हड़प्पा सभ्यता के नगरों में घरों का निर्माण
हड़प्पा सभ्यता के नगरों में घरों का निर्माण मुख्य रूप से पक्की ईंटों से किया जाता था। ईंटों को 1:2:4 के अनुपात में बनाया जाता था। घरों की दीवारें आमतौर पर 1.5 मीटर मोटी होती थीं। घरों के निर्माण में लकड़ी का भी इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से छतों और खिड़कियों के लिए किया जाता था।
हड़प्पा सभ्यता के घरों का आकार और संरचना उनके मालिक की आर्थिक स्थिति और सामाजिक स्थिति पर निर्भर करती थी। आमतौर पर घर एक या दो मंजिल ऊँचे होते थे। आँगन के चारों ओर कमरों का निर्माण कराया गया। जल आपूर्ति के लिए घरों में कुएँ होते थे। अधिकांश घरों में अलग-अलग स्नान क्षेत्र होते थे।
हड़प्पा सभ्यता के घरों का निर्माण निम्नलिखित चरणों में किया जाता था:
- सबसे पहले, एक नींव बनाई जाती थी। नींव को आमतौर पर मिट्टी से बनाया जाता था।
- नींव के ऊपर, ईंटों को एक विशेष पैटर्न में रखा जाता था।
- दीवारें बनाई जाती थीं।
- छत बनाई जाती थी।
- दरवाजे और खिड़कियाँ बनाई जाती थीं।
- घर के अंदर के हिस्सों को सजाया जाता था।
हड़प्पा सभ्यता के घरों के कुछ विशिष्ट विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- घर आमतौर पर एक आयताकार आकार के होते थे।
- घरों में आमतौर पर एक आँगन होता था।
- घरों में आमतौर पर एक स्नान क्षेत्र होता था।
- घरों में आमतौर पर एक रसोई होती थी।
- घरों में आमतौर पर एक या दो मंजिलें होती थीं।
हड़प्पा सभ्यता के घरों का निर्माण उस समय के लोगों की तकनीकी कुशलता और बुद्धिमत्ता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। ये घर न केवल आरामदायक और सुविधाजनक थे, बल्कि वे उस समय के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी दर्शाते थे।