निवेश फलन की अवधारणा
उपभोग फलन बचत फलन में निवेश फलन की अवधारणा
प्रश्न 1 किन अर्थशास्त्रियों का मानना था कि अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार पाया जाता है ?
उत्तर क्लासिकल अर्थशास्त्रियों का मानना था कि अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार पाया जाता है।
प्रश्न 2 से का बाजार नियम किस मान्यता पर आधारित था ?
उत्तर से का बाजार नियम पूर्ण रोजगार की मान्यता पर आधारित था।
प्रश्न 3 1929 से 33 के बीच ग्रेट ब्रिटेन अमेरिका अन्य देशों में आर्थिक मंदी का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर 1929 के बीच ग्रेट ब्रिटेन अमेरिका व अन्य देशों में आर्थिक मंदी की स्थिति आयी जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी हुए राष्ट्रीय आय भी कम हुई।
प्रश्न 4 जे. एम. कीन्स के द्वारा लिखित पुस्तक का नाम बताइए ?
उत्तर जे. एम. कीन्स सन 1936 में “जनरल थ्योरी ऑफ एंप्लॉयमेंट इंटरेस्ट एंड मनी” का प्रकाशन किया।
प्रश्न 5 कीन्स ने अपनी पुस्तक में किस सिद्धांत का खंडन किया ?
उत्तर कीन्स ने अपनी पुस्तक में रोजगार के क्लासिकल सिद्धांत का खंडन किया।
प्रश्न 6 कीन्स के अनुसार किस प्रकार की अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार की स्थिति नहीं पाई जाती हैं ?
उत्तर कीन्स उसके अनुसार पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार की स्थिति नहीं पाई जाती हैं।
प्रश्न 7 कीन्स का आय एवं रोजगार का सिद्धांत अल्पकालीन सिद्धांत है अथवा दीर्घकालीन ?
उत्तर अल्पकालीन सिद्धांत है।
प्रश्न 8 कीन्स का मूलभूत मनोवैज्ञानिक नियम किसे कहा जाता है ?
उत्तर उपभोग फलन कीन्स के अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। उपभोग फलन को कीन्स का मूलभूत मनोवैज्ञानिक नियम भी कहा जाता है।
प्रश्न 9 कीन्स के अनुसार उपभोग और आय में क्या संबंध है ?
उत्तर कीन्स के अनुसार उपभोग पर प्रमुख रूप से आय का प्रभाव पड़ता है। आय के बढ़ने पर उपभोग बढता है और आय के घटने पर उपभोग घटता है। उपभोग प्रयोज्य आय पर निर्भर करता है।
निवेश फलन की अवधारणा
प्रश्न 10 खर्च योग्य आय कब प्राप्त होती हैं ?
उत्तर आय मे से कर को घटाने के बाद खर्च योग्य आय प्राप्त होती हैं।जो उपभोग एवं बचत के बराबर होती हैं।
प्रश्न 11 सीमांत उपभोग प्रवृत्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर कुल प्रयोज्य आय में परिवर्तन के फलस्वरुप जो उपभोग में परिवर्तन होता है वह सीमांत उपभोग की प्रवृत्ति कहलाती है।
प्रश्न 12 आय एवं उपभोग में संबंध दर्शाइए ।
उत्तर उपभोग व्यय, व्यक्ति की प्रयोज्य आय के साथ बदलता है।
प्रश्न 13 स्वायत्त उपभोग किसे कहते हैं ?
उत्तर आय का स्तर शून्य के बराबर होने पर भी एक व्यक्ति कुछ-न-कुछ उपभोग करता है, यह उपभोग स्वायत्त उपभोग कहलाता है।
प्रश्न 14 आय के शून्य स्तर पर अबचत क्यों होती है ?
उत्तर उपभोक्ता के स्वायत्त उपभोग के कारण आय के शून्य स्तर पर अबचत होती हैं ।
प्रश्न 15 आय का ब्रेकइवन स्तर क्या होता है ?
