मुद्रा अर्थ कार्य एवं महत्व
मुद्रा अर्थ कार्य एवं महत्व
प्रश्न 1अर्थशास्त्र तथा मनुष्य के सामाजिक जीवन के व्यापारिक पक्ष में महत्वपूर्ण आविष्कार क्या है ?
उत्तर मुद्रा ।
प्रश्न 2 वस्तु विनिमय प्रणाली किसे कहा जाता है ?
उत्तर वस्तु के बदले वस्तु खरीदने बेचने की व्यवस्था को वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता है।
प्रश्न 3 वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है ? समझाइए।
उत्तर वस्तु विनिमय प्रणाली के अंतर्गत दो व्यक्तियों द्वारा परस्पर स्वयं के द्वारा उत्पादित अतिरिक्त वस्तु अथवा सेवा का लेन- देन किया जाता था, प्राचीन काल में मनुष्य केवल प्राथमिक व्यवसाय में ही संलग्न था जैसे कृषि पशुपालन मछली पालन व आखेट इत्यादि यह व्यवस्था पूर्णत: आपसी समझ और विश्वास पर आधारित थी।
प्रश्न 4 वस्तु विनिमय प्रणाली का लोप क्यों हो गया?
उत्तर समय के साथ साथ मनुष्य के आर्थिक क्रियाकलाप बढ़ते चले गए और वस्तु विनिमय प्रणाली में अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न होने लगी, जिसके कारण इसका लोप हो गया फलस्वरुप इसका स्थान मुद्रा व्यवस्था ने ले लिया।
प्रश्न 5 वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयां बताइए। उत्तर दोहरे संयोग की कठिनाई- बाजार में वस्तु विनिमय तभी संभव हो सकता है जब दो व्यक्ति एक दूसरे के लिए उपयोगी वस्तुओं का लेनदेन करने हेतु तत्पर हो ऐसा संयोग सदैव मिलना कठिन होता है, वस्तु के मूल्य मापने में कठिनाई वास्तव में प्रत्येक सोदे में वस्तुओं का नए सिरे से मोलभाव करना अत्यंत कठिन कार्य है। भावी बचत संभव नहीं – खाद्य पदार्थ भावी समय के लिए बचाकर नहीं रखे जा सकते अतः इस प्रणाली में अतिरिक्त उत्पादों की भावी बचत संभव नहीं थी।
अविभाज्य वस्तु के विनिमय में कठिनाई – वस्तु विनिमय प्रणाली में प्राय: वस्तु विभाजन की समस्या भी उत्पन्न हो जाती थी। उधार के लेखे में कठिनाई -वस्तु विनिमय के सोदे तात्कालिक ही संभव हो पाते थे, उधार रखी गई वस्तु की भावी कीमत कितनी होगी है पता लगाना अत्यंत कठिन कार्य था उपरोक्त कठिनाइयों के कारण कालांतर में इस व्यवस्था का लोप हो गया और मुद्रा का प्रादुर्भाव विनिमय के माध्यम के रूप में हुआ।
प्रश्न 6 राजा महाराजाओं की राजव्यवस्था में समस्त आर्थिक एवं सामाजिक नीतियों के अंतिम निर्णयकर्ता कौन होते थे ?
उत्तर राजा।
प्रश्न 7 सिक्कों का चलन किस प्रणाली के विकास को दर्शाता है?
उत्तर राजा महाराजा अपनी राजकीय मोहर या चिन्ह जिस धातु या वस्तु पर टंकित कर देते थे वह राजकीय मुद्रा का रूप धारण कर लेती थी, सिक्कों का चलन इसी प्रणाली के विकास को दर्शाता है।
प्रश्न 8 देश, काल और परिस्थिति के अनुसार किन -किन धातुओं के सिक्के चलाए गए ?
