स्वतंत्रता और समानता

स्वतंत्रता और समानता

स्वतंत्रता का अर्थ-

स्वतंत्रता के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है व्यक्ति को अपनी इच्छा अनुसार कार्य करने को स्वतंत्रता होनी चाहिए परंतु यह गलत है क्योंकि बिना बंधन से एक मानव सभ्यता के विकास नहीं हो सकता है।

स्वतंत्रता का नकारात्मक रुप-

स्वतंत्रता नकारात्मक योग से अभिप्राय है कि व्यक्ति को पूर्ण स्वतंत्रता व्यक्ति को अपनी मनमानी करने का अधिकार होना चाहिए उसे प्रत्येक कार्य करने का अधिकार होना चाहिए उसके कार्य पर कोई भी बंधन ना हो उस से नकारात्मक स्वतंत्रता कहते हैं।



नकारात्मक स्वतंत्रता के सिद्धांत-

1 राज्य को व्यक्ति के निजी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए
2 बंधनों का अभाव में स्वतंत्रता है
3 कम से कम शासन करने वाली सरकार सबसे अच्छी हैं।

स्वतंत्रता का सकारात्मक रूप-

व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व का विकास करने के लिए कुछ अधिकार तथा अवसर प्राप्त हो प्रति व्यक्ति को उन कार्य को करने का अधिकार होना चाहिए जिससे दूसरे व्यक्तियों को हानि ना हो उसे स्वतंत्रता का सकारात्मक रूप कहा जाता है।

सकारात्मक स्वतंत्रता के सिद्धांत-

1 स्वतंत्रता पर बंधन आवश्यक है।
2 राज्य के कानूनों का पालन करना चाहिए।
3 स्वतंत्रता को स्वीकार करने के लिए दूसरों की स्वतंत्रता को मान्यता देने चाहिए।

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स्वतंत्रता के प्रकार-

1 प्राकृतिक स्वतंत्रता-

प्राकृतिक स्वतंत्रता से अभिप्राय की मनुष्य को राज्य की उत्पत्ति से पहले ही प्राकृतिक अवस्था में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति थी लेखक का मानना है कि मनुष्य को प्रकृति में स्वतंत्र पैदा किया है।

2 व्यक्तिगत स्वतंत्रता-

व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अर्थ एक ही व्यक्ति को ऑन कार्य को करने की स्वतंत्रता हो जो उस तक ही सीमित है उसके व्यक्तिगत कार्य पर केवल समाज हित बंधन लगाए जाएं।

3 नागरिक स्वतंत्रता-

नागरिक स्वतंत्रता से अभिप्राय की एक नागरिक होने के कारण मनुष्य को मिलने वाली स्वतंत्रता है जिन्हें समाज स्वीकार करता है और राज्य लागू करता है भारतीय संविधान में स्वतंत्रता में मूल अधिकार के रूप में मिली है।



4 राजनीतिक स्वतंत्रता-

राजनीतिक स्वतंत्रता का अर्थ है कि जिसके द्वारा नागरिक देश के शासन में भाग ले सकता है यह वह स्वतंत्रता जिससे प्रत्येक नागरिक को मतदान करने का चुनाव में हिस्सा लेने का रासायनिक पता चल करने का अधिकार हो।

5 आर्थिक स्वतंत्रता-

आर्थिक स्वतंत्रता का अर्थ है कि नागरिक को बेरोजगारी भुखमरी से मुक्ति प्राप्त हो प्रत्येक नारी को कोई भी काम करने का समान अवसर प्राप्त होना चाहिए भारतीय स्वतंत्रता से कार्य करने के लिए निश्चित घंटे वेतन कार्य करने का अधिकार बेकारी की दशा में निर्वाह भत्ते का अधिकार मिलना चाहिए।

6 धार्मिक स्वतंत्रता –

धार्मिक स्वतंत्रता से अभिप्राय है कि व्यक्ति को किसी भी धर्म को मानने वाला धर्म के रीति रिवाज धर्म का प्रचार के स्वतंत्रता आनी चाहिए।

7 नैतिक स्वतंत्रता-

स्वतंत्रता का अर्थ एक ही व्यक्ति को सत्य असत्य नैतिक-अनैतिक धर्म-अधर्म उचित-अनुचित में निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।

8 सामाजिक स्वतंत्रता-

सामाजिक स्वतंत्रता सामाजिक समानता व सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक मानी जाती है व्यक्ति के साथ जाति धर्म भाषा लिंग आदमी के साथ भेजो ना करना सामने स्वतंत्रता कहलाती है।



9 राष्ट्रीय स्वतंत्रता-

राष्ट्रीय स्वतंत्रता के अनुसार भाषा धर्म संस्कृति आदि की एकता का आधार पर स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

10- संवैधानिक स्वतंत्रता-

सुधानी स्वतंत्रता व्यक्ति को संविधान द्वारा प्राप्त होती है यह स्वतंत्रता जिस्म हमारी सुरक्षा की गारंटी मिलती है।

स्वतंत्रता के लिए आवश्यक शर्तें-

1 व्यक्ति द्वारा स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता हो।।           2 नागरिक स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु निडर हो
3 समाज में लोकतंत्र स्थापित हो
4 व्यक्ति विशेष को विशेष अधिकार ना हो
5 आर्थिक दृष्टि से सभी व्यक्ति एक समान हो
6 निष्पक्ष चुनाव
7 समाज में शांति और सुरक्षा स्थापित हो
8 स्वतंत्र न्यायपालिका हो एवं संविधान के अनुसार सभी कार्य हो।

स्वतंत्रता के मार्ग में आने वाली बाधाएं-

1 स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता की कमी
2अशिक्षा
3 गरीबी



समानता-

समानता का अर्थ सामान्य व्यक्ति को उन्नति के समान अवसर दिए जाएं प्रत्येक व्यक्ति को समान सुविधाएं प्राप्त होनी चाहिए