उत्तर आय के जिस स्तर पर उपभोक्ता की आय उसके स्वायत्त उपभोग के बराबर होती है, आय का ब्रेकइवन स्तर कहलाता है।
प्रश्न 16 आय के ब्रेकइवन स्तर और बचत में संबंध बताइए।
उत्तर आय के ब्रेकइवन स्तर पर उपभोक्ता की बचत शून्य होती है। ब्रेकइवन बिंदु के पूर्व समाज अबचत करता है।तथा ब्रेकइवन लेवल से आगे समाज बचत करता है।
प्रश्न 17 ब्रेकइवन स्तर पर उपभोक्ता की बचत शून्य क्यों होती है ?
उत्तर ब्रेकइवन स्तर पर उपभोक्ता की आय उसके स्वायत्त उपभोग के बराबर होने के कारण बचत शून्य होती है।
प्रश्न 18 ब्रेकइवन बिंदु से पूर्व समाज अबचत क्यों करता है ?
उत्तर ब्रेकइवन बिंदु से पूर्व समाज की आय का स्तर स्वायत उपभोग से कम होने के कारण समाज अबचत करता है।
प्रश्न 19 ब्रेकइवन लेवल से आगे समाज बचत क्यों करता है ?
उत्तर ब्रेकइवन स्तर से आगे समाज की आय उसके स्वायत्त उपभोग स्तर से अधिक होने के कारण समाज बचत करता है।
प्रश्न 20 उपभोग की औसत प्रवृत्ति किसके बीच संबंध बताती हैं ?
उत्तर उपभोग की औसत परिवर्ती कुल आय एवं कुल उपभोग के बीच संबंध बताती हैं।
प्रश्न 21 उपभोग की औसत प्रवृत्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर आय के किसी विशेष स्तर से उपभोग व्यय का अनुपात उपभोग की औसत प्रवृत्ति कहलाता है। अर्थात कुल उपभोग में आय का भाग देने से औसत उपभोग प्रवृत्ति प्राप्त होती हैं।
प्रश्न 22 उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति कैसे ज्ञात की जाती है ?
उत्तर उपभोग की वृद्धि में आय की वृद्धि का भाग देने पर सीमांत प्रवृत्ति ज्ञात होती हैं। दूसरे शब्दों में उपभोग में परिवर्तन का आय में परिवर्तन के अनुपात को उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 23 उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति की न्यूनतम में अधिकतम सीमा बताइए
उत्तर उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति शून्य से अधिक व एक से कम होती हैं।
प्रश्न 24 उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति किसके ढाल को दर्शाती हैं ?
उत्तर उपभोग की सीमांत प्रवृत्ति उपभोग फलन के ढाल को दर्शाती हैं।
प्रश्न 25 बचत फलन कैसे ज्ञात किया जाता है ?
उत्तर बचत फलन को ज्ञात करने के लिए 45° की समता रेखा में से आय के विभिन्न स्तर पर उपभोग को घटा दिया जाए तो हमें बचत फलन ज्ञात होता है।
प्रश्न 26 बचत फलन का गणितीय रूप लिखिए ?
उत्तर बचत फलन का गणितीय रूप इस प्रकार हैं –
s = -a+(1-b)Y
प्रश्न 27 बचत की औसत प्रवृत्ति किनके मध्य संबंध दर्शाती हैं ?
उत्तर बचत की औसत प्रवृत्ति कुल आय एवं कुल बचत के बीच संबंध बताती है।
प्रश्न 28 बचत की औसत प्रवृत्ति कैसे प्राप्त होती है ?