उत्तर देश, काल और परिस्थिति के अनुसार सोने, चांदी , तांबे व काँसे के सिक्के चलाए गए।
प्रश्न 9 मुद्रा शब्द के अर्थ को समझाइए।
उत्तर मुद्रा को अंग्रेजी में मनी कहते हैं इस मनी शब्द की व्युत्पत्ति लेटिन भाषा के मोनेटा शब्द से हुई है।
प्रश्न 10 मोनेटा क्या है ? उत्तर मोनेटा देवी जुनो का दूसरा नाम है।
प्रश्न 11 देवी जुनो कौन है?
उत्तर प्राचीन रोम में देवी जुनो को स्वर्ग की रानी कहकर संबोधित किया जाता था, उनका विचार था कि देवी जुनो स्वर्ग का आनंद देने वाली देवी हैं।
प्रश्न 12 हार्टले विदर्स के अनुसार मुद्रा की परिभाषा बताइये।
उत्तर हार्टले विदर्स के अनुसार मुद्रा वह सामग्री है, जिससे हम वस्तुओं का क्रय- विक्रय करते हैं।
प्रश्न 13 नेप के अनुसार मुद्रा की परिभाषा बताइये।
उत्तर नेप के अनुसार ” कोई भी वस्तु जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित कर दी जाती है, मुद्रा कही जाती है। ”
प्रश्न 14 मार्शल के अनुसार मुद्रा की परिभाषा बताइये।
उत्तर मार्शल के अनुसार ” मुद्रा में वह सब वस्तुएं सम्मिलित की जाती है जो किसी विशेष समय अथवा स्थान में बिना संदेह या विशेष जांच पड़ताल के वस्तुओं एवं सेवाओं को खरीदने तथा व्यय के भुगतान के साधन के रुप में सामान्यतया स्वीकार की जाती है। ”
प्रश्न 15 सैलिगमैन के अनुसार मुद्रा की परिभाषा बताइये।
उत्तर सैलिगमैन के अनुसार “मुद्रा वह वस्तु है जिसे सामान्य स्वीकृति प्राप्त हो।”
प्रश्न 16 किनले के अनुसार मुद्रा की परिभाषा बताइये।
उत्तर किनले के अनुसार ” मुद्रा एक ऐसी वस्तु है, जिसे सामान्यतया विनिमय के माध्यम अथवा मूल्य के मान के रूप में स्वीकार एवं प्रयोग किया जाता है।”
प्रश्न 17 मुद्रा के दो महत्वपूर्ण गुण कौन से हैं?
उत्तर 1 सामान्य स्वीकृति और 2 वैधानिकता।
प्रश्न 18 मुद्रा की सर्वमान्य परिभाषा किस प्रकार दी जा सकती हैं ?
उत्तर मुद्रा एक ऐसी वस्तु है, जो विनिमय के माध्यम मूल्य के मापक, स्थापित भुगतानों के मान तथा मूल्यों के संचय के साधन के रुप में स्वतंत्र, विस्तृत तथा सामान्य रूप से लोगों द्वारा स्वीकार की जा सकती हैं।
प्रश्न 19 भारतीय रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति के वैकल्पिक मापो को कितने रूपों में प्रदर्शित करता है ?
उत्तर भारतीय रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति के वैकल्पिक मापो को 4 रूपों में प्रदर्शित करता है- M1,M2,M3,M4।
प्रश्न 20 M1क्या है?
उत्तर M1= C+DD+OD
प्रश्न 21 M2 क्या है?
उत्तर M2 =M1+ डाकघर बचत बैंक में बचत जमाएं।
प्रश्न 22 M3 क्या है?
उत्तर M3 =M1+ व्यवसायिक बैंको की निवल आवधिक जमाएं।
प्रश्न 23 M4 क्या है?
उत्तर M4 =M3+ डाकघर बचत संस्थाओं में कुन जमाएं।
प्रश्न 24 मुद्रा के कार्यों को कितने भागों में बांटा जाता है ? नाम बताइए।
उत्तर मुद्रा के कार्यों को चार भागों में बाटा जाता है- 1मुख्य कार्य 2 सहायक कार्य 3आकस्मिक कार्य 4 अन्य कार्य।
प्रश्न 25 मुद्रा के मुख्य कार्य कौन कौन से हैं?
