Hamare Bazar हमारे बाजार
अनाज के बदले में जुलाहे से कपड़ा, लोहार से औजार तथा कुमार से बर्तन प्राप्त करना इस प्रकार वस्तु के बदले वस्तु देकर एक दूसरे की आवश्यकता पूरी की जाती थी यह प्रणाली वस्तु विनिमय कहलाती है।
जब वस्तु के मूल्य के रूप में वस्तु न दी जाकर मुद्रा दी जाती है तो इसे मुद्रा विनिमय कहते हैं आधुनिक युग मशीनों का युग है।
साप्ताहिक बाजार ऐसे बाजारो को हाट बाजार भी कहा जाता है साप्ताहिक बाजारों में रोजमर्रा की जरूरतों की बहुत सी चीजें सस्ते दामों पर मिल जाती है। इसका नाम साप्ताहिक इसलिए पड़ा क्योंकि यह बाजार सप्ताह के किसी एक निश्चित दिन पर लगता है।
एक ही छत के नीचे अनेक वस्तुओं की अनेक दुकानें होती है इन्हें लोग शॉपिंग कंपलेक्स के नाम से जानते हैं कुछ शहरी इलाकों में आपको बहु मंजिला वातानुकूलित दुकानें भी देखने को मिलेगी जिनकी अलग-अलग मंजिलों पर अलग-अलग तरह की वस्तुएं मिलती है इन्हें शॉपिंग मॉल कहा जाता है।
विशेष बाजार
यहां एक वस्तु विशेष के लिए विशेष बाजार भी होते हैं जैसे कपड़ा बाजार, लोहा बाजार, अनाज बाजार आदि इन बाजारों में एक ही प्रकार की वस्तु की कई दुकानें होती है।
वह लोग जो वस्तु के उत्पादक और वस्तु के उपभोक्ता के बीच में होते हैं उन्हें व्यापारी का जाता है व्यापारी को दो प्रकार के होते हैं वह व्यापारी जो उत्पादक से बड़ी मात्रा या संस्था में सामान खरीद लेते हैं और फिर इन्हें वह छोटे व्यापारियों को बेच देते हैं यह थोक व्यापारी कहलाते हैं। यहां खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों व्यापारी होते हैं।
वह व्यापारी जो अंततः वस्तुएं हम उपभोक्ताओं को बेचता है वह खुदरा या फुटकर व्यापारी कहलाता है। यह वही दुकानदार होता है जो आपको पड़ोस की दुकानों साप्ताहिक बाजार या फिर शॉपिंग कॉन्प्लेक्स से सामान बेचता मिलता है।
बैंकों का मुख्य कार्य व्यक्तियों व संस्थाओं से नकद जमाए स्वीकार करना तथा जरूरतमंद व्यक्तियों और संस्थाओं को ऋण उपलब्ध करवाना है सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशन एवं नियंत्रण में कार्य करते हैं कितनी भी बड़ी राशि का भुगतान या स्थानांतरण चेक ड्राफ्ट इंटरनेट बैंकिंग आदि का उपयोग करके आसानी से और शीघ्रता से किया जा सकता है हम ऑटोमेटिक टेलर मशीन (एटीएम) के द्वारा अपने खाते से धन सरलता से निकाल भी सकते हैं।