उत्तर कुल बचत में कुल आय का भाग देने पर बचत की औसत प्रवृत्ति प्राप्त होती है। इसे APS द्वारा दर्शाया जाता है।
प्रश्न 29 APC एवं APS में संबंध बताइए।
उत्तर APC एवं APS का योग 1 होता है। इसे गणितीय रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
APC + APS = 1
प्रश्न 30 बचत की सीमांत प्रवृत्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर बचत में परिवर्तन का आय में परिवर्तन के अनुपात को बचत की सीमांत प्रवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 31 MPC एवं MPS में में संबंध दर्शाइए।
उत्तर MPC एवं MPS का योग 1 होता है। इसे गणितीय रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
MPC + MPS = 1
प्रश्न 32 निवेश शब्द से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर निवेश शब्द से अर्थशास्त्र में तात्पर्य है नये उत्पादक परिसंपत्ति को प्राप्त करना और इस नयी उत्पादक परिसंपत्ति से वस्तुएं और सेवाएं उत्पादित करना।
प्रश्न 33 पूंजी निर्माण किसे कहते हैं ?
उत्तर जब उत्पादक परिसंपत्तियों को प्राप्त किया जाता है, लेकिन इससे वस्तुएं और सेवाएं उत्पादित नहीं की जाती हैं, तो यह पूंजी निर्माण कहलाता है।
प्रश्न 34 अर्थव्यवस्था में निवेश कितने प्रकार का हो सकता है ?
उत्तर अर्थव्यवस्था में निवेश मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार के होते हैं – (1) सार्वजनिक निवेश (2) निजी निवेश (3) स्वायत्त निवेश (4) प्रेरित निवेश।
प्रश्न 35 सार्वजनिक निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर सरकार द्वारा आधारभूत संरचना को खड़ा करने में किया गया निवेश, सार्वजनिक निवेश कहलाता है। जैसे – रोड, पुल, बांध आदि।
प्रश्न 36 निजी निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर यदि निवेश निजी निवेशकों द्वारा नई फैक्ट्री, बिल्डिंग, उपकरण आदि में किया जाता है तो यह निजी निवेश कहलाता है।
प्रश्न 37 स्वायत्त निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर स्वायत्त निवेश वह निवेश है जो उत्पत्ति, आय, ब्याज दर तथा लाभ में परिवर्तन पर निर्भर नहीं करता हैं, सरकार द्वारा जनउपयोगी कार्यो पर किया गया व्यय इसी श्रेणी में आता है।
प्रश्न 38 प्रेरित निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर जब निवेश लाभ या आय अर्जित करने के लिए किया जाता है, तो इस प्रकार के निवेश को प्रेरित निवेश कहा जाता है।
प्रश्न 39 स्वायत्त निवेश को प्रभावित करने वाले घटक कौन कौन से हैं ?
उत्तर जनसंख्या, अनुसंधान, नवप्रवर्तन इत्यादि घटक स्वायत्त निवेश को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 40 प्रेरित निवेश को प्रभावित करने वाले घटक कौन से हैं ?
उत्तर प्रेरित निवेश कीमतों, मजदूरी और ब्याज की दर से प्रभावित होता है।
प्रश्न 41 प्रत्याशित बचत किसे कहते हैं ?
उत्तर किसी एक विशेष साल में जो लोग बचत करते हैं, उसे अप्रत्याशित बचत कहते हैं।
प्रश्न 42 प्रत्याशित निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर जब उद्यमकर्ता को अपनी वस्तु की बिक्री बढ़ने या वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बढ़ने की आशा होती है तो वह अपने वस्तुओं के भंडार को बढ़ाते हैं, जिसे प्रत्याशित निवेश कहते हैं।
प्रश्न- 43 एक पूंजीगत अर्थव्यवस्था में आय के स्तर, उत्पाद के स्तर तथा रोजगार के स्तर में उतार-चढ़ाव किसके कारण आते हैं ?
उत्तर प्रत्याशित बचत एवं प्रत्याशित निवेश में अंतर के कारण।
प्रश्न 44 अप्रत्याशित निवेश के प्रत्याशित बचतों से अधिक होने की स्थिति में क्या होता है ?
उत्तर ऐसी स्थिति में समग्र मांग, समग्र पूर्ति से ज्यादा हो जाती है। इस मांग को पूरा करने के लिए उद्यमकर्ता अतिरेक मांग, ज्यादा साधन को लगाकर अपने उत्पादन को बढ़ाते हैं।
प्रश्न 45 प्रत्याशित निवेश के प्रत्याशित बचत से कम होने की स्थिति में क्या होता है ?
