी भी लोकेषन को चुनकर किसी मैमोरी को चुन व पढने के लिए कर सकते है। डाटा यह डाटा रजिस्टर व सर्किट से बनी होती मैमेरी है। इसमे डाटा को इउर से उधर ज्ंदेमित किया जा सकता है। प्रत्येक लोकेषन का एक निषिचत ।कक होती है। जिसकी सहायता से हम उस लोकेषन तक पहुच सकते है। त्।ड मे भरी जाने वाली सूचनाए अस्थायि हेाती है। जैसे हि कि बिजली बद कर दी जाती है। रेम में वह प्रोगाम डाटा रखो जाते है। जहाॅ पर सी.पी.यू. खोल सके रेम व प्राप्त डाटा कर सके।
त्।ड के मुख्य प्रकार:-
1ण् क् त्।ड
2ण् ैक् त्।ड
3ण् त्क् त्।ड
4ण् क्क्त् त्।ड
2ण् त्व्ड रू. यह वह डमउवतल है। जिससे पहले से भरा होता है। जिसे हम प्ढ सकते है। उसे हटाया डाटा बदल नही सकते है। रोम चिप बनाते समय इसमे प्रोग्राम व डाटा लिख दिये जाते रोम है। जो स्थायी होते है। कि बिजली बंद होने पर भी रोम चिप में भरी हुई कम्प्युटर सुचनाए सुरष्ति रहती है। रोम चिप है। कैलकुलेटर खेल विडियो कैमेरा इनमें प्रायः ऐसी सुचना स्टोर की जाती है। जो स्थायी है व इन्हे बदलने की आवष्यकता नही होती है।
1 च् त्वउ
2 म्च् त्वउ
3 म्म् त्वउ
4 म्स्।ै त्वउ
ब्ंबी डमउवतल रू. यह विषेष प्रकार की मेमोरी है जो अत्यधिक तेज ेण्तवउ का उपयोग करती हे। और प्रोसेसर को विषेष मेमोरी को अत्यन्त तेजी से प्रयोग करने में सुविधा प्रदान करती है। कैच मेमोरी का उपयोग करने से कम्प्युटर नवीनतम स्पीड बढती है कैच मेमोरी नवीनतम निदे्रष व डाटा को रखा जाता है। प्रोसेसर को किसी सूचना की जरूरत हो तब सबसे पहले वह कैच मैमोरी को देखता है।
म्गजतंदंस उमउवतल रू. इस मैमोरी को सैकण्डरी मैमोरी भी कहा जाता है। यह मैमोरी सी.पी.यू. से बाहार होती है । इसलिए इसे सैकण्डरी मैमोरी कहा जाता है। कम्प्यूटर बिजली बंद कर देने पर उसमें रखी अधिकतर सुचनाए नष्ट होे जाने के कारण हमें म्गजतंदंस उमउवतल उपयोग करना डमउवतल पड़ता है। इसकी कीमत बहुत कम व क्ंजं ेजवतम करने कि क्षमता बहुत अधिक होती है।
इसमें एक ही कमी है। डाटा को पढने में लिखने में समय बहुत लगता हैं। इसलिए हम इसमें ऐसी सुचनाए लिखते है। जिन्हे लम्बे समय तक सुरक्षित रखाता हो हम सहायक भ्मउवतल को अपनी आवष्यकता के अनुसार बढा सकते है। यह मैमेरी कुछ चम्बुकीय रूप मे होती है।
।कअंदजंहम व िेमबवदकतल ेजवतंहम कमअपबम
;1द्ध ब्ंचंबपजल रू.
प्राइमरी मैमोरी की बजाय सैकण्डरी मैमोरी सी स्टोरेज मैमोरी मे अधिक मा़़़त्रा मे डाटा स्टोर किया जा सकता है।
;2द्ध म्बवदवउपब रू. ;कम लागमद्ध
रेम की अपेक्षा सैकण्डरी मैमोरी डिवाइस अधिक मात्रा मे सूचना ओ को संग्रह क्रम लागत मे करते है।
;3द्ध विष्वसनियता:-
सैकण्डरी मैमोरी डिवाइस मे डाटा स्टोर रहते है।यह कम्प्यूटर के बाहर भी जोडे जा सकते हैं। इसमे रखे डाटा नष्ट होने की सम्भावना कम कतते है।
;4द्ध छवद टंसजंलम रू.
यह उपकरना छवद टंसजंलम है। अर्थात इसमे रखी हुई सूचना बिजली बन्द होने पर भी नष्ट नही होेती है।
ब्ण्च्ण्न्ण् ।त्ब्भ्प्ज्म्ब्ज्न्त्म्
सी.पी.यू. का मुख्य कार्य इन्टम्षन को एम्जीम्युट करना होती है। इन्टम्षनस के एम्जीम्युषन के दौरान इन्फोरमेषन की विभिन्न ईकाईया अस्थायी रूप से विषेष सर्किट पर स्टोर रहती है। जिसे की रजिस्टर के नाम से जाना जाता है। रजिस्टर एक वाईनरी फक्षन है जो कि इन्टम्षनस को डिजिटल रूप मे स्टोर रखने का कार्य करता है। जैसे:-
;1द्ध ड।त्
;2द्ध डक्त्
;3द्ध प्त्
;4द्ध च्त्व्ळत्।डडम् ब्व्न्छज्म्त्
;5द्ध ।ब्ब्टडटस्।ज्म्त्
;6द्ध ळमदतंस चनतचवेम तमहपेजमत
;7द्ध ैजंबा तमहपेजमत
;1द्ध ड।त्.रू ड।त् वे त्ंहपेजमत है जो कि डमउवतल लोकेषन का पता रखते है जहॅा से की इन्फोरमेषन को पढा व लिख जा सकता है।
;2द्ध डक्त् रू. डक्त् वे त्ंहपेजमत है जो कि मैमोरी से पढ़े गये डाटा या मैमोरी मे संग्रहित डाटा को अस्थायी रूप से स्टोर रखने का कार्य करते है।
;3द्ध प्त् रू. प्त् वे त्ंहपेजमत है जो कि इन्टाम्षन को स्टोर रखता है। जिसे की तत्काल एम्जीम्यूट होती है।
;4द्ध च्त्व्ळत्।डडम् ब्व्न्छज्म्त् रू. च्तवहतंउउम ब्वनदजमत एक के बाद एक एम्जीम्यूट होने वाले इन्टम्षन का मैमोरी ।ककतमेे को ैजवतम रखता है या मगमबनजम होने वाले अगले इन्टम्षन का मैमोरी लेाकेषन का ।ककतमेे रखता है।
;5द्ध ।ब्ब्टडटस्।ज्म्त्:- यह एएलुप पाये जाने वाला एक त्महपेजमत हैं जो कि ।तजी डंजपब स्वहपब आॅपरेषन के रिजल्ट को अस्थायी रूप से स्टोर रखता है।
;6द्ध ळमदतंस च्तवचवेम त्महपेजमत:- यह वह त्महपेजमत है जो कि इन्टरमिडिमेट रिजल्ट कैलम्यूलेषन को स्टोर रखता है।
;7द्ध ैजंबा त्महपेजमत रू. कुछ कम्प्यूटर सिस्टम मे मेन मैमोरी का कुछ भाग अस्थायी डाटा स्टोरेज के रूप मे सुरक्षित रखा जाता है। इस मैमोरी पोरषन को स्टोक कहते है। वह रजिस्टर जो की अगली खाली लोकेषन को प्वाईन्ट करता है। जहा पर की नये डाटा आकार स्टोर होगे ।
प्देजतनबजपवद मगमबनजपवद
1. जब हम प्रोगा्रम को लोड करने सम्बन्धित निर्देष देते है। तो प्रोग्राम मे लोड हो जाता है। यह कार्य कन्टोल यूनिट के द्वारा किया जाता है। तथा प्रोग्राम को लोड करने सम्बन्धित सिग्नलस इनपुट युनिट को भेजता है। प्रोग्राम मैमोरी कि उस लोकेषन पर स्टोर रहता है। जोकि उस कार्य के लिये आरक्षित कि हुई है।
2. जब प्रोगाम मैमारी मे लोड हो जाती है। तब पहले इन्टक्षन का एडरेस पार्ट प्रोग्राम काउटर से उस एडरेस विष्ेष पर रखे इन्टक्षन को इन्टक्षन रजिस्टर मे लोड करता है।
किसी भी इन्टक्षन के दो भाग होते है:-
1. ओपरेषन कोड – किसी ओपरेषन को इंगित करता है। जैसे धटाने के लिये 0016 और जोडने के लिये 0017 यह हैक्सा डेसीमल के रूप मे होता है।
2. ओपरेन्ड- इन्सटषन का दूसरा भाग ओपरेन्ड होती हैं। यह ओपरेन्ड का मैमोरी लोकषन एडरेंस को बतलाता है। जहा पर इन्टक्षन से सम्बन्धित डाटा स्टोर रहते है।
3. कन्टोल युनिट इन्टक्षन के ओपरेषन कोड वाले भाग डिकोेडर पर भेजती है।डिकोडर इन्टक्षन को डिकोड कर आवष्यक सिंग्नलस ंसन को भेजता है।डिकोडर भी कन्टोल यूनिट का एक भाग हेती है। ओपरेन्ड जोकि मैमोरी के एडरेस जहाॅ पर की डाटा स्टोर है। उस एडरेस को मैमोरी एडरेस को मैमोरी एडरेस रजिस्टर मे भेजता है।
4. मैमोरी एडरेस रजिस्टर मे स्थित मैमोरी लोकेषन का वह एडरेस जो कि स्टोर डाटा को प्रदर्षित करता है। की मैमोरी डाटा रजिस्टर मे भेजा जाता हैैै। फिर उसके पष्चात ंसन मे भेजा जाता है। जहाॅं पर की विभिन्न ओपरेषन किये जाने होते है।
5. ओपरेषन के पष्चात प्राप्त होने वाले रिजवट को मैमोरी मे भेजा जाता है। तथा मैमोरी से रिजल्ट को आउटपुट यूनिट पर भेजा जाता है। इन्टक्षन एक्जीक्युष्न की इस प्रकिया मे एक के बाद एक इन्टक्षन एक्जीक्यूषन होतेे है। तथा प्रोग्राम आउटपुट मे नियमित रूप से वध्दि होती है। अर्थात एक के बाद एक अगला इन्टक्षन का एडरेस प्रोग्राम काउटर मे लोड होता है। इन्टक्षन एक्टीक्यूषन मे लगने वाले समय को मिली सैकण्ड में प्रदर्षित करते है।
6. फैच साइकिल – इन्सटक्षन या अगले इन्सटक्षन को मैमोरी से प्राप्त करने और कसे सी,पी,यू के इन्सटक्षन रजिस्टर मे लोड करने मे जो समय लगता है। उसे फेच साइकिल कहते है।
7. एक्जीक्युषन साइकिल – इन्सटक्षन रजिस्टर के इन्सटक्षन को डिकोड कर आवष्यक सिगनलस ए,एल,यू को भेजने व ओपरेन्ड को मैमोरी से ए,एल,यु मे भेजने व रिजल्ट प्राप्त करने मे जो समय लगता है। उसे एक्जीक्यूषन साइकिल कहते है।
इन्सटक्षन साइकिल-फेच साइकिल एव एक्जीक्यूषन साइकिल मिलाने पर इन्सटक्षन साइकिल बनता है। इन्सटक्षन को फेच करने ,डिकोड करने एक्जीयूट करने व मैमोरी मे रिजल्ट को स्टोर रखने मे जो समय लगता है। उसे इन्सटक्षन साइकिल कहते है।
क्ंजं ब्वदबमचजे
ब्वउचनजमत मे डाटा ब्वदबमचजे को सबसे छोटी इकाई को बीट या बाइनेरी कहा जाता है। इसे नाइनेरी डिजिट द्वारा समझा जाता है। जिसका मान हम 0 और 1 मानते है।
1 इलजम त्र 8 इपजे
त्र 1 बींतंबजमत
1 ापसव इलजमे;ाएइद्ध त्र 210 इलजमे
त्र ींस िं चंहम
त्र 1024 बींतंबजमत
1 उमहं इलजमे;उएइद्ध त्र 220 इलजमेत्र1024 ाइ
त्र 500 चंहमे
त्र 48ए576बींतंबजमते
1 ळपहं इलजमे त्र 230 इलजमे त्र1024उइ
त्र 500ए000ए000 चंहमे
1 ज्मतं इलजमे त्र 240 इलजमे त्र1024हउ
1ए099ए511ए627ए776 बींतंबजमते
यदि किसी च्तंउमतल उमवतल की ैजवतंहम 640 ज्ञइ है तौ उसमे कितने ब्ींतंबजमत ेजवतम रखा जो सकता है।