उत्तर मुद्रा के मुख्य कार्यों को प्राथमिक कार्य भी कहा जाता है यह निम्नलिखित हैं –
1विनिमय का माध्यम
2 मूल्य का मापक।
प्रश्न 26 मुद्रा के सहायक कार्य कौन-कौन से हैं? उत्तर मुद्रा के सहायक कार्य निम्नलिखित हैं – भावी भुगतान का आधार , मूल्य संचय का साधन, क्रय शक्ति हस्तांतरण।
प्रश्न 27 मुद्रा के आकस्मिक कार्य कौन-कौन से हैं? उत्तर सामाजिक आय का वितरण, साख का आधार, संपत्ति की तरलता।
प्रश्न 28 मुद्रा के अन्य कार्य कौन से हैं ? उत्तर शोधन क्षमता, इच्छा की वाहक।
प्रश्न 29 मुद्रा को विनिमय का माध्यम कहा जाता है। क्यों? उत्तर समस्त प्रकार के लेनदेन मुद्रा के माध्यम से ही संपन्न होते हैं,क्योंकि मुद्रा में सर्वग्राहृयता का गुण विद्यमान होता है। बाजार में संव्यवहार प्रयोजन हेतु मुद्रा एक उपयुक्त माध्यम है।
प्रश्न 30 मुद्रा को मूल्य का मापक क्यों कहा जाता है? उत्तर मुद्रा के माध्यम से ही वस्तु का मूल्य निर्धारण संभव होता है , वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य मुद्रा के रूप में मापने से उनका विनिमय आसान हो जाता है , इसलिए मुद्रा को मूल्य का मापक कहा जाता है
प्रश्न 31 मुद्रा भावी भुगतानों का आधार माना जाता है, समझाइए। उत्तर ऐसे आर्थिक सोदे जिनका भुगतान भविष्य में किया जाना है, तो मुद्रा ऐसे भावी भुगतानों के लिए आधार प्रदान करती हैं। अर्थात भविष्य में उस वस्तु की कीमत का अनुमान लगा लिया जाता है, इस कारण मुद्रा भावी भुगतानों का आधार कहलाती है।
प्रश्न 32 मुद्रा मूल्य संचय का साधन क्यों कहा जाता है ? उत्तर मुद्रा के माध्यम से किसी ऐसी वस्तु जिसका टिकाऊपन कम है, बेचकर उसके मूल्य को भविष्य के लिए संचित रखा जा सकता है। इसलिए मुद्रा को मूल्य संचय का साधन कहा जाता है ।
प्रश्न 33 मुद्रा क्रय शक्ति हस्तांतरण का कार्य किस प्रकार करती हैं ? उत्तर मुद्रा के द्वारा एक व्यक्ति अपने द्वारा संचित क्रय शक्ति को आसानी से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित कर सकता है, एक व्यक्ति नगद रूप में मुद्रा दूसरे व्यक्ति को सौंपकर या डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड , ATM अथवा चेक इत्यादि के माध्यम से अपनी क्रय शक्ति अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित कर सकता है। इस प्रकार मुद्रा के द्वारा सरलता से क्रय शक्ति हस्तांतरित की जा सकती है।
प्रश्न 34 राष्ट्रीय आय के वितरण में मुद्रा का क्या महत्व है ? उत्तर राष्ट्रीय आय का अनुमान मुद्रा के मूल्य से लगाया जाता है तथा कुल उत्पादन से प्राप्त मूल्य का समाज के विभिन्न वर्गों को भुगतान भी मुद्रा से संभव है।
प्रश्न 35 साख निर्माण में मुद्रा की क्या भूमिका है ? उत्तर बाजारीकरण के दौर में बैंकों में वित्तीय संस्थाओं द्वारा अनेक प्रकार के ऋण उपलब्ध कराये जाते है और जमाएं स्वीकार की जाती है। यह सभी कार्य मुद्रा के द्वारा ही संपन्न होते हैं।
प्रश्न 36 मुद्रा को संपत्ति की तरलता क्यों कहा जाता है प्रोफेसर जे एम कींस के अनुसार मुद्रा का एक महत्वपूर्ण कार्य पूंजी उत्पादन को तरल रूप प्रदान करना है तरल रूप में मुद्रा का किसी भी कार्य में तत्काल प्रयोग किया जा सकता है
