स्वतंत्र भारत के समक्ष चुनौतियां
स्वतंत्र भारत के समक्ष चुनौतियां
राष्ट्र निर्माण की प्रमुख चुनौतियां
राष्ट्र के एकीकरण की चुनोतियों में रियासतों के एकीकरण की चुनौती स्वतंत्रता के पश्चात भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या रियासतों के एकीकरण की थी जिसमें निम्न रियासते प्रमुख थी :-
1जम्मू कश्मीर
2 जूनागढ़
3 मणिपुर
4 हैदराबाद
जम्मू कश्मीर जम्मू कश्मीर की समस्या भारत एवं पाकिस्तान के बीच वर्तमान में एक बड़ी चुनौती बनी हुई है भारत के विभाजन के स्वरूप कश्मीर समस्या का जन्म हुआ स्वतंत्रता से पहले कश्मीर भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित एक देशी रियासत थी भारत पाकिस्तान विभाजन के समय यह निर्णय लिया गया कि इस बात का फैसला स्वयं कश्मीर करेगा कि वह भारत में शामिल होना चाहता है या पाकिस्तान में या स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहेगा कश्मीर के राजा हरिसिंह ने कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाए रखने का निर्णय लिया पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा प्रांत के कबीलाई लोगों को आर्थिक सहायता देकर कश्मीर पर आक्रमण करवा दिया 15 अक्टूबर 1947 को लगभग 5000 आक्रमणकारियों ने कश्मीर के अंदर ओवन के किले में घेराबंदी शुरू कर दी थी इससे हरि सिंह अपनी हार महसूस करने लग गया
समस्या का समाधान
कश्मीर के राजा हरिसिंह को जब लगा की कश्मीर पर पाकिस्तान का अधिकार हो जाएगा तो उसने भारत से सहायता मांगी भारत ने सहायता का आश्वासन देते हुए कश्मीर को भारत में शामिल करने की बात कही और हरि सिंह को विलय पत्र पर हस्ताक्षर करवाने के लिए आग्रह किया हरी सिंह ने इस बात को स्वीकार कर लिया अतः प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने भारतीय सेना को सहायता के लिए कश्मीर भेज दिया भारतीय सेना ने कबीलाई आक्रमणकारियों को कश्मीर से खदेड़ दिया भारत सरकार और लार्ड माउंटबेटन को यह लगने लगा कि इस समस्या को इस प्रकार से नहीं सुलझाया जा सकता है तो पंडित जवाहरलाल नेहरू इस समस्या को संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष ले गए जिस कारण कश्मीर समस्या आज भी वर्तमान में सुलझ नहीं पाई है
2 जूनागढ़
जूनागढ़ गुजरात की दक्षिणी पश्चिमी भाग में स्थित एक रियासत थी इसमें बाबरियावाड़ मातवादार मांगरोल नामक जहांगीर शामिल थी जूनागढ़ की लगभग 80% जनसंख्या हिंदू थी जूनागढ़ के नवाब महाबत खान ने पाकिस्तान के साथ शामिल करने का निर्णय लिया
सितंबर 1947 में जब पाकिस्तान ने जूनागढ़ के शामिल होने की स्वीकृति का अनुमोदन किया तो भारत सरकार को बहुत गहरा धक्का लगा क्योंकि भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर जूनागढ़ भारत में ही शामिल हो सकती थी साथ ही 80% जनसंख्या हिंदू धर्म से होने के कारण भी यह रियासत भारत में ही शामिल हो सकती थी जूनागढ़ की जनसंख्या की मांग थी कि हमें भारत राष्ट्र के अंदर शामिल किया जाए लेकिन महाबत खान इसके पक्ष में नहीं थे भारत के लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महावत खान को मनाने के काफी प्रयास किया लेकिन महाबत खान अपने निर्णय पर अडिग रहें अंततः जूनागढ़ रियासत में जनमत कराया गया जिसमें 99 प्रतिशत जनसंख्या की मांग थी कि जूनागढ़ को भारत में शामिल किया जाए अतः जूनागढ़ रियासत को जनमत संग्रह के आधार पर भारत में शामिल किया गया
3 हैदराबाद
स्वतंत्रता के समय भारत में लगभग 563 देसी रियासतें थी ब्रिटिश सरकार ने इन रियासतों को यह निर्णय करने की अनुमति दी थी कि वह भारत या पाकिस्तान या स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में रह सकते हैं इसी आधार पर हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान ने हैदराबाद को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उदय कराना चाहा और साथ ही साथ वह थोड़ा बहुत पाकिस्तान का समर्थक था हैदराबाद का क्षेत्रफल 13200 वर्ग किलोमीटर था तथा इसकी जनसंख्या एक करोड़ 40 लाख थी इस जनसंख्या में 85 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू थी सरदार वल्लभ भाई पटेल ने तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन की मदद से उस्मान अली खान को मनाने का काफी प्रयास किया कि इस रियासत को भारत में मिलाने विलय में ही हित है उस्मान अली खान ने इसे नकार दिया
अतः भारत सरकार ने सेना बल पर किस रियासत को भारत में शामिल किया 13 सितंबर 1947 से 18 सितंबर 1947 तक उस्मान अली खान की सेना एवं भारतीय सेना के मध्य युद्ध हुआ अंततः निजाम की सेना ने पराजय हुई तथा हैदराबाद का भारत में विलय हो गया इस विलय की अनेक मुसलमान नेताओं ने तारीफ की
4 मणिपुर
मणिपुर देसी रियासत भारत के उत्तर पूर्व में स्थित एक देसी रियासत थी जब देसी रियासतों का भारत के अंदर विलय किया जा रहा था तब मणिपुर के शासक चंद्र सिंह ने मणिपुर रियासत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में रखने के पक्ष में रहा सरदार वल्लभभाई पटेल एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चंद्र सिंह को काफी मनाने का प्रयास किया लेकिन चंद्रसिंह अपनी बात पर अडिग रहें मणिपुर की जनता भारत में शामिल होने के पक्ष में थी
अतः पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार कराया गया जिसमें 99 प्रतिशत वोट भारत के विलय के पक्ष में आए जिसके आधार पर मणिपुर रियासत का भारत के अंदर विलय हो गया
भारत में सर्वप्रथम व्यस्क मताधिकार का प्रयोग मणिपुर में किया गया