Computer Parichay कम्प्यूटर परिचय
Computer Parichay कम्प्यूटर परिचय
C = COMENLY
O = OPERATED
M = MACHINE
P = PERTICULARLY
U = USED FOR
T = TRADE
E = EDUCATION
R = RESEARCH
1. गति:- कम्प्यूटर का सबसे पहला और सबसे बडा गुण गणना करने की उसकी तीव्र गति ही है। वास्तव मे कम्प्यूटर का निर्माना ही तेज गति से गणना करने वाली एक मषीन के रूपमे किया गया था। प्रारम्भिक कम्प्यूटर भी गणना करने मे इतने तेज थे कि हम सोच भी नही सकते है। आजकल के नवीनतम कम्प्यूटर कि गति हमाारी कल्पना से भी बाहर की बात है। एक साधारण कम्प्यूटर एक सेकण्ड मे 30 लाख की गणनाकरने मे समर्थ है। आज यदि कम्प्यूटर नही होतो मानव चाॅदपर पैर नही रख सकता है। इसी तरफ मौमस का पूर्वाअनूमान लगाने के कार्य कम्प्यूटर द्वारा किया जाता है।
2. भंडारण क्षमता:- कोई भी कम्प्यूटर उसको दी गयी सूचना ओ पर बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। उसके इस गुण का लाभ लेने के लिए यह आवष्यक है कि उसके पास सूचना ओ को स्टोर करने और आवयकता होने पर उन्हे उतनी ही तेजी से उपलब्ध कराने की भी क्षमता हो नही तो उसकी तीव्र गति का कोई उपयोग नही हो सकेगा। उसी प्रकार कम्प्यूटर भी अपनी मैमोरी मंे सूचना ओ या आॅकडो को याद रखता है। लेकिन हमारी याददाष्त असीमित होता है, कम्प्यूटर की याददाष्त सीमित होती है। साधारण छोटे कम्प्यूटर की मुख्या मैमोरी का आकार 256 ाइ से लेकर 512ा या 1024 तक हो सकता है।
3. षु़द्धता – कम्प्यूटर की एक बडा महत्व यह है कि उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यो की ष्षुद्ध होती है। दूसरे षब्दो में उसके कल पूर्जो की विष्वसनीयता इतनी अधिक हे कि गलती होने कमी संभावना लगभग षून्य होते हैं । कम्प्यूटर केवल इसकी गांरटी देता है कि यदि आपका प्रोग्राम तथा डाटा सही है, तो कार्य भी सही – सही तो कार्य भी सही – सही होगा और प्रोग्राम या डाटा ही गलत है तो कार्य भी गलत हो जायेगा कम्प्यूटर में लाख बार भी उसका कार्य उतना षुद्ध प्राप्त होगा।
4. स्वचालन – कम्प्यूटर का एक और बडा गुण विषे ाता यह है कि उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यो कि षुद्धता की दर बहुत उची होती है। दूसरे किये जानेवालजे कार्यो कि ष्षुद्धता की दर बहुत उची होती है । दूसरे षब्दो में, उसके कैलकुलेटर टाइप आदि पर कार्य करते समय हमारे हस्तक्षेप की आवष्यकता बार – बार और हर समय पड़ती है किन्तूु कम्प्यूटर की आवष्यकता बार – बार और हर समय पडती है, किन्तु कम्प्यूटर की विषे ाता यह हे कि एकबार आवष्यक आदेष दे दिइये जाने के बाद बाहरी सहायता के बिना ही उनका पाालन लगाकर तब तक करता रहता है ।लेकिन एक बार बार सही – सही निर्देष दे दिये जाने के बाद वह अपने आप ही सारा कार्य करता रहता है ।
5. सार्वभौमिकता – आजकल हम देखते है कि वह हजारो प्रकार के कार्य कम्प्यूटर द्वारा किये जाते है। हालाकि इसका अर्थ यह नहीं है कि कम्प्यूटर हर कार्य को कर सकता है । वास्तव ष्में कई भी छोटै से छौटे और बडे़ से बडा कम्प्यूटर केवल प्रकार पाॅच प्रकार के होते है ।
1. कोई सूचना पढ़ना ।
2. अपनी सी.सी.यू. में डाटा को इधर से उधर ले जाना।
3. गणितीय क्रियाए जोड़ना,गुणा करना, भाग देना आदि।
4. दो संख्या की आपस में तुलना करना ।
5. कोई सूचना दिखाया या छापना।
6. सक्षमता – एक जड़ मषीन होने के कारण कम्प्यूटर पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नही पडता है । वह किसी भी काय्र को बिना रूके लाखो – करोड़ो बार करतासष्रह सकता है । मानव तथा अन्य प्राणियो की तरह उसे थकान, प्यास, आदि काअनुभव नहीं होता और समय,स्ािान मौसम आदि का उसके उपर कोई प्रभाव नहीं होता ।
Computer Parichay