प्रश्न 37 मुद्रा शोधन क्षमता की सूचक होती है कैसे मुद्रा की उपलब्धता आर्थिक एजेंट की शोधन क्षमता की सूचक होती है समाज में जिस भी किसी व्यक्ति के पास मुद्रा है उसके पास भुगतान करने की क्षमता होती है
प्रश्न 38 मुद्रा इच्छा की वाहक होती है समझाइए उत्तर मुद्रा एक ऐसी वस्तु अथवा माध्यम है जो मनुष्य को अपनी इच्छा अनुसार आर्थिक निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती हैं मुद्रा की सहायता से व्यक्ति अपनी इच्छाओं व आवश्यकता को पूरा कर सकता है
प्रश्न 39 उपभोक्ता बाजार का राजा होता है कैसे समझाइए उत्तर उपभोक्ता जिस वस्तु के लिए सबसे अधिक कीमत देने को तत्पर होता है उन्हीं वस्तुओं का उत्पादन बाजार में अधिक किया जाता है इसीलिए पूंजीवाद में बाजार की प्रसिद्ध कहावत है कि “उपभोक्ता बाजार का राजा होता है।”
प्रश्न 40 मुद्रा का महत्व समझाइए। उत्तर मुद्रा का महत्व हम निम्न बिंदुओं से समझ सकते हैं – 1 बाजार व्यवस्था की दूरी बाजार में समस्त लेन-देन मुद्रा के माध्यम से किए जाते हैं। 2 आर्थिक विकास का मापक मुद्रा देश की आर्थिक उन्नति एवं विकास का मापक है। 3 अर्थव्यवस्था की वस्तुओं के निवेश परिवर्तन अर्थव्यवस्था में लोगों के द्वारा की जाने वाली बचते मुद्रा के रूप में संग्रह करके बैंकों में जमा की जाती है जो भविष्य में निवेश का आधार बनती हैं। 4 श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण , मुद्रा के माध्यम से देश में श्रम विभाजन व विशिष्टीकरण करके उत्पादन का उच्चतम स्तर प्राप्त किया जाता है , जो मुद्रा से संभव हुआ है। 5 आर्थिक जीवन में स्वतंत्रता मुद्रा के प्रयोग से उपभोक्ता एवं उत्पादक दोनों ही बाजार में विवेकानुसार निर्णय लेने में स्वतंत्र होते हैं। मुद्रा मूल्य संग्रह की सुविधा प्रदान करती है जो सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार बनती है। इस प्रकार मुद्रा का आधुनिक समय में बहुत अधिक महत्व है।
प्रश्न 41अर्थशास्त्री मुद्रा के प्रचलन को नियंत्रण में रखने की सलाह क्यों देते हैं ? उत्तर कुछ अर्थशास्त्री मुद्रा के प्रचलन को नियंत्रण में रखने की सलाह देते हैं , क्योंकि अनियंत्रित होने पर वह मुद्रा स्फिति का कारण बनती है, जिससे अर्थव्यवस्था को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं ।
प्रश्न 42 मुद्रा एक अच्छी सेविका किंतु बुरी स्वामिनी है ।समझाइए ।उत्तर मुद्रा के अत्यधिक प्रचलन के कारण मुद्रा स्फिति उत्पन्न होती है जो अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक होती हैं इसलिए मुद्रा को अच्छी सेविका किंतु बुरा स्वामी ने कहा जाता है।
प्रश्न 43 विमुद्रीकरण किसे कहते हैं ? उत्तर विमुद्रीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत देश का केंद्रीय बैंक चलन में पुरानी मुद्रा की वैधानिकता समाप्त कर नई मुद्रा जारी कर देता है, जिससे अवैध तरीके से अर्जित काला धन एवं नकली करेंसी स्वत: ही नष्ट हो जाती है।