1 ज्ञठ त्र 1024 इलजे
640 ज्ञठ ग 1024 बींतंबजवमे
ज्ञठ ग ब्ींतंबजमत
640 ग 1024 त्र 655360 बींतंबतमते
ऽ थ्पतउ ूंतम रू. ब्वउचनजमत मे स्थायी रूप से पाये जाने वाले इनपुट प्रोग्राम को थ्पतउूंतम कहा जाता है। जिसकी की उपयोग दिन प्रतिदिन सामान्य रूप से हांेता है। जैसंे- ठपवे ;ठंेपब पदचनज वनजचनज ेलेजमउ ठैस्;ठववज ैजतंच स्वंकमतद्ध ेमबजवत डमउवतल नदपज ंदक इंेपब बवदबमचजे
ऽ ठपज-बिट का पुरा नाम बाइनेरी डिजिट है। इसे 0और 1 से दर्षाया जाता है। कम्प्यूटर मे सुचनाओं को इन दो डिजिटस के रूप मे स्टोर रखी जाती है। यह सुचनाओं की सबसे छोटी इकाई होती है।
8 ठपज त्र 1 ठलजे
ऽ ठलजम – 8 बीटस के समुह को बाईट कहा जाता है। इन 8 बीट के द्वारा च्तपदजंइसम ब्ींतंबजमत को निरूपित करवाया जाता है।
म्गंउचसमरू. ।एंएइ मजबण्
ऽ छपइइसमरू. 4 इपजे का समुह जिनका की उपयोग च्तपदज होने वाली दनउमतपब ंिसनम जैसे 1,2,3 को रिप्रजेन्ट करवाने के लिये किया जाता है। जिसे दपइइसम कहते है।
म्गंउचसमरू 4 इपज त्र 1 दपइइसम
;4द्ध ॅवतक ंदक ूवतक समदहजी रू. ठपजे का समेह जो एक इकाई की तहर व्यवहार करता है। ॅवतक कहलाता है। कम्प्यूटर मे ूवतक समदजी 8 इपज हो सकती है।
;5द्धथ्पसमरू. सम्बन्धित तमबवतके का समूह जो एक इकाई की तरह व्यवहार है। थ्पसम कहलाता है।
;6द्धत्मबवतकष्े रू. थ्पमक के समूह को रिकार्डस कहा जाता है।
;7द्धथ्पमसकष्ेरू. सम्बन्धित बीतंबजमत का समुह जो इकाई की तरह व्यवहार करता है। पिमसके कहलाता है।
;8द्धींतकूंतमरू. बवउचनजमत के समस्त भौतिक उपकरण या पार्ट जिनको की छुकर देखकर कुछ महसुस कर सकते है। हार्डवेयर कहलाते है।
इनके अन्तर्गत इनमे पदचनजएवनजचनज कमअपबमए
बण्चण्नएमसमबजतवदपब कमअपबमे आदि आते है।
ीनउंदूंतमरू. बवउचनजमत पर कार्य करने वाले व्यक्ति को ीण्उण्ू के नाम से पुकारा जाता है। या बवउचनजमत पेषेवर व्यक्ति को हयुमन वेयर कहा जाता है। जैसे-साफटवेयर ईन्जीनियर, हार्डवेयर इन्जीनियर कम्प्युटर ओपरेटर,सिस्टम इन्जीनियर आदि।
छनउइमत ेलेजमउ
कम्प्युटर मे डाटा प्रदर्षित करने के लिये संख्या प्रणाली का उपयोग किया जाता है। संख्या प्रणाली मे प्रत्येक मात्रा का एक निष्चित संकेत होता है। हम अपने दैनिक जीवन की रातिविधि मे दिन प्रतिदिन दषमलव सख्या पध्दति का उपयोग करते है। इसमे 0से9 तक के अक पाये जाते है। लेकिन कम्प्युटर 0 व 1 को समझता है। जो कि एक मषीनी भाषा है। हमे कम्प्युटर प्रोग्रामिंग मे डेसीमल नम्बर ,अल्फाबेट, और स्पेषल करेक्टर का उपयोग करते है। कम्प्यूटर मे ये नम्बर अल्फाबेट व स्पेषल करेक्टर 0 व1 मे बदल जाते है। ताकि कम्प्यूटर इन्हें समझ सके। कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली व उसकी सरंचना को समझने मे नम्बर सिस्टम महत्वपुर्ण होता है।
जलचम व िदनउइमत ेलेजमउ
1.कमबपउंस दनउइमत ेलेजमउ
2.इपदंतल दनउइमत ेेजमउ
3.वबजंस दनउइमत ेलेजमउ
4.ीमगं कमबपउंस दनउइमत ेलेजमउ
;1द्धकमबपउंस दनउइमत ेलेजमउ रू.जिनका आधार 10 होता है। क्छै कहलाते है। इनमे 0से9 तक के अंक पाये जाते है।
;2द्धइपदंतल दनउइमत ेलेजमउरू.वह नम्बर सिस्टम जिस जिसका आधार 2 होता है। वह बाइनेरी नम्बर सिस्टम कहलाते है। इसमे दो अंको 0 और 1 का प्रयोग होता है।
3-वबजंस दनउइमत ेलेजमउरू.वह नम्बर सिस्टम जिनका आधार 8 होता है। वबजंस दनउइमतेलेजमउ कहलाते है। इसमे 0 से 7 तक 8अंक पाये जाते है।
4-ीमगं कमबपउंस दनउइमत ेलेजमउरू.वह नम्बर सिस्टम जिनका आधार 16 होता है।
ीमगं कमबपउंस दनउइमतेलेजमउ कहलाते है। इसमे 0से 9 तथा ंइबकम िलिखे जाते है।
बवदअंतजम जीम विससवूपदह कमबपउंस दनउइमत जव इपदंतल दनउइमतरू.
;204द्ध10 . ;घ्द्ध
ब्वउचसमउमदज व िदनउइमत पुरक संख्या
बवउचसमउमदज. इपदंत दनउइमत मे घटाने व जोडने की किया द्वारा कम्प्यूटर ज्ञात किया जाता है। इपदंतल ेनइेबतपचजपवद;जोडना, का कार्य भी दो विधियो द्वारा किया जाता है।
1-वदमऐ बवउचसमउमदज.इपदमतल के प्रत्येक डिजिड को 1 मे से घटाकर या डिजिटल को बदलकर 0 को 1 वह 1 को 0 करके वदमऐ बवउसमउमदज ज्ञात किया जाता है।
2-जूवऐबवउचसमउमदज.वदमऐ बवउचसमउमदज मे एक जोडकर टू कम्पलीमेन्ट ज्ञात किया जाता है।
डाटा निरूपण;क्।ज्। त्म्च्त्म्ैछ।ज्प्व्छ व्थ् ब्व्डच्न्ज्म्त्द्ध
कम्प्यूटर के वह पदवितउंजपवद ंपतजउंजपब सवहपबंस वह डाटा को इलजमऐ के रूप मे समझता है।अत समस्त प्रकार के डाटा वह पदवितउंजपवद को इपदंतल कोई के रूप मे बदलना आवष्यक होता है। बाइडिंग कोडिंग के लिए कुछ सिस्टम अपनाये जाते है। जैसे-
1-इबक का पूरा नाम श्इपदंत बवकम कमबपउंस बवतबमश्होता है। यह पहली कोर्डिग सिस्टम इसके आधार पर प्रत्येक कमबपउंस को इपदंतल के अन्तर्गत बताया जाता है।
2-ंेबपप.का पुरा नाम श्;ंउमतपबंद ेजंदकंतक बवकम वितपदवितउंजपवद पदजमतबींदहमश्है। इसकी संक्षेप मे ंेबपप लिखा जाता है। यह प्रणाली संसार के लगभग सभी कम्प्यूटारो पर प्रयोग कि जाती है। इस प्रणाली मे अक्षर श्ंश् को 01000001 के रूप मे स्टोर किया जाता है। इसी प्रकार इसमे सभी अक्षरो अंको और चिन्हो के लिए कोड निष्चित किये गए है। यह प्रणाली वास्तव मे 7 बीटों की है। 8 वी बीट हमेषा खाली अर्थात 0 रहती है।
;3द्ध-मइबकपब.इसका पुरा नाम श्मगजमदकमक इपदंतलबवकमक कमबपउंस पदजमतबींदहम बवकमश् यह प्रणाली मुख्यत बडे. बडेे कम्प्युटरो मे प्रयोग की जाती है।इसकी विषेषता यह है। की इसमे डाटा को एक भण्डारण माध्यम से दुसरे भण्डारण माध्यम मे नकल या टांसफर करना आसान होता है।
छमजूवता
आपस मे एक दूसरे से जुडे कम्प्यूटर का समुह नेटवर्क कहलाता हैं। नेटवर्क सूचनाओ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्ािानन्तरित करने को समर्थ बनाता है। इस के द्वारा हार्डवेयर व साॅफटवेयर स्त्रोत, प्रिटर, माॅडम हार्डडिस्क आदि की षेयरिग की जा सकती है। नेटवर्क को दो भागोमे बाटा गया है।
;1द्धभ्वउवहमदवने दमजूवता.रूवह नेटवर्क जिसके समान ंतबीपजम बजनतम वाले कम्प्यूटर आपस मे जुडे रहते है। ीवउवहमदवने दमजूवता कहलाता है। जैसे लोकल एरिया नेटवर्क, इस नेटवर्क का एरिया सीमित होता है। तथा डाटा टान्सफर रेट तीव्र होती है इनमे कंजं वितउंज बवदमतजपवद की आवष्यकता नही होती है।
;2द्धभ्मजवतहमदवने दमजूवता.रूवह नेटवर्क जिसमे असमान ंतबीपजमबनतम वाले कम्प्यूटर आपसमे जुडे रहते है। ीमजवतहमदवने दमजूवता कहलाता है। जैसे वाइड एरिया नेटवर्क, इसे नेटवर्क का एरिया असीमित होता है। तथा डाटा टान्सफर रेट कम होती है।इनमे कंजं वितउंज बवदअमतजपवद आवष्यकता होती है। इनमे भिन्न नियमो का पालन सचार के लिए किया है। इनमे त्रुटियो की सम्भावना अधिक रहती है।
क्पेजतपइनजमक ेलेजमउ
क्पेजतपइनजमक ेलेजमउ.रू क्पेजतपइनजम
ैलेजमउ पदकमचमदकमदज ेनइेलेजमउ से मिलकर बना होता है। जो कि भिन्न-भिन्न बवउउनदपबंजपवद सपदम से जुडे रहते है। इस सिस्टम द्वारा चवतबमेेपदह मुनपचउमदज जैसे डाटाबेस का विस्तार किया जा सकता है व डपयोगकर्ता ओ को नजदीक लाया जासकता है।
यह सिस्टम दो भागो मे वर्गीकत है।
;1द्धब्मदजतंसप्रमक कपेजतइनजमक ेलेजमउ इस प्रकार के सिस्टम मे केन्दीय कम्प्यूटर सर्वर के रूप मे पाया जाता है। यह नेटवर्क को नियन्त्रित करता है तथा सूचनाओ के लिए बमदजतंस ेजवतंहम ेचंबबम उपलब्ध कराता है। इस प्रकार के सिस्टम मे अन्य कम्प्यूटरो को बसपदज या वर्कस्टेषन कहा जाता है। सिस्टम मे सर्वर के खराब हो जाने पर पुरा नेटवर्क प्रभावित होता है।
;2द्धक्मबमदजतंसप्रमक कपेजतपइनजमक
ेलेजमउ इस प्रकार के सिस्टम मे केन्द्रीय कम्प्यूटर नही पाया जाता है। यह नेटवर्क को नियान्त्रिम करता है। तथा सूचनाओ के लिए बमदजतंस ेजवतंहम ेचंबम उपलब्ध कराता हैं। इस प्रकार के सिस्टम मे अन्य कम्प्यूटर को बसपदज या वर्कस्टषेन कहा जाता है। इस सिस्टम मे किसी कम्प्यूटर के खराब हो जाने पर ष्षेष सिस्टम पूर्ण रूप से कार्य करता है।
ब्वदचनजमत चतवहतंउउपदह संदहनंहम
क्म्प्यूटर प्रोग्राम ब्वदचनजमत चतवहतंउउम.रू प्रोग्राम मानव द्वारा तैयार कमबध्द आदेषो का एक समूह है जिसे की कम्प्यूटर समझाता है और आवष्यक प्ररिणाम देता हैं।
क्म्प्यूटर प्रोग्रामिग लेग्वेज -ः कम्प्यूटर लेग्वेज वह लेग्वेज है। जिसमे की कम्प्यूटर प्रोग्राम लिए जाता है।
कम्प्यूटर लेग्वेज दो प्रकार की होती है।
;1द्धस्वू समअमस संदहनंहम दो प्रकार की होती है।
;1द्ध डंबीपदम संदहनंहमरू. वास्तविक रूप से कम्प्यूटर प्रोग्रामस मषीन लेग्वेज मे लिखे होते है। मषीन लेग्वेज मे लिखे गये कम्प्यूटर प्रोग्राम बडी संख्या मे बाइनरी नम्बर के कमो से बनते है। मषीन लेग्वेज के इन्सटक्षन के दो भाग होते है।
;1द्धओपरेषन
;;2द्धआॅपरएण्ड
ओपरेषन कोड -ः ओपरेषन के बारे मे इंगित करता है जिसे
की क्रियान्वित करता है। ओपरेन्ड मेमोरी मे रखे हुए डाटा आईटमस के पते को बतलाता है। जैसे 100101 ंकक वचमतंजपवद बवकम को बतलाता है। व 100101 मेमोरी मे रखे डाटा आईटमस का पता बतलाता है। यह मषीन पर आधारित लेग्वेज है। इसलिए एक कम्प्युटर पर लिखे गये प्रोगाम अन्य कम्प्युटर पर नही चल सकते है। हम इसे लो लेवल लेग्वेज के नाम से भी पुकारते है। जब पहली जनरेषन के कम्प्युटरर्स प्रोगामस को काम मे लिया जाने लगे थे तो वे मषीन लेग्वेज मे लिखे होते थे।
मषीन लेग्वेज के लाभ- यह प्रत्यक्ष रूप से कम्प्युटर द्वारा समझी जाती है। इससे प्रोसेस तीव्र गति से होता है। और रिजल्ट तीव्र से प्राप्त होता है। और रिजल्ट तीव्र से प्राप्त होता है।
मषीन लेग्वेज की हानियाॅ – मशीन लेग्वेज मे लिखे गये इन्टक्षन बाइनेरी कोडिंग स्कीम को काम मे लेते है। जिसे की प्रत्येक व्यक्ति द्वारा आसानी से समझा नही जा सकता है। समस्त डाटा इन्टक्षन को मेनमूली मषीन लेग्वेज मे बदला जाता है। तथा प्राप्त होने वाला रिजल्ट भी मषीन लेग्वेज मे प्राप्त होता है। जिसे की पुन हयूमन लेग्वेज मे बदला जाता है। बाइनरी कोड के फक्षन व केरेक्टर सिकने मे काफी कठिन होते है। कोडिंग व डिकोडिंग मे काफी समय लगता है। क्योकि प्रत्येक अक्षर 0व1 से मिलकर बने होते है।
बाइनेरी कोडिंग को याद रखना कठिन होता है।
ंेेमउइसल संदहनंहम- यह लेग्वेज मषीन लेग्वेज का ही एक विकसित रूप है। इस लेग्वेज मे ओपरेषन कोड व ओपरेन्ड कोड प्रदर्षित करवाने के लिए न्युमरिक कोड करेक्टरस कोड को काम मे लिया जाता है। जैसे ंकक;ंककपजपवदद्धके लिए उजल;उनसजपचसलद्ध के लिए काम मे लिये जाते है। व ंएइएगएउवदजीएचंल आदि ओपरेन्ड को प्रदर्षित करने के लिए काम मे लिये जाते है। इसलिये इस लेंग्वेज को सिम्बोलिक लेग्वेज कहते है। यह भी एक मषीन ओरियेन्टेड लेग्वेज है। अर्थात एक कम्प्युटर के प्रोगाम को अन्य कम्प्युटर पर एक्जीक्युटेड नही कराया जा सकता है।
ीपही समअमस संदहनंहम- हाई लेवल लेग्वेज वह लेग्वेज है। जोकि मषीन पर आधारित नही होती है। अर्थात मषीन स्वतन्त्र भाषा है। जिसे की सरलता पूर्वक मानव द्वारा समझा जा सकता है। व उपयोग मे लिया जा सकता है। यह लेग्वेज ष्षब्दों व सिम्बलस से मिल कर बनी होती है। जिसका की उपयोग प्रोग्रामस द्वारा सरल इग्लिंष लेग्वेज के रूप मे प्रोग्राम लिखने के लिए करते है। केल्कुलेषन के कार्य मे उपयोग मे लाया जाने वाला फोरमुूला एलजेबरिक फोरमूला के समान होता है।
मुख्य रूप से काम मे ली जाने वाली हाई लेवल लेग्वेज निम्न है।
इंेपब;इमहपददमते ंसस चनतचवेम ेलउइवसपब पदजतनबजपवद बवकमद्ध
बवइवस;बवउउवद इनेपदमेे वतपमदजमक संदहनंहमद्ध
चंेबंस
वितजतंद;वितउनसं जतंदेसंजपवदद्ध
बण्6ण् ब़़ 7ण्रंअं मजबण्
ंकअंदजंहम व िीपही समअमस संदहनंहम-सरलता पूर्वक सीखी व समझी जा सकती है। इसे लिखने मे कम समय की आवष्यकता हाती है। सरलता पुर्वक मेन्टेन किया जा सकता है। यह मषीन पर आधरित नही है। इस लेग्वेज को प्रोग्राम ओरियेन्टेड लेग्वेज भी कहते है। हाई लेवल लेग्वेज मे लिखे गये प्रोग्रामस को सोरस लेग्वेज भी कहते है। इस लेग्वेज का उपयोग दुसरी जनरेषन के बाद मे किया गया ।
विनतजी हमदमतंजपवद संदहनंहम- चैथी जनरेषन लेग्वेज को स्टेक्चर क्योरी लेग्वेज के नाम से भी जाना जाता है। इस लेग्वेज मे लिखे जाने वाले प्रोग्राम सरलतम वाक्यो के रूप मे लिखे जाते है। ताकि युजर सरलता पुर्वक समझ सके व प्रोग्रांिमग कर सके रिलेषनल डाटाबेस तैयार करने के लिए इस भागों को काम मे लेते है। जैसे – ेुसएवतंबसम मजब ण्
ेवजिूंतम बवदबमचज
;1द्धेवजिूंतमरू.बवउचनजमत पर चलाये जा सकने वाले प्रोगा्रम का समूह ेवजिूंतम कहलाता है। जो कि कम्प्यूटर पर किसी कार्य विषेष को सम्पन्न करवाते है। ेवजिूंतम.ींतकूंतम ंदक नेमत के मध्य मध्यस्था स्थापित करता है। जिसके द्वारा नेमत बवउनजमत पर किसी कार्य को सम्पन्न करवाने मे सक्षम होता है।
;2द्ध।चचसपबंजपवद ेवजिूंतम रू. नेमते की एप्लीकेषनय उपयोग कर्ता के अनुपयो से संबधिन ेवजिूंतम को एप्लीकेषनय ेवजिूंतम कहा जाता है। यह प्रोग्राम या साॅफटवेयर यूजर को विषष समस्या ओ या कार्यो के समाधान से संबंधिन होते है। यह प्रोगम प्रोग्रामर द्वारा तैयार किये जाते है। यह प्रोग्राम निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं। जैसे वेराल इन्वेन्टरी कन्टोल व आॅडिटिग आदि। यह प्रोग्राम हाई लेवल लेग्वेज मे लिखे जाते है। सिस्टम साॅॅॅॅॅॅॅफटवेयर के बिना एप्लीकेषन साॅफटवेयर का कोई महत्व नही रहता है।
स्वदहनंहम जतंदतसंजमत चवतहतंउ.रू एक प्रोग्राम है जो सोर्स प्रोग्राम का ओबजेक्ट प्रोग्राम मे बदलने का कार्य करता हैं संदनहंहम जतंदतसंजमत चवतहतंउउ निम्न है।
;1द्धब्वउचपसमत.रू यह एक प्रोग्राम है या टान्सलेटर है जिसके द्वारा हाई लेवल लेवग्ेज मे लिख गये सोर्स प्रोग्राम को मषीन लेग्वेज प्रोग्राम मे अथात ओबजेक्ट प्रोग्राम मे बदना जाता है। और उसे स्टोर रखा जाता है। इसके द्वारा एक बार मे व एक ही समय मे पूरे प्रोग्राम को टान्सलेर किया जाता है। टान्सलेषन की प्रकिया कम्पाईलेषन कहलाती है। टान्सलेयान के दौरान ओबजेक्ट प्रोग्राम जनरेट होती है और अन्त मे पायी जाने वाली गत्ततियो को लिस्टिग क्यूषन के लिये मेमोरी मे लोड होता हैं। कम्पाईलर मे बडे प्रोग्राम के लिये उपयोगी रहता हैं। कम्पाईलेषन की प्रकिया प्रोग्राम के एक्जीक्यूषन की प्रकिया से धीमी होती है। अर्थात यदि प्रोग्राम कम्पलिर होने मे मिनट लेता हे तो उसे एक्जीक्यूट होने मे सैकण्ड लगते है।
;2द्ध प्दजमतचतपदजमत:- यह प्रोग्राम है । या टान्सलेटर हैे। जिसके द्वारा सोर्स प्रोेेग्राम को ओेबजेेेेेेेेेेेेेेेक्ट प्रोेग्राम मे बदला जाता है। लेकिन इन्टरप्रिटर एक बार मे व सोर्स प्रोग्राम के एक स्टेटमेन्ट को ट्रान्सलेट करता है। व तत्काल उसे एक्जीक्युट करता है। ट्रान्सलेषन की यह प्रक्रिया इन्टरप्रिषन कहलाती है। प्रत्येक स्टेटमेन्ट के ट्रन्सलेट करने के पष्चाय उस स्टेटमेन्ट मे पाई जाने वाली एररर्स को बतलाना है। जब तक पार्यी जाने वाली एररर्स का निराकरण नही हो जाता जब तक वह अगले स्टेटमेन्ट को प्रोसेस मे नही लाता। कम्पाईलर द्वारा बनाये गये ओबजेक्ट प्रोग्राम के एक्जीक्यूषन की तुलना मे 10 गुण धीमी गति से इन्टरप्रिटर के द्वारा तैयार ओबजेक्ट प्रोग्राम का एक्जीक्यूषन होता है।
3-ंेेमउइसमत रू. ंेेमउइसमत एक प्रोग्राम है।या टान्सलेटर है। जिसका उपयोग एसेम्बली लेग्वेज मे लिखे गये प्रोग्रामस को मषीन लेग्वेज मे बदलने मे किया जाता है।
अपतने
जिस प्रकार मानव शरीर मे जिवाणु प्रवेष कर विभिन्न अगों पर आक्रमण कर उन्हें क्षति पहुचाते है। उसी प्रकार कम्प्युटर का वायरस भी अच्छे भले वातावरण को विकत कर देता है। कम्प्युटर वायरस एक अदष्र्य प्रोग्राम होता है। जो ंबजपअम होने के प्रष्चात उपयोगकर्ता के कार्य मे बाधा उत्पन्न करता है। कम्प्युटर वायरस एक कम्प्युटर से दुसरे कम्प्युटर पर आसानी से अपनी पहुच बना लेता है।
अपतने का बवउचनजमत पर होने का मुख्य कारण –
1-आपस मे जुडा होना ।
2-चंपतमजमक ेवजिूंतम से भी कम्प्युटर मे वायरस पहुच जाता है।
अपतने के प्रभाव –
1- कम्प्युटर मे अनुपयोगी सुचना प्रविष्ट हो जाना ।
2-फाइल के साथ संयुक्त होना ।
3-हार्ड डिस्क से सिवचचल कपेा को वितउंज कर देना ।
4-चतपदजपदह के दौरान अनुपयोगी सुचना को चतपदज कर देना।
5-कम्प्युटर की गति को कम कर देना ।
6-ामले की परिभाषा को परिवर्तित कर देना ।
7-ामल इवतके पर सवबा लगा देना ।
अपतने को उनके कार्यषैली के अनुसार निम्न वर्गो मे विभाजित किया जाता है।
1ण्इववज ेमबजवत अपतने 2ण् उमउवतल अपतने
3ण् पिसम अपतने 4ण्चंतजपजपवद जंइसम अपतने
5ण्ेजमकजी अपतने
1ण्इववज ेमबजवत अपतनेरू. इववज ेमबजवत अपतने स्ंवय ंककतमेे लिखे देता है। अत इववजपदह के दौरान इववज ेजमच सवंकमत अपतने चतवहतंउ का ेलेजमउ नियोजक बना देता है। वास्तविक इववजपदह प्रक्रिया क्रियान्वित नहीं होती है।
2ण्उमउवतल अपतनेरू. बवउचनजमत की उमउवतल मे पाये जाने वाले अपतने को उमउवतल अपतने कहते है। यह उमउवतल के कार्य को पुरी तरह से प्रभावित करता है।
3ण्पिसम अपतनेरू. पिसम को प्रभावित करने वाले अपतनेको पिसम अपतने कहते है।
4ण् चंतजपजपवद जंइसम अपतनेरू. जब कोई अपतने ींतककपेा के चंतजपजपवद जंइसम को प्रभावित करता है। तो उसे चंतजपजपवद अपतने कहते है।
अपतने के लक्षण-
1-प्रोग्राम लोड होने मे बहुत समय लेता है।
2-डिस्क को पढने मे समय अधिक लगता है।
3-सिस्टम मैमोरी मे अचानक कमी आ जाना ।
4-कम्प्युटर से फाइल गायब हो जाना।
5-ेबतममद पर असम्भव हतंचीपबे पउंहम का प्रदर्षित होना ।
6-प्रोग्राम का मगमबनजपवद के दौरान चलना बंद हो जाना ।
7-पिसम ेप्रम का अपने आप बढना और घटना ।
वचमतंजपदह ेलेजमउ
वचमतंजपदह ेलेजमउरू.यह मुख्य प्रोग्राम फाइलो के समुह वाला एक सिस्टम साॅफटवेयर है।
जिसके द्वारा कम्प्युटर के हार्डवेयर किसी कार्य को सम्पन्न करने के लिए सक्रिय व नियन्त्रित होते है। वचमतंजपदह ेलेजमउ को ेलेजमउ ेवजिमउ बवउचनजमत भी कहतेेेे है। वचमतंजपदह ेलेजमउ बवउचनजमत ंदक नेमत के मध्य एक लिक स्थापित करने का कार्य करता है। ताकि उपयोगकर्ता द्वारा कम्प्यूटर का इस्तेमान किया जा सके।
वचमतंजपदह ेलेजमउ.रू पहला प्रोग्राम हे जोेे कम्प्यूटर के आॅन होने के बाद क्म्प्यूटर की मैमोरी मे लोड होता है। डाॅस, विण्डोज युनिक्स प्रचालित आॅपरेटिग सिस्टम हैं।
वचमतंजपदह ेलेजमउ प्रत्येक कम्प्यूटर सिस्टम का महत्वपूर्ण भाग होता है। इसके अथाव मे कम्प्यूटर पर कार्य करना सम्भव नही है।
वचमतंजपदह ेलेजमउ के मुख्य उदाहरण
ॅपदकवूे 95ए98ए2000ए2004 न्दपजए सपदनग कवेए ूपदकवूए छजगच
डे.कवे
डे कवे का पूरा नाम उपबतवेवजि कपेा वचमतंजपदह ेलेजमउ है। यह एक सिगंल यूजर सिगंल टास्किग आपरेटिग सिस्टम हैं। इसे उपबतवेवजि बवतचवतंजपदव द्वारा तैयार किया गया है।
क्वे वचमतंजपदर ेलेजमउ की मूख्य पिसम निम्नलिखित है।
;1द्ध प्ण्वण् ेलेजमउ ;प्दचनज वनजचनज ेलेजतउ पिसमद्ध
;1द्ध उे कवे ;उपबतव ेवजि कपेा वचमतंजपदह ेलेजमउद्ध उपरोक्त मे 1व2 छिपी हूई है।
;1द्ध प्ण्वण् ेलेजमउ.रू कम्प्यूटर मे डाटा तथा पदवितउंजपवद के संचार सम्बन्धी सभी कार्य पण्वण् ेलेजमउ पिसम ;प्दचनज वनजचनज ेलेजतउ पिसमद्ध द्वारा किए जाते हैं।
;2द्ध डे कवे ेलेजमउ यह फाईल में वह चतवहतंउ तथा तार्किक निर्देष संचित रहते है। जो डाटा सगंठन तथा प्रबन्धन कर कार्य करते है।
;3द्धब्वउउंदक बवउण् ैलेजमउ.रूयह फाईल कम्प्यूटर के नेमत द्वारा दिए गए निदे्रष को पढकर कम्प्यूटर के द्वारा दिए गए निर्देषानुसार कार्य करती है। उे कवे की आंतरिक बवउउंदके भी इस फाईल के साथ
कम्प्यूटर की मूख्य स्मृति मंे ेंअम रहती हैं।
ठववज चतवबमेे.रू कम्प्यूटर को वद करने से लेकर ंध्झ या बरू?झ ;कवे चतवउचजद्ध या ूपदकवूे कमेाजवच प्रदर्षित होने तक की समय मे हुई सम्पूर्ण मे प्रकिया इववज चतवबमेे कहलाती है। इस प्रकिया मे कई ेजमचे होते है।
ठववजपदह.रूकम्प्यूटर को ेजंतज करने की प्रकिया को इववजपदह कहते है। अथात कम्प्यूटर को ेजंतज करके सामान्य अवस्था ;दवतउंस वचमतंजपदह बवदकपजपवदद्ध तक लेकर आने की प्रकिया को इववजपदह कहा जाता हैं। ताकि कम्प्यूटर को वचमतंजम किया जा सके। वह डिस्क जिसका की उपयोग बवउनजमत ेलेजमउ का चालू करने के लिए किया जाता है। इववजपदह कपेा कहलाती है। यह डिस्ट आॅपरेटिग सिस्टम को रखती है।
ठववजपदह दो प्रकार की होती है।
;1द्धब्वसक इववजपदह .रू जब हम बचन के चवूमत ेूपसबी कोे वद करके बवउउनजमत को ेजंतज करते है तो यह प्रकिया बवसक इववजपदह कहलाती हैं।
;2द्ध ॅंतउ इववजपदह.रूजब हम तमेमज ेूपजबी या बजतस़ंसस़कमस ामल के द्वारा कम्प्यूटर को तमेंतज करते है तो यह पकिया ूंतउ इववजपदह कहलाती है।
ज्लचमे व िउे कवे बवउउंदके
डे कवे.रू उे कवे मे दो प्रकार के कमाण्डस पाए जाते है।
;1द्धप्दजमतदंस बवउउंदके
;2द्धम्गजमतदंस बवउउंदके
;1द्धप्दजमतदंस बवउउंदके.रूजब हम कम्प्यूटर को ेजंतज करते है। तब कुछ ब्वउउंदके बवउचनजत उमउवतल पद सवंक हो जाते हैं इन कमाण्डो को प्दजमतदंस बवउउंदके कहते है। ये कमाण्ड बवउउंदक बवउ फाईल मे स्टोर रहते है। तथा इन कमाण्डो की सूची ेबतममद पर नही देखी जा सकती है। लेकिन डिस्क पर स्थान घेरते है। ये अधिकतर उपयोग मे
आने वाले कमाण्डस होते है।ये कमाण्डस तत्काल मगमबनजत होते है। ये कमाण्डस कम्प्यूटर के ेजंतज होने से लेकर अंत तक जब तक कि कम्प्यूटर का विि नही किया जाता तब तक कम्प्यूटर की उमउवतल मे बने रहते है। इसलिए प्दजमतदंस कमाण्डस को उमउवतल तमेपकमदज बवउउंदक भी कहते है।
स्पेज व िपदजमतदंस बवउउंदके
;1द्धक्ंजम बवउउंदक.रू कंजम बवउउंदक का उपयोग ेलेजमउ की ब्नततमदज कंजम को देखने व बदलने के लिए किया जाता है।
;2द्धज्पउम बवउउंदक.रूजपउम बवउउंदक का उपयोग ेलेजमउ की बंततमदज को देखने व बदलने के लिए किया जाता है।
;3द्ध ब्सै बवउउंदक.रूइसका उपयोग ेबतममद का बसमंत करने हेतु काम मे लिए जाता है ेबतममद बसममद होने के बाद कवे वितउ ेबतममद ंदक सपदम की बायी और दिखाई देता है।
;4द्धक्प्त्.रू इसका उपयोग कपेा पर बनी हुई समान्त फाईल की सूची देखने के लिए किया जाता है।
;5द्धब्वचलबवद बवउउंदक .रू इसका उपयोग कपेा पर बनी हुई नई फाईल का निर्माण करने के लिए किया जाता है तथा फाईल को ेंअम करने के बजतस का प्रयोग किया जाता है।
;6द्धडक बवउउंदक.रू इसका उपयोग कपेा पर बनी हुई नई ेनक कपतमबजवतल बनाने के लिए किया जाता है।
;7द्धत्मदंउम.रू इसका उपयोग किसी फाईल विषेष का नाम बदलने के लिए किया जाता है।
;8द्धक्मसमजम.रू इसका उपयोग पर से फाईल विषेष या फाईन के समूह को हटाने के लिए किया जाता है।
;9द्धज्चलम.रूइसका उपयोग फाईन मे लिखे बरूझजमगज देखने के लिए किया जाता है।
;10द्धचतवउचज .रूइसका उपयोग कवे जवतउ को बदलने के लिए किया जाता है।
;11द्ध ब्वचल.-ः इसका उपयोग किसी एक फाईल या एक से अधिक फाईल की ब्वचल एक डाइरेक्टी से दूसरी डाइरेक्टी मे करने के लिए किया जाता है।
;12द्धत्क.रूइसका उपयोग कपेा पर बनी हुई सब कपतमबजतवल का हटाने के लिए किया जाता है।
;13द्धटवस.रूइसका उपयोग कपेा की पहाचान के लिए दिए गये नाम को ेबतममद पर देखने के लिए करते है।
;14द्धटमस.रूइसका उपयोग वचमतंजपदह ेलेजमउ का अमतेपवद जानने के लिए किया जाता है।
म्गजमतदंस बवउउंदकरू. कपेा पर चतवहतंउ पिसम के रूप मे रखे जाने वाले कवे बवउउंदक मगजमतदंस कहलाते है।
;1द्धस्ंकमस बवउउंदक इसका उपयोग थ्सवचचल कपेा व ींतक कपेा के अवपनउम संइमज को बदलने व हटाने तथा नये नाम देने के लिए किया जाता है।
म्ग बवउउंदक दृसंइमस
ज्लचम . मगजमतदंस
ैलदजंग दृसंइमस क्ष्क्रू, क्ष्अवसनउम संइमसउपयोग चपतचवेम.म्गण्बयध्7ब्भ्ज्ञक्ेा
;2द्धब्ीाकेारू.इस कमाण्ड का उपयोग सिवचचल कपेा व ींतक कपेा की जाॅच करने के लिए किया जाता है। जाॅच करने के पष्चात यह ेबतममद निसस पदवितउंजपवद प्रदर्षित करता हैं। ेबतममद निसस पदवितउंजपवद के अन्तर्गत ये निम्न सुचनाए प्रदर्षित करता है।
;3द्धथ्पदक बवउउंदकरू. इस कमाण्ड का उपयोग किसी फाइल विषेष मे किसी षब्द या ेजतपदह को ढुढने के लिए किया जाता है।
;4द्धैवतज बवउउंदकरू. इस बवउउंदक का उपयोग पिसम मे लिखे हुए जमगज को किसी अर्थपूर्ण क्रम मे
आरोही व अवरोही मे व्यवस्थित करने के लिए किया जाता है।
;5द्धथ्वतउंज बवउउंदक:- इस कमाण्ड का उपयोग डीस्क को फोरमेट कर उसे नेंइसम उपयोगी बनाने के लिए किया जाता है। ताकि प्दवितउंजपवद को डीस्क पर स्टोर किया जा सके । फोरमेट करने से डीस्क डायरेक्ट्ी को डीस्क ट्क एण्ड सलेक्षन का निर्माण होता है । तथा रोएट डायरेक्ट्ी भी फोरमेट के समय तैयार होती है ।
;6द्धन्दवितउंज:- इस कमाण्ड का उपयोग किसी फोरमेट किया जाता है । फोरमेट करने से अगर डीस्क पर किसी भी प्रकार की पदवितउंजपवद स्टोर है तो व समाप्त हो जाती है । उस प्दवितउंजपवद बवउउंदक के द्वारा पुनः प्राप्त किया जा सकता है ।
;7द्धज्तमम बवउउंदक:- इस कमाण्ड का उपयोग डीस्क सबडायरेक्ट्ी व उसमें बनी हुई समस्त फाईल्स को संरचनात्मक तरीके से देखने के लिए किया जाता है ।
न्छथ्व्त्ड।ज्म् ब्व्डड।छक्
ब्वउउंदक.नदवितउंजम
ज्लचम .मगजमतदंस
ैलदजंद दृनदवितउंजमढकरूझ
च्नतचवेमरू.विउमंजम की गई कपेा की ;8द्धनदवितउमंजम करने के लिये इस ब्वउउंदक को काम मे लिया जाता है। जब हम किसी पुरानी कपेा को वितउंजम करते है तो उस पर पायी जाने वाली समस्त सूचना हट जाती है। तथा नये टेक्ट व सेक्टर बन जाते है।
म्गंउचसमरू.बरू?झ नदवितउंजम
ब्रू?झ क्पत ।रू
;9द्धब्सवबा बउउंदक
ब्वउउंदक.बसवबा
ज्लचम .म्दजमतदंस
ैलदजमत दृबसवबा
;10द्धच्नतचवेमरू.बसवबा बवउउंदक का उपयोग ेबतममद की पहली लाइन के दायी और बसवबा को प्रदर्षित करवाने के लिए इस बवउउंदक का उपयोग किया है।
म्गंउचसम दृ बरू?झ बसवबा
क्मसजतमम दृ बवउउंदक
ब्वउउंदक दृ कमसजतमम
ज्लचम . मदजमतदंज
ैलदजमग . कमसजतमम ;कद्धढंजीझ
;11द्ध चनचवेमरू.कमसजतमम बवउउंदक का उपयोेग समस्त कपतमबजवत व उनमे बनी हुई फाईल को एक साथ हटाने के लिये करते है।
म्गंउचसमरू. बरू?झ गल्र झ कमसजतमम
ब्रू?झ गल्र झ कमसजतमम
न्दकमसमजम बवउउंदक
ब्वउउंदक . न्दकमसमजम
ज्लचम . मदजमतदंस
ैलदंजंग दृ नदकमसमजम;कद्ध
;12द्धच्नतचवेम.रू नदकमसजम बवउउंदक का उपयोग कमसमजम से हटायी गयी फाईल को पुन प्राप्त करनेेेेे के लिये करते है।
म्गंउचसमरू. बरू?झ गल्र झ कमसजतमम
ब्रू?झ गल्र झ कमसजतमम
डवकम बवउउंदक
ब्वउउंदक . उवकम
ज्लचम . मदजमतदंस
ैलदजंग उवकम;बव40द्ध;ब्व80द्ध
ॅप्छक्व्ॅै
प्दजतवकनबजपवद.रूउपबतवेवजि ूपदकवूे
अमेरिका की एक कम्पनी उपबतवेवजि बवतचवतमेेपवद द्वारा विकसित किया गया है। एक ेवजिूंतम है।
व्चतमंजपदह ेलेजमउ होने के कारण यह कई अन्य ेवजि ूंतम जैसे उपबतवेवजि चििपबमएचींजवेीवमएचंपदउंामे आदि पर कार्य करने के लिये वातावरण बनाता है। कम्प्यूटर के लिये विकसित किया गया यह ेवजिूंतम ळन्प् ; ळतंचीपबंस नेमत पदजमतंिबमद्ध पध्दति पर कार्य करता है। जिस ंचचसपबंजपवद ेवजिूंतम पर हूये ूपदकवूे मे कार्य करते है। वह सभी ेबततमद पर एक आयताकार क्षे़त्र मे प्रदर्षित होते है। इसी आधार पर इस ेवजिूंतम का नाम ेवजिूंतम
पडा है।
इस ेवजिूंतम की कुछ विषेषताएॅ निम्नाखित है।
;1द्धव्चतमंजपदह ेलेजतमउ.रू ेवजिूंतम ंचचसपबंजपवद ेवजिूंतम के साथ वचतमंजपदह ेलेजमउ के रूप मे भी प्रस्तुत किया गया है। कम्प्यूटर को ेवजिूंतम सेे चतंनम करने पर चतवउ चिन्ह प्रदर्षित होने के बजाय एक ूपदकवूे कमेाजवच आता है।
;2द्धन्ेमत तिपमदकसल.रू ूपदकवूे एक ळन्प् पध्दति पर आधारित वचतमंजपदक ेलेजमउ है। इसमे दिये जाने वाले सभी बवउउंदक को ेबतममद पर हतंचीपबंस वइरमबज के रूप मे होते है। हतंचीपबंस वइरमबज जिन्हे हम प्बवद कहते है। क्वे की तहर बवउउंदके को ामलइवंतक की सहायता से ज्लचम करने के बजाय डवनेम चतपदजमत की सहायता से चुनकर कार्य किया जा सकता है।
;3द्धउनसजपजंेापदह.रू ूपदकवूे एक ऐसा वचतमंजपदह वातावरण प्रकान करता है। जहाॅ एक साथ एक ही समय मे दो या दो से अधिक ।चच के मध्य सुचना ओ का आदान-प्रदान भी कर सकते है।
;4द्धप्दवितउंजपवद ेींदपदर.रू ूपदकवूे मे हम न सिर्फ एक साथ एक ही समय मे दो से ंचच पर कार्य करते है। उन ंचच के मध्य सुचनाओ का आदान- प्रदान भी कर सकते है।
;5द्धैीवतज बनज.रू ूपदकवूे मे हम किसी भी चतवहतंउउम या ब्वउउंदके का ेीवतज बनज बनाकर पबवद के रूप मे क्मेासवच पर रख सकते है। इसमे न केवल सिर्फ करने मे सरलता होती है। बल्कि समय भी कम लगता है।
;6द्ध प्दजमतदमज.रू ूपदकवूे प्दजमतदमज मगबमे मे भी सहायत है जो प्दजमतदमज के द्वारा सूूूचना ओ भेजने व प्राप्त करने मे सूविधा उपलब्ध करातक है।
;7द्ध।ेेमतंतपमे चतवहतंउउम.रू ूपदकवूे मे कई प्रतियोगी चतवहतंउउम पाये जाते है जैसे ूवतक चंक दवजम आदि है।
;8द्धथ्नदबजपवद व िउे ूपदकवूे
;1द्धब्वदजतवसम ींतक ूंतम.रू ूपदकवूे कम्प्यूटर के विभिन्न ींतक ूंतम के कार्यो को नियंत्रित करता है। तथा उनके मध्य आपस मे सामन्जस्य बनाये रखता है।
;2द्धबमतमनजम चतवहतंउउम. ूपदकवूे ंचसपबंजपवद चतवहतंउउम को ष्षुरू करता है। तथा उन पर कार्य करने की सुविधा प्रदान करता है।
;1द्ध वतहंदप्रमे पदवितउंजपवद. ूपदकपूे द्वारा फाइलो को कम्प्युटर मे व्यवस्थित कर संग्रहित रखना सम्भव है। ूपदकवू ेजवतम की गई सुचना को छाटने खोजने व व्यवाथित करने तथा स्ािानान्तरित करने मिटाने व पुन नाम देने मे मदद करता है।
;2द्ध ब्वउउनदपकंजपवद जववस. ूपदकवूे की मदद के द्वारा एक कम्प्युटर को दुसरे कम्प्युटर के साथ जोडा जा सकता है। तथा इन्टरनेट के सम्बन्ध विस्थापित किया जा सकते है।
ैजंतजपदह व िूपदकवूे
जब ूपदकवू ेजवतम बवउचनजमत का ेूपजबी वद करते है। तो बुटिंग व कुछ आवष्यक प्रोग्राम बवदजपह ेलेजमउ ंनजव मगमबण्मजबण् के रन होने के पष्चात स्क्रीन पर कुछ समय के लिए एक बडा ूपदकवू दिखाई पडता है। जो कि कुछ सैकण्ड पष्चात अदष्य हो जाता है। इसके बाद प्रथम स्क्रीन दिखाई देती है। जहाॅ से की युजर अपना कार्य करना प्रारम्भ करता है। यह प्रथम स्क्रीन कमेाजवच के नाम से जानी जाती है।
;1द्ध क्मेाजवच दृ वह स्क्रीन जो विण्डोज को लोड करते ही मानीटर पर आती हैं। तथा नेमत को कार्य करने का क्षेत्र उपलब्ध कराती हैं । डेस्कटॅाप कहते है।
;2द्ध प्बवद दृ पबवद ूपदकवूे का एक सामान्य ग्राफिकल चिन्ह है जो किसी प्रोग्राम या फाइल को प्रदर्षित करता है। प्रोग्रामो के समुह को एक विषेष प्रकार के पबवद से प्रदर्षित किया जाता है। जिसे प्रोग्राम ग्रुप या फोल्डर कहते है। सामान्यत इसमे 6 पबवद मानीटर पर होते है।
;1द्धडल बवउचनजमत
;2द्धत्म बलबसम इपद
;3द्धडल इतपमबिंेम
;4द्धप्दजमतनमज मगचसवतमत
;5द्धछमज ूवतम उपमही इवतीववक
;6द्धडल कवबअदमदज
;3द्धैवतज बनज.रू ेवतज बनज किसी भी चतवहतंउउम या विसकमत आदि को सरलता पूर्वक व तीव्र से ंबबमेे करने की सुविधा उपलब्ध कराता है।
;4द्धडल बवउचनजमत.रू डल बवउचनजमत एक पिसम उंदहमत पबवद है जो कि कम्प्यूटर पर पाये
जाने वाली प्रत्येक विषय वस्तु को कपेसंल करता है। इसका उपयोग कर फाइल प्रबन्धीकरता का कार्य किया जा सकता है।
;5द्धत्मबलबसम इपद.रूबवउचनजमत पर से हटायी गयी समस्त पिसम वत विसकमत स्वत ही त्मबलबसम इपद मे पहुच जाते है। जिन्हे आवष्यकता पडने पर वहाॅ से पुन तमेजवतम किया जा सकता है। मउचजल तमबलबसम इपद वचजपवद का उपयोग पर त्मबलबसम इपद को खाली कर सकते है।
;6द्धज्ंेा इंत.रू उपरोक्त 6 पबवद के अतिरिक्त माॅनीटर पर सबसे नीचे टास्क बार आती है। स्कीन पर नीचे की और स्थित यह टास्क बार उस डुप्लीकेषन का नाम दर्षाती है। जिस पर कार्य किया जाता रहा है। ज्ंेा इंत मे सबसे बाई और एक स्टार्ट बटन होती हैं। जिसमे माॅनीटर पर मेन मन्यू आता ह। जिसके उपयोग कर विण्डोज के विभिन्न पोग्राम को कियान्वित किया जाता है। तथा सबसे दाई सिस्टम टे पाई जाती है। जहाॅ पर सिस्टम क्लोक प्रदर्षित होती है।
;7द्धब्वदजतवस चंदमस.रू उल बवउचनजमत का सबसे महत्वपूर्ण चतवहतंउउम बवदजतवस चंदमस होती है। जिसके हम अपने कम्प्यूटर के विभिन्न ींतक ूंतम व ेवजि ूंतम को व्यवस्थित कर सकते है। ब्वदजतवस चंदमस एक तरह की ंचचसपबंजपवद ूपदकवूे है जो कि कम्प्यूटर की ेमजजपउह मे बदलाव लाने के काम मे लिया जाता है।
ब्व्छज्त्व्स् च्।छम्स्
डल बवउचनजमत का सबसे महत्वपूर्ण प्रोग्राम आइकन है। जिसमे हम अपने कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा सोफटवेयर को विविध प्रकार से व्यवस्थित कर सकते है। कन्टोल पेनल एक तरह की एप्लीकेषन विंडो है। जो की कम्प्युटरस की सेंटिग मे बदलाव लाने के लिए अलग अलग व आइकन बन हुए होते है। विंडोस के अन्दर जो आइकन होते है। यह वह प्रोग्राम की तरह काम मे आते है। इन आइकन मुव कोपी या डिलिट नही किया जा सकता है। तो वह फाइल विंडो पदज मे स्टोर हो जाती है। जो कि पुन चिन्हो को ओपन करने पर उसमे बदलावे नजर आता है।
;1द्ध विदज. विदज वचजपवद से हम विदजे को स्टोर कर सकते है। जो कि ूवतकचंक व चंपदज.इतवनेी आदि मे काम मे लिए जा सकते हैं।
;2द्ध उवनेम दृ इसकी सहायता से हम माउस की जतंबापदह व कवनइसम बसपबा की गति से परिवर्तन कर सकते है। इस कमाण्ड के द्वारा हम लेफट व राईट बटन के कार्य मे भी बदलाव ला सकते है।
;3द्ध ामल.इवंतक.इस वचजपवद की सहायता से हम की बोर्ड की कुंजी को दबाव रखने पर अंके द्वौरान की गाति व भाषा आदि को
;4द्धचतपदजमत.रू इसके द्वारा नये चतपदजमत को पदेजंसस व पूराने प्रिन्टर को हटाया जा सकता है।
;5द्ध क्ंजमध्जपउम.रूइस वचजपवदके द्वारा कम्प्यूटर के कंजम व जपउम को सेट किया जा सकता है।
;6द्धेवनउक.रूयदि कम्प्यूटर मे ेवनदक बंदक लगा हुआ हो तथा इस वचजपवद पर काम किया जा सकता है। इस वचजपवद
की सहायता से अलग-अलग मनमदजे के लिए अलग-अलग ेवनउक
सेट कर सकते है।
;7द्धक्पेचसंल.रूइस कमाण्ड की सहायता से मानीटर के कपेचसंल को बदला जा सकता है। वे विन्डोज के पीछे की स्क्रीन को भी बदला जा सकता है।
;8द्ध।कक दमू ींतकूंतम. इस कमाण्ड की सहायता
से किसी भी नये ींतकूंतम को कम्प्यूटर मे पदेजंसस कर सकते है।
;9द्ध।ककध्तमउवअम चतवहतंउउम चतवचमतजपमे.रू इस कमाड की सहायता से किसी भी प्रोग्राम को पदेजंसस या नदपेजमसस कर सकते है।
;10द्ध10ेलेजमउ.रूइस कमाण्ड की सहायता से कम्प्यूटर की विविध सूचनाओ का पता चलता है। जिसे बदला भी जा सकता है।
;11द्धछमजूवता.रूइस कमाण्ड की सहायता से दमजूवता को भ्ंतकूंतम व ेवजिूंतम को बदला या व्यवस्थित किया जा सकता है।
;12द्धडवकमउ.रूइस कमाण्ड की सहायता से नये डवकमउ को पदेजंसस व पूराने माडॅम मे बदलाव किया जा सकता है।
;13द्धमल्टीमिडिया -ः इस कमाण्ड की सहायता से मल्टीमिडिया को ेमजजपदह मे बदलाव किया जा सकता है।
;14द्धच्ंेेूंतके.रूइस कमाण्ड की सहायता से चंेेूंतक वेमबनतपजल वचजपचद मे बदलाव किया जा सकता है।
थ्नजनतम व िूपदकवू
प्दंेजवससपदह व िूपदकवू
;1द्ध। 486 चबंज ;उपबतव चतवबमेेमतद्ध
;2द्ध16 उण्ठण् तंउ
;3द्ध640 उण्इण् ींतक कपेा
;4द्धटळ। उवदपजमत
;5द्ध101 ामल इवंतक
;6द्धउवनेम
;7द्धसिवचचल कपेा कतपअम
;8द्धब्क् तंउ
ेजंतज ूपदकवू
;1द्धेूपबी वद चवूमत व िउवदपजमत
;2द्धेूपबी वद चवूमत व िबचन
;3द्ध।जिमत ेवउमजपउम ूम पितेज ंदक ूम ेमम जीम कमेाजवच
।चचसपबंजपवद ूपदकवू.रूवह ूपदकवू जो तंउ होने वाले चतवहतंउउम को रखती है। ंचचसपबजपवद ूपदकवू कहलाती है। ंचचसपबजपवद चतवहतंउउम उेकवमेए उे ूवतकए उे मगबसए उे चवूमतचवपदजण्
क्वबनउमदज ूपदकवू.रूकवबनउमदज ूपदकवू ंचचसपबंजपवद के अन्तर्गत होती है। जहाॅ पर कि हम एक बार मे कई कवबनउमदज पर कार्य कर सकते है।
न्छप्ग्
प्दजतवकनबजपवद.रूनदपग उनसजप नेमत जंेापदह है। यह एक समय मे कई कार्य को निय़ि़त्रत करने मे समर्थ है। एक से अधिक नेमत को कार्य करने की सुविधा उपलब्ध कराता है।तथा कम्प्यूटर को सचालित की सुविधा उपलब्ध कराता है।
ब्ींतंबजमतपेजमे व िनदपग
;यूनिक्स की विषेषताऐद्ध
नदपग एक सामान्य जरूरत का परन्तु एक जटिल वचतमंजपदह ेलेजमउ है। इस वचतमंजपदह ेलेजमउ की मुख्य विषेषताऐ निम्न है।
;1द्धज्पउम ेइंतपदह.रूनदपग एक उनसजप नेमत व ेलेजमउ है। अत समय की बचत या जपउम ेींतपदह होना इसकी एक विषेषता है। यह उन कार्यो की एक सपेज बनाता है। जो कोने से अस्तित्व पाने को प्रति़़क्षा मे रहते है। यह किसी कार्य मे बहुत ही कम समय के लिये किया जाता है। तथा कुछ देर बाद उस कार्य को बन्द कर वह नये कार्य पर काम करना प्रारम्भ कर देता है। इस प्रकार कम्प्यूटर पर दिये गये बवउउंदके एक साथ कार्य करके जपउम ेींतम करते है।
;2द्ध चंेे ूवतक.रू नदपग ेलेजमउ मे प्रत्येक नेमत का एक चंेे ूवतक होता है। जिससे फाईलो को सूरक्षा मिनती है।
;3द्धांतदमस.रूांतदमस चवतहतंउउम एक ऐसा समुह होता है जो आवष्यक संसाधनो की व्यवस्था करता है। ांतदमस नदपग पिसम का एक अंग है जो सुचना को व्यवास्थित तथा उमउवतल मे स्थापित करता है। जब कम्प्युटर को स्टार्ट करते है। तो तुरन्त ही ांतदमस इववज होता है। तथा वह क्रियाषील हो जाता है।
;4द्ध ेींसस. ेींसस एक प्रोग्राम है। जब कम्प्युटर को षुरू करते हैं। तब वचमतंजपदह ेलेजमउ हमे कम्प्युटर की ीवउम कपतमबजवतल को पहुचा देता है। ेींसस चतवहतंउउम नेमत वांतदमस के मध्य सुचनाओं व सन्देषों का आदान प्रदान करने वाला एक प्रोग्राम है।
;5द्ध पिसम ेींतपदह. नदपग ेलेजमउ मे प्रत्येक नेमत की अपनी एक ेनइ कपतमबजवतल होती है। जिसमे चाहे तो ओर अधिक कपतमबजवतल बना सकते हैं । यूनिक्स की सहायता से दो या दो से अधिक उपयोगकर्ताओं के मध्य एक फाइल को ेींतपदह किया जा सकता है।
नदपग को इववज करना
;1द्ध बण्चण्न को ेजंतज करेगे ।
;2द्ध बवसवनउम चतवउचज पर मदजमत ामल चतमेे करेगे।
;3द्ध मदजमत ामल चतमेे करने के बाद ेबतममद पर निम्न संदेष कपेचसंल होगा
त्ववज सिपम ेलेजमउ दममक बीमापदह वणण् जव बीमबा जव तववज सिपम
ल्?छ
फिर छम् च्तमेे करेगें।
(4)नीचे दिये गये सन्देष जलचम ांतदमस जव चतवबमेे ूपजी दवतउंस ेजंतज नच बवदजतवसम ़ जलचम करेगें मदजमत ामल चतमेे करेगें।
(5)बनततमदज कंजम व जपउम ेबतममद पर प्रदर्षित करेगा। कुछ जपउम व कंजम को बदल सकते है।
(6)स्वह पद दंउम तथा चंेेूवतक जलचम करके मदजमत ामल चतमेे करेगे।
(7)यदि किया गया सवह पद दंउम व चंेेूवतक सही है तो ेबमतममद पर चतमउचज कपेचसंल
हो जायेगा।
ेीनज कवूद पद नदपग
यदि कार्य पूर्ण हो गया है तो हमे अपना कम्प्यूटर बन्द करना हो तो सधि बण्चण्नण् का ेूपबी बन्द नही करना चाहिये। नदपग ेलेजमउ मे ऐसा करने से नदपग वचतमंजपदह ेलेजमउ के खराब होने का खतरा रहता है।
बवउउंदके व िनदपग
;1द्धचूक बवउउंदक दृ चूक बवउउंदक का उपयोग बनततमदजे ूवतापदह कपतमबजवतल के नाम व चंजी को कपेचसंल करने के लिए किया जाता हैं ।
मगंउचसम . $ चूक
;2द्धबक बवउउंदक दृ ;बींदहम कपतमबजवतल द्ध.
बक बवउउंदक का उपयोग चतमेमदज कपतमबजवतल को
बींदहम करने या चतमेमदज कपतमबजवतल को ीवउम कपतमबजवतल मे बींदहम करने के लिए किया जाता है।
मगंउ $बक ;3द्धउा कपत ;उंाम कपतमबजवतल द्ध.इस बवउउंदके का उपयोग नई कपतमबजवतल बनाने के लिए किया जाता है।
मगंउसम. $ उा कपत गल्र
;4द्धउअ बवउउंदके ;उवअम बवउउंदकेद्ध. इस बवउउंदके का नाम बदलने व फाइल को एक कपतमबजवतल से दूसरे कपतमबजवतल मे उवअम कराने के लिए किया जाता है।
मगंउचसम.$उन
;5द्धबंज बवउउंदके दृबंज बवउउंदके का उपयोग फाइल मे लिखे मेटर को देखने के लिए किया जाता है।
मगंउचसम .$ बंज गल्र
;6द्धत्उक बवउउंदक दृ;तउ कपतद्ध.इस बवउउंदके का उपयोग किसी भी कपतमबजवतल कोे हटाने के लिए किया जाता है।
म्गंउचसम . $ तउ कपत गल्रध्ंइब
$ तउ कपत गल्र
1ण् ;7द्धकंजम बवउउंदके दृ कंजम बवउउंदके का उपयोग बनततमदज कंजम को देखने व बदलने के लिए किया जाता है।
मगंउचसम. $ कंजम गल्र
;8द्धबउच बवउउंदक. दो फाइल मे लिखे बवदजंपदजे की तुलना करवाने के लिए इस बवउउंदके का उपयोग किया जाता है।
डण्ैण्ॅवतक
उे.ूवतक.
;1द्धवितउंजजपदह ;2द्धमकपजपदह
;3द्धजलपदह ;4द्धचतपदज दृचंचचमत दृींतक बवचल
ेवजि बवचलरू. जब तक किये गये कार्य का चतपदज को ींतकबवचल कहते है।
ूवतक चतवबमेेपदहरू. किसी भी फाइल या कवबनउमदज को बनाने व उसमे सुधार करने व उसे व्यवस्थित करके उसका चतपदज करने की प्रक्रिया को ूवतक चतवबमेेपदह कहते है।
ूवतक चतवबमेमतरू. ूवतक चतवबमेेमत एक ेवजि ूंतम है। जो कि ूवतक दृचतवबमेेपदह के कार्य को पुर्ण करने मे सहायक होता है। जैसे दृक्वबनउमदजे
डप्ब्त्व्ैव्थ्ज् म्ग्ब्म्स्
डै म्ग्ब्म्स्रू. एक ंबबवनदजपदह व बंसबनसंजपदह ेवजिूमतम है। जिसके अन्दर हम ब्वदकपजपवदंस और न्दबवदकपजपवदंस बंसबनसंजपवद करते हैं।
त्व्ॅैरू. ज्ीम भ्वतप्रवदजंस सपदमे को हम त्वूे कहते हैं। इसकी ज्वजंस संख्या 65536 होती हैं।
ब्व्स्न्डछरू. ज्ीम टमतजपबंस सपदमे के ब्वउइपदंजपवद को हम ब्वसनउद कहते हैं। इनकी संख्या 256 ;प्टद्ध तक होती है।
ब्म्स्स्ैरू. ब्वसनउद और त्वू के ब्वउइपदंजपवद से मिलकर एक ब्मसस बनती है। ब्मसस का ।ककमतेे ब्वसनउद व त्वू के ।ककमतेे से दिया जाता है। ब्नतेमत जिस बमसस पर ठसपदा करेगा जिस ब्मसस में काम कर रहे है उसे हम ।बजपअम बमसस कहते है।
ॅव्त्ज्ञैभ्म्म्ज्रू. 65536 त्वूे और 256 ब्वसनउद से मिलकर एक ॅवतोीममज बनती है।
ॅव्त्ज्ञठव्व्ज्ञरू. अलग-अलग ॅवतोीममजे को मिलाकर ॅवताइववा बनाई जाती है। जिसे हम थ्पसम भी कह सकते है। ठलकमनिसज एक ूवताइववा के अन्दर तीन ूवतोीममजे होती है।
म्ग्ब्म्स् थ्व्त्डन्स्स्।रू. म्गबमस का हर थ्वतउनसं ;त्रद्ध ेपहद से ेजंतज होता है।
1ण् ैन्डरू.
थ्वतउनसंरू. त्र ेनउ;बमसस1़बमसस2़बमसस3़३३३ण्द्ध
त्र ेनउ ;इ4़ब2द्ध
त्र ेनउ ;।2़ठ5़ब्2़ब्1३३३द्ध
त्र ेनउ ;बमसस1एबमसस2३ण्ण्द्ध
त्।छळम् ैन्ड थ्व्त्डन्स्।रू.
त्र ेनउ ;ैजंतजपदह त्ंदहम रू म्दकपदह त्ंदहमद्ध
त्र ेनउ ;।1रू।6द्ध
त्र ेनउ ;।1रूक्4द्ध
त्र ेनउ ;।1रूब्1द्ध
ये सब थ्वतउनसं इनका त्मेनसज ।बजपअम त्ंदहम में बताएगें।
2ण् ।टम्त्।ळम्रू. प्ज बवनदजे जीम चमतबमदजंहम व िजीम हपअमद तंदहम वत बमससेण्
थ्वतउनसंरू.
त्र ंअमतंहम ; द्ध
3ण् ड।ग्रू.
थ्वतउनसंरू.
त्र उंग ; द्ध
4ण् डप्छरू.
थ्वतउनसंरू.
त्र उपद ; द्ध
5ण् प्थ्रू.
थ्वतउनसंरू.
त्र प ि; द्ध
त्र प ि;ब8झ त्र60ए श्पितेजश्ए प ि;ब8झ त्र45ए श्ेमबवदकश्ए प
ि ;ब8झ त्र35ए श्जीपतकश्ए श्ंिपसश्द्धद्धद्ध
’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’
छम्ज्ॅव्त्ज्ञ
छम्ज्ॅव्त्ज्ञरू. जब दो या दो से ज्यादा ब्वउचनजमते को आपस में जोडा जाता है और वे ब्वउचनजमते अपनी प्दवितउंजपवद व क्ंजं को आपस में ैींतम करते है। उसे हम छमजूवता कहते है। छमजूवता के द्वारा निम्नलिखित कार्य किये जाते है।
1ण् प्दवितउंजपवद ेींतपदह
2ण् भ्ंतकूंतम ेींतपदह
3ण् ैमदक -तमबमपअपदह जीम उंपस
4ण् ब्वदमितमदबपदह
छमजूवतापदह पे जीतमम जलचमेण्
1ण् स्।छ ;स्वबंस ।तमं छमजूवताद्ध
2ण् ड।छ ;डमजतवचवसपजंद ।तमं छमजूवताद्ध
3ण् ॅ।छ ;ॅपकम ।तमं छमजूवताद्ध
1ण् स्।छ ;स्वबंस ।तमं छमजूवताद्ध रू. जब एक ही ठनपसकपदह या एक ही व्तहंदप्रंजपवद के ब्वउचनजमते आपस मे जुडे होते हंै और वे अपनी प्दवितउंजपवद को ैींतम करते है। उसे हम स्वबंस ।तमं छमजूवता कहते है ऐसे ब्वउचनजमते को हम डंगपउनउ 10 ाण्उण् की तंदहम मे जोड सकते है। इनको जोडने के लिऐ हमे भ्नइ की जरूरत होती है इस तरह के छमजूवता को च्ीलेपबंस डमकपं या ॅपतम स्मेे डमकपं के द्वारा बनाया जाता है। म्गंरू. ब्वससंहम या स्ंइ के ब्वउचनजमतेण्
2ण् ड।छ ;डमजतवचवसपजंद ।तमं छमजूवताद्धरू. अलग-अलग षहरों के ब्वउचनजमते को आपस मे जोडने को ड।छ कहा जाता है। इसके अन्दर एक ही व्तहंदप्रंजपवद की ठतंदबीमे जो कि अलग-अलग षहरों में होती है और उनके ब्वउचनजमते को आपस में जोडते है। तो उसे हम ड।छ कहते है। इस तरह का छमजूवता 100 से 1000 कि0मी तक
की त्ंदहम में बनता है। इस छमजूवता को भी च्ीलेपबंस डमकपं व ॅपतमसमेे डमकपं के जीतवनही नही बनाया जाता है।
म्गंउचसमरू. त्ंपसूंल त्मेमतअंजपवदए ठंदापदह
ॅपतम वाले बंतक
छप्ब् रू छमजूवता प्दजमतंिबम ब्ंतक
ॅपतमसमेे बंतक
ॅछप्ब्रू. ॅपतमसमेे छमजूवता प्दजमतंिबम ब्ंतक
3ण् ॅ।छ ;ॅपकम ।तमं छमजूवताद्धरू. जब पूरी दुनिया के ब्वउचनजमत आपस में जुडे होते है और वे सभी आपस में अपनी प्दवितउंजपवद ैींतम करते है। उसे ॅ।छ कहते है। इसकी कोई त्ंदहम नही होती है। यह च्ीलेपबंस डमकपं व ॅपतमसमेे डमकपं के जीतवनही बनाया जाता हैं।
म्गंउचसमरू. प्दजमतदमजण्
ज्व्च्व्स्व्ळल्
ज्व्च्व्स्व्ळल्रू. ब्वउचनजमते को आपस में जोडने के डमजीवक को ज्वचवसवहल कहते है।
ज्ीम उमजीवके इल ूीपबी जीम बवउचनजमते ंतम बवददमबजमक जव मंबी वजीमत ंतम बंससमक जीम जवचवसवहलण्
1ण् ठने जवचवसवहल
2ण् ैजंत जवचवसवहल
3ण् त्पदह जवचवसवहल
4ण् डंेी जवचवसवहल
5ण् ज्तमम जवचवसवहल
1ण् ठन्ै ज्व्च्व्स्व्ळल्रू. ठने जवचवसवहल के अन्दर सभी ब्वउचनजमते एक ब्वउउवद ठने के द्वारा जुडे रहते है।
2ण् ैज्।त् ज्व्च्व्स्व्ळल्रू. इस ज्वचवसवहल के अन्दर सभी ब्वउचनजमते को एक डंपद ैमतअमत से जोडा जाता है। हमें किसी भी ब्वउचनजमत प्दवितउंजपवद को ैींतम करने के लिए ैमतअमत से होकर गुजरना पडता हैं तथा ैमतअमत के द्वारा त्मुनमेज भेजनी पडती है। इस ज्वचवसवहल में जिस ब्वउचनजमत से सारे ब्वउचनजमत जुडे होते है। उसे हम ैमतअमत कहते हैं। बाकी सारे ब्वउचनजमते को ब्सपमदज ब्वउचनजमते कहते हैं। इस ज्वचवसवहल को ब्सपमदज ैमतअमत छमजूवतापदह या ब्सपमदज ैमतअमत ज्वचवसवहल भी कहते है। यह सबसे ैमबनतम छमजूवतापदह ज्वचवसवहल होती है।
3ण् त्प्छळ ज्व्च्व्स्व्ळल्रू. जब सभी ब्वउचनजमते एक ब्सवेम ब्ींपद के ैींचम में जुडे होते है और अपनी प्दवितउंजपवद को ैींतम करते है। तो उसे हम त्पदह ज्वचवसवहल कहते है। यह ज्वचवसवहल सबसे ज्यादा ज्पउम ब्वदेनउपदह होती हैं। इस तरह की ज्वचवसवहल में किसी भी प्रकार की ैमबनतपजल नही होती है।
4ण् ड।ैभ् ज्व्च्व्स्व्ळल्रू. इस तरह की ज्वचवसवहल के अन्दर हर ब्वउचनजमते अपने छमजूवता के दुसरे ब्वउचनजमते से क्पतमबजसल जुडे होते हैे तथा किसी भी ब्वउचनजमत की प्दवितउंजपवद को क्पतमबज ।बबमेे (लेनदेन) कर सकता है। ये डंेी ज्वचवसवहल कहलाती है।
5ण् ज्त्म्म् ज्व्च्व्स्व्ळल् ;भ्पतंबीपबंसद्धरू. इस जवचवसवहल के लिए उंपद ेमतअमत व बसपमदज बवउचनजमते ेनइ ेमतअमत होते है। कोई भी पदवितउंजपवद को ंबबमेे करने के लिए हमें इस उंपद ेमतअमत या ेनइ ेमतअमत से गुजरना पडता हैं। यह एक जवच ेमबतमज पदवितउंजपवद को ंबबमेे के काम में ली जाने वाली जवचवसवहल है।
ज्त्।छैडप्ैैप्व्छ डम्क्प्।
ज्त्।छैडप्ैैप्व्छ डम्क्प्।रू. ज्ीम उमकपं मपजीमत चीलेपबंस वत ूपतमसमेे पे बंससमक जीम ज्तंदेउपेेपवद उमकपंण्
ज्लचमे व िज्तंदेउपेेपवदरू.
1ण् ैपउचसमग
2ण् भ्ंस िकनचसमग
3ण् क्नचसमग
1ण् ैप्डच्स्म्ग्रू. इसमें एक ही ॅपतम होता है। इसमें प्दवितउंजपवद सिर्फ एक ही दे सकता है दूसरा नही ये ैपउचसमग डमकपं कहलाती है।
2ण् भ्।स्थ् क्न्च्स्म्ग्रू. इसमें दो ॅपतम होते हैं। जिसमें एक से प्दवितउंजपवद जाती है और दूसरे से वापस आती है।
3ण् क्न्च्स्म्ग्रू. इसमें एक ही ॅपतम पर प्दवितउंजपवद आती व जाती है।
1ण् च्भ्ल्ैप्ब्।स् डम्क्प्।रू.ै
;।द्ध न्ज्च् ;न्देीपमसकमक ज्ूपेजमक च्ंपतद्ध
;ठद्ध ैज्च् ;ैीपमसकमक ज्ूपेजमक च्ंपतद्ध
;ब्द्ध ब्व्।ग्प्।स् ब्।ठस्म्
;क्द्ध थ्प्ठम्त् व्च्ज्प्ब्
थ्।ब्ज्व्त् न्ज्च् ैज्च् ब्व्।ग्प्।स् ब्।ठस्म् थ्प्ठम्त् व्च्ज्प्ब्
1ण् ब्वंेज
2ण् प्देजंससंजपवद
3ण् ठंदक ॅपकजी ब्ंचंबपजल
4ण् छवकम ब्ंचंबपजल च्मत ैमहउमदज स्वूमेज
म्ंेल
1 जव 155 डठच्ै ;ज्लचपबंससल 10 डठच्ैद्धण्
2 डवकमतंजम
थ्ंपतसल म्ंेल
1 जव 155 डठच्ै ;ज्लचपबंससल 10 डठच्ैद्ध
2 डवकमतंजम
थ्ंपतसल
म्ंेल
ज्लचपबंससल 10 डठच्ैण्
30 ;10 ठंेम 2द्ध
100 ;10 ठंेम 5द्धण् भ्पहीमेज
क्पििपबनसज
2 ळठच्ै ;ज्लचपबंससल 100 डठच्ैद्धण्
2
2ण् ॅप्त्म्स्म्ैै डम्क्प्।रू.
1ण् त्ंकपव ूंअमे
2ण् डपबतव ूंअमे
3ण् ैंजमससपजम
4ण् प्दतिंतमक
5ण् ठतवंक बंेज
6ण् ठसनम जववजी
3ण् म्ज्भ्म्त्छ।ज्रू . प्े ं छप्ब् ;दमजूवता पदजमतंिबम बंतकद्ध ूीपबी पे नेम जव बवददमबज जीम जतंदेउपेेपवद उमकपं ूपजी जीम बवउचनजमत ण्
ैचममक 10 डठच्ै … 1 ळठच्ै
4ण् च्त्व्ज्व्ब्व्स्रू . च्तवजवबवस पे जीम चतवहतंउ वत ेमज व िपदेजतनबजपवद चतवबमेेवत जव जतंअमस जीम कंजं वद दमजूवताण् प्जे बंससमक जीम कतपअमते ंसेवण्
1ण् ज्ब्च् ध् प्च् ;ज्तंदेउपेेपवद ब्वदजतवस च्तवजवबवस ध्प्दजमतदमज
च्तवजवबवसद्ध
2ण् थ्ज्च् ;थ्पसम ज्तंदेमित च्तवजवबवसद्ध
3ण् भ्ज्ज्च् ;भ्लचमत ज्मगज ज्तंदेमित च्तवजवबवसद्ध
’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’’
भ्ज्डस्
भ्ज्डस् ;भ्लचमत ज्मगज डंतानच स्ंदहनंहमद्ध
1ण् प्ज पे नेम वित कमेपहद जीम ूमइ ेपकमेष् तनसमेण्
1ण् ढ झ३३३ढ ध् झ
2ण् ढभ्ज्डस्झ३३ण्ण्ढध्भ्ज्डस्झ
3ण् भ्मंकए ठवकल चंतजण्
4ण् ज्ीपे चतवहतंउ चतमचंतम पद छवजमचंकण्
5ण् प्ज ूपसस ेंअम ूपजी जीम मगजमदेपवद दंउम ण्भ्ज्डस्ण्
6ण् ज्ीपे पिसम ूपसस तनद वद प्दजमतदमज म्गचसवतमतण्
च्तवहतंउ
ढभ्ज्डस्झ
ढभ्म्।क्झ
ढज्प्ज्स्म्झ
प्ज्प्ए ठम्।ॅ।त्
ढध्ज्प्ज्स्म्झ
ढभ्1झ ढब्म्छज्म्त्झ
प्दकनेजतपंस ज्तंपदपदह प्देजपजनजमए ठमंूंत
ढध्ब्म्छज्म्त्झ
ढध्भ्1झ ढध् भ्म्।क्झ ढध्भ्ज्डस्झ
ढठव्क्ल् ठळब्व्स्व्त् त्र श्त्म्क्श्झ
ढठव्क्ल् ठ।ब्ज्ञळत्व्न्छक् त्र श्ब्रू?डल क्वब? प्उहण् रचहश्झ
ढठझ ढध्ठझ ठवसक
ढन्झ ढध्न्झ न्दकमतसपदम
ढप्झ ढध्प्झ प्जंसपब
ढभ्1झ
३३३३३ण्ण्ढठत्झ
३३३३३ण्ण्
ढथ्व्छज् थ्।ब्म्त्र श्।त्प्म्त्श्झ
ढथ्व्छज् ैपर््म् त्र श्20श्झ
ढथ्व्छज् ब्व्स्व्त्त्र श्त्म्क्श्झ
३ण्ण्ज्म्ग्ज्३३ण्
ढध्थ्व्छज्झ ढध्थ्व्छज्झ ढध्थ्व्छज्झ
ढ। भ्त्म्थ्त्र श्।क्क्त्म्ैै३३३श्झ
ढ। भ्त्म्थ्त्र श्ब्रू?डल क्वब?ब्व्च्। ण्भ्ज्डस्श्झ
ब्व्च्।
ढध्।झ
ढप्डळ ैत्ब् त्र श्।ककतमेेश् भ्प्ळभ्ज् त्र श्100श् ॅप्क्ज्भ्त्र श्200श् ठव्त्क्म्त् त्र श्5श्झ
ढव्स्झ ढवतकमत सपेजझ
ढस्प्झ ज्ञवउंस ढध्स्प्झ
ढस्प्झ डवींद ढध्स्प्झ
ढस्प्झ त्ंरं ढध्स्प्झ
ढध्व्स्झ
ढन्स्झ ;न्दवतकमतमक सपेजद्ध
ढस्प्झ ज्ञवउंस ढध्स्प्झ
ढस्प्झ डवींद ढध्स्प्झ
ढस्प्झ त्ंरं ढध्स्प्झ
;च्ंतंहतंचीद्ध ढच्झ ३३३३३३३३
३३३३३३३३
३३३३३३३३
ढध्च्झ
ढ-छठैच्झ
ष्ब्ष् च्त्व्ळत्।डडप्छळ
स्।छळन्।ळम्रू . स्ंदहनंहम पे जीम ेमज व िपदेजतनबजपवदण् ज्ञमलूवतकेए सपजमतंसे ंदक निदबजपवदण् ॅीपबी ंतम कमेपहदमक जव ेवसअम ंदल चतवइसमउघ्
किसी भी च्तवइसमउ को ैवसअम करने के लिए काम में लिए जाने वाले प्देजतनबजपवदए ज्ञमलूवतकेए स्पजमतंसे और थ्नदबजपवदे को स्ंदहनंहम कहते हैं।
ष्ब्ष् स्।छळन्।ळम्रू. ष्ब्ष् स्ंदहनंहम कमअमसवचमक इल डतण् क्मददपे त्पजबीपम ंज ।ज् – ज् ठमसस संइवतंजवतल न्ै। पद लमंत 1972ण्
थ्मंजनतमे व िष्बष्
1ण् प्ज पे व्व्च्ष्ै ंदक ेजतनबजनतमक चतवहतंउउपदहण्
2ण् प्ज पे उपककसम समअमस संदहनंहमण्
3ण् प्ज पे तपबी पद वचमतंजवत ंदक निदबजपवदेण् प्ज ींे 45 व्चमतंजवतेण्
4ण् प्ज पे बंेम ेमदेपजपअम संदहनंहमण्
5ण् प्ज पे ं निदबजपवदंस संदहनंहम पज ंसूंलेण् ैजंतज ंदक मदक इल जीम निदबजपवदण् म्अमतल निदबजपवद व िष्बष् संदहनंहम तमजनतदे ेवउम अंसनम जव पज नचचमत वत बंससपदह निदबजपवदण्
ैजतनबजनतम व िं ष्बष् संदहनंहम चतवहतंउ
रु प्दबसनकम ढेजकपवण्ीझ प्दबसनकम जीम ीमंकमत पिसमण्
डंपद ; द्ध डंपद निदबजपवदण् ज्ीम चतवहतंउ
ेजंतज ंदक मदक इल जीम उंपद
निदबजपवदण्
क्ष् व्चमद सिवूमत इतंबामज व िउंपद ; द्ध
प्दज ।ए ठए ब् अंतपंइसम कमबसंतंजपवद
।त्र10य
ठत्र15य ।तहनउमदजे वत ेजंजमउमदजे व ि
चतवहतंउ
ब्त्र ।़ठय
च्तपदज ि;श्ःकश्ए बद्धय
त्मजनतद 0य त्मजनतद अंसनम जव नचचमत निदबजपवद
द्व ब्सवेम सिवूमत इतंबामज व िउंपद; द्ध
ट।त्प्।ठस्म्ै
ट।त्प्।ठस्म्ैरू. टंतपंइसमे ंतम जीवेम अंसनमे वत दंउमेए ूीपबी बंद इम बींदहम कनतपदह जीम मगमबनजपवद व िचतवहतंउण्
टंतपंइसमे वो टंसनमेध्छंउम होते हैं जो कि च्तवहतंउ के म्गमबनजपवद के दौरान ब्ींदहम हो जाते हैं या किये जाते है।
टंतपंइसमे ।तम ब्ींदहमंइसम ;ैीवतज क्मपिदपजपवदद्ध
त्न्स्म्ै थ्व्त् ट।त्प्।ठस्म्
1ण् ज्ीम समदहजी व िअंतपंइसम दंउम पे उंगपउनउ 31 बींतंबजमतेण्
2ण् प्ज उनेज इम ेजंतज इल जीम ।सचींइमजण्
3ण् छव बवउउंे वत इसंदो ंतम ंससवूमकण्
4ण् ज्ूव अंतपंइसम दंउमे बंद इम रवपद इल जीम नदकमत ेबवतम
;ऋद्ध ेपहदण्
5ण् व्दसल वदम ेचमबपंस ेलउइवसे ंतम नेमक पद जीपेए जींज पे त्र$ पे वित
ेजतपदह बवदेजंदजण्
म्गण्रू. । $ त्र श्त्ंरनश्
6ण् टंतपंइसमे दंउम पे ंेेपहदमक तिवउ तपहीज जव समजिण्
।त्र 10
ठत्र 15
।त्र ठ
ब्व्छैज्।छज्रू . ज्ीवेम अंसनमेए ूीपबी बंददवज इमए बींदहम कनतपदह जीम मगमबनजपवद व िचतवहतंउण्
वह टंसनम जो च्तवहतंउ के म्गमबनजपवद के दौरान ब्ींदहम नहीं होती है।
ब्वदेजंदजे टंसनमे ंतम पिग अंसनमेण् ;ैीवतज क्मपिदपजपवदद्ध
ज्ल्च्म्ै व्थ् ब्व्छैज्।छज्.
1ण् प्छज्म्ळम्त् ब्व्छैज्।छज्रू . ॅपजीवनज कमबपउंस दनउइमत ंतम बंससमक जीम पदजमहमत बवदेजंदजण्
म्गण्रू . 15ए 25ए 27ए 21ए 17ए 5ए 6 मजबण्
त्न्स्म् थ्व्त् प्छज्म्ळम्त् ब्व्छैज्।छज्रू .
1ण् ज्ीमेम ंतम जीम ूीवसम दनउइमत वत ूपजीवनज कमबपउंस चवपदजण्
2ण् प्ज ींे ंज समेज वदम कपहपजण्
3ण् प्ज उंल इम दमहंजपअम वत चवेपजपअम प िजीमतम पे दव ंदल ेपहदण् प्ज उंल इम जतमंजमक ंे चवेपजपअमण्
4ण् छव बवउउंे वत इसंदो ंतम ंससवूमकण्
5ण् ज्ीम तंदह व िपदजमहमत बवदेजंदज ंतम
.32768 जव 32767
2ण् त्म्।स्ध् थ्स्व्।ज् ब्व्छैज्।छज्रू . टंसनम ूपजी जीम कमबपउंस चवपदज पे बंससमक तमंस दनउइमत व िसिवंजपदह चवपदज अंसनमण्
15ण्75 7ण्32 0ण्01
त्नसमेरू . 1ण् प्ज उनेज ींअम जीम कमबपउंस चवपदजण्
2ण् ज्ीम त्ंदहम जव त्मंस ब्वदेजंदज ंतमदृ
3ण्4म38 जव 3ण्4म38
3ण् ब्भ्।त्।ब्ज्म्त् ब्व्छैज्।छज्रू .
1ण् ैपदहसम बींतंबजमत पद ं ेपदहसम ुनवजंजपवद उंतो ंतम बंससमक बींतंबजमत बवदेजंदजण्
2ण् ब्ींतंबजमत बवदेजंदज ूवतो वद पजे ।ैब्प्प् अंसनम
।ैब्प्प्रू . ।उमतपबंद ेजंदकंतक बवकमे वित पदवितउंजपवद पदजमत बींदहमण्
3ण् ज्ीम ुनवजंजपवद उंतो ंतम कमदवजमक जव समजि ेपकमण्
ष्।ष्
4ण् ैज्त्प्छळ ब्व्छैज्।छज्रू.
श् … श् ब्वउउंे के अन्दर लिखी गई कोई भी टंसनम या ैजतपदह ंे पज पे ूवता करती हैं जैसा कि उसे लिखा गया है।
म्गंउचसमरू. श्ज्ीपे पे स्ंइण्श्
क्।ज्। ज्ल्च्म्ै
क्ंजं जलचमे
ब्वदअमतेपवद ब्ींतंबजमत
प्दज …. ःक
थ्सवंज …. ः
ि ब्ींत …. ःब
क्वनइसम …. ःस
ि ैजतपदह …. ःे
स्वदह प्दज …. ःसक
च्तपदजरिू. ;चतपदज निदबजपवदद्ध ;श्ःकश्द्ध
ष्-ष् ;।उचमतेंदकद्धरू ।ककतमेे व्चमतंजवत ये ेबंद िमें काम आता है।
ब्वदकपजपवदंस ;ैजंजमउमदजए क्मबपेपवद ैजंजमउमदजद्ध
त्मसंजपवदंस व्चमतंजवतण्
झ .. ळतमंजमत ज्ींद
ढ .. स्मेे ज्ींद
झत्र .. ळतमंजमत ज्ींद म्ुनंसे जव
ढत्र .. स्मेे ज्ींद म्ुनंसे ज्व
त्रत्र .. म्ुनंसे ज्व
! .. छवज म्ुनंसे ज्व
स्व्ळप्ब्।स् व्च्म्त्।ज्व्त्रू.
— ;।दकद्ध ’
द्यद्य ;व्तद्ध ़
! ;छवजद्ध
म्गंउचसमरू.
प्;िंहमझत्र20द्ध–;ंहमढत्र30द्ध
1 0
;0द्ध
प;िेजनत्र श्थ्श्द्धद्यद्य;ेजनत्र श्चीश्द्ध
1 0
;1द्ध
डव्क्न्स्म् व्च्म्त्।ज्व्त्रू. : ;च्मतबमदजद्ध
म्गंउचसमरू.
। त्र 7ध्3 त्र 2
। त्र 7ध्3 त्र 1 ;षेशद्ध
स्व्व्च्रू.
1ण् ॅीपसम
2ण् क्व … ॅीपसम
3ण् थ्वत ; द्ध
ब्वदकपजपवदरू.
1ण् प्दपजपवदंस टंसनम ;ैजंतजपदह व् िस्ववचद्ध
2ण् थ्पदंस टंसनम ;स्ंेज टंसनम व् िस्ववचद्ध
3ण् प्दबतमउमदजध्क्मबतमउमदज ;़़द्ध ;..द्ध
4ण् ब्वदकपजपवदे ; द्ध
च्त्व्ळत्।डडप्छळ क्म्ैप्ळछ
1ण् ।सहवतपजीउ
2ण् थ्सवू.बींतज
3ण् च्तवहतंउध्बवकपदह
4ण् क्मइनहहपदहध्ज्मेजपदह
5ण् प्उचसमउमदजध्त्नद
ैक्स्ब् ;ैलेजमउ क्मअमसवचउमदज स्पमि ब्लबसमद्ध
किसी भी च्तवहतंउध्ैलेजमउ को बनाने की 5 ैजमच होती है। उसे ैक्स्ब् कहते है।
।स्ळव्त्प्ज्भ्न्डरू. ज्व ेवसअम ंदल चतवइसमउ ेजमच इल ेजमच पद हमदमतंस म्दहसपेी संदहनंहम पे बंससमक ।सहवतपजीउण्
ैज्म्च् 1 … ैजंतज
ैज्म्च् 2 … ज्ंाम जीम अंसनम व िठंदक ब्
ैज्म्च् 3 … ।कक जीम ठंदक ब्
ैज्म्च् 4 … ैजवतम तमेनसज पद ।
ैज्म्च् 5 … क्पेचसंल जीम ।
ैज्म्च् 6 … ैजवच
थ्स्व्ॅ.ब्भ्।त्ज्रू. प्ज पे ं ेलउइवसपब तमचतमेमदजंजपवद व िं चतवइसमउ पे बंससमक थ्सवू.ब्ींतजण्
ैल्डठव्स्रू.
1ण्
2ण्
3ण्
4ण्
5ण्
6ण्
।त्रठ़ब्
हार्डवेयर डिजाइन के आधार पर कम्प्यूटर के भेद
(1) एनालाॅग कम्प्यूटर
(2) डिजिटल कम्प्यूटर
(2) हाइब्रिड कम्प्यूटर
।चचसपबंजपवद वित जीत चवेज व
िज्वए
३३३३३३३३३३३३३३
३३३३३३३३३३३३३३
३३३३३३३३३३३३३३
त्मेचमबजमक ेपतए
ॅपजी कनम तमेचमबज प् ीमतम इल ावदम ूपजी उल तमेवनतबमए जींज ीमतम पे जीम अंबंदबल वित जीम चवेज व ि३३३३३३३३३ण्ण् ेपत प् ूंदज जव कव जीम रवइ पद लवनत ंिअवत ूपजी उल निसस चवजमदजपंसण् च्समेंम हपअम उम ं बींदबमण् प् ूपसस जतल उल इमेजण् प् ंउ ंजजंबीपदह उल तमेनउम ंसवदह ूपजी जीपे ंचचसपबंजपवद वित लवनत ापदक बवदेपकमतंजपवदण्
त्म्ैन्डम्
छ।डम् चतंतववच तवल ाीवतूंस
थ्।ज्भ्म्त्ष्ै छ।डम् चतंीसंक तवल ाीवतूंस
डव्ज्भ्म्त्ष्ै छ।डम् ेंतंेूंजप कमअप
क्।ज्म् व्थ् ठप्त्ज्भ् 21.07.1985
च्म्त्ड।छम्छज् ।क्क्त्म्ैै रू उंेनकं तवंक चनतंदप बीनदहप बीवाप ाम चंेे उंींतंउ जंदूंत बवसवदल ;ेंतंेूंजप ानदरद्ध इमंूंत कपेजण् ंरउमत
ब्व्छज्।ब्ज् छन्डठम्त् रू 9413882453ए 9828149210
फन्।स्प्थ्प्ब्।ज्प्व्छ
ैण् छवण् क्महतमम
1ण्
2ण्
कम्प्यूटरो कें विकास का इतिहास
(1) गिनतारा-ः यह सबसे पहला और सबसे सरल यंत्र है जिसका का प्रयोग गणना करने में सहायता के लिए किया जाता था। इसका इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है। गिनतारा आजकल भी अपने प्रारम्भिक रूप में रूस चीन जापान पूर्वी एषिया के देषों तथा भारत में भी कुछ स्कलों में प्रयोग किया जाता है।
(2) नेपियर बोन्स-ः स्काॅटनैण्ड के गणितज्ञ जाॅन नेपियर ने सन् 1617 में कुछ ऐसी आयताकार पटिट्यों का निर्माण किया था जिसकी सहायता से गुणा करने की क्रिया अत्यन्त षीघ्रतापूर्वक की जा सकती थी। पट्टियाॅ जानवरों की हड्डियों सें बनी थी इसलिए इन्हें नेपियर बोन्स कहा गया।
(3) स्लाइड रूल-ः जाॅन नेपियर ने सन् 1617 में गणनाओं की लघुगणना विधि का आविष्कार कर लिया था। इस विधि में दो संख्याओ का गुणफल, भागफल, वर्गमूल आदि किसी चुनी हुई संख्या के घातांकों को जोडकर या घटाकर निकाला जाता है। सन् 1620 में जर्मनी के गणिजज्ञ विलियम आटॅरेड ने स्लाइड रूल नामक ऐसी वस्तु का आविष्कार किया, जो लघुगणन विधि के आधार पर सरलात से गणनाएॅ का सकती थी। इसमें दो विषेष प्रकार से चिहित पट्टियाॅ होती है, जिन्हें बराबर में रखकर आगे-पीछे सरकाया जा सकता है।
(4) पास्कल का गणना यंत्र ( चंेबंसष्े बंसबनसंजवत)-ः गणनाएॅ करने वाला पहला वास्तविक यंत्र महान फ्रांसीसी गणितज्ञ और दार्षनिक ब्लेज पास्कल ने सन् 1642 में बनाया था। इसे पास्कल का कैलकुलेटर या पास्कल की एडिंग मषीन कहा जाता है। इस मषीन का प्रयोग संख्याओं को जोडन या घटानेमें किया जाता है।
(5) लेबनिज का यांत्रिक कैलटुलेटर-ः कैम्ब्रिज विष्वविद्यालय के गणित के प्रोफसर चाल्र्स बैबेज ( 1792-1872 ) का आधुनिक कम्प्यूटरो का जनक या पिता कहा जाता है। गणिय के क्षेत्र में