उत्तर ऐसी स्थिति में समग्र पूर्ति, समग्र मांग से ज्यादा होती हैं। इस स्थिति में उद्यमकर्ता रोजगार के स्तर को घटाएंगे और कम उत्पादन करेंगे।
प्रश्न 46 संपादित बचते किसे कहते हैं ?
उत्तर संपादित बचतें वे बचतें हैं जो पारिवारिक इकाई आय में से वास्तव में बचाते हैं।
प्रश्न 47 संपादित निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर संपादित निवेश में निवेश है जो एक साल में उद्यमकर्ताओं द्वारा वास्तव में किए जाते हैं।
प्रश्न 48 संपादित बचत और संपादित निवेश में क्या संबंध है ?
उत्तर आय के सभी स्तरों पर संपादित बचते, संपादित विनियोग के बराबर होती हैं।
प्रश्न 49 पूंजी की सीमांत कार्यकुशलता किसे कहते हैं ?
उत्तर नए निवेश पर लाभ की प्रत्याशा को पूंजी की सीमांत कार्यकुशलता कहते हैं।
प्रश्न 50 निवेश किन बातों पर निर्भर करता है ?
उत्तर निवेश दो बातों पर निर्भर करता है – (1) पूंजी की सीमांत कार्यकुशलता (2) ब्याज दर ।
प्रश्न 51 प्रोफेसर कुरिहारा के अनुसार पूंजी की सीमांत कार्यकुशलता क्या है ?
उत्तर प्रोफ़ेसर कुरिहारा के अनुसार “यह अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं की भावी आय और उनकी पूर्ति कीमत के बीच अनुपात हैं।”
प्रश्न 52 पूंजी की सीमांत उत्पादकता क्या होती हैं ?
उत्तर पूंजी की सीमांत उत्पादकता, पूंजी निवेश से अनुमानित लाभ की दर होती हैं।
प्रश्न 53 पूंजी की सीमांत उत्पादकता किन तत्वों द्वारा प्रभावित होती है ?
उत्तर पूंजी की सीमांत उत्पादकता दो तत्वों द्वारा प्रभावित होती हैं- (1) प्रत्याशित आय (2) पूर्ति कीमत।
प्रश्न 54 पूर्ति कीमत से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर पूंजीगत वस्तुओं पर किया गया व्यय अथवा लागत, पूर्ति कीमत कहलाता है।
प्रश्न 55 “पूंजी की सीमांत उत्पादकता विनियोग में वृद्धि के साथ-साथ घटती जाती है।” इसके कारण बताइए ?
उत्तर विनियोग में वृद्धि के साथ-साथ पूंजी की सीमांत उत्पादकता घटने के निम्नलिखित दो कारण हैं – (1) अधिक उत्पादन हेतु जैसे-जैसे पूंजी का उपयोग बढ़ता है वैसे-वैसे प्रत्याशित लाभ की मात्रा घटती जाती है। क्योंकि अधिक उत्पादन से उत्पादित वस्तुओं की कीमतें क्रमशः घटने लगती हैं। (2) पूंजी की मांग बढ़ने पर उसकी पूर्ति कीमत में वृद्धि होने से उसकी उत्पादन लागत में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 56 एक निवेशक निवेश संबंधी निर्णय किस प्रकार लेता है ?
उत्तर एक निवेशक निवेश संबंधी निर्णय करने के लिए पूंजी की सीमांत कार्यकुशलता की ब्याज दर से तुलना करता है। जब तक पूंजी की सीमांत कार्यकुशलता, ब्याज दर से ज्यादा होगी तब तक निवेश किया जाता रहेगा।
प्रश्न 57 विनियोग का साम्य स्तर कहां निर्धारित होता है ?
उत्तर विनियोग का साम्य स्तर वहां निर्धारित होता है जहां पूंजी की सीमांत उत्पादकता ब्याज की वर्तमान दर के बराबर हो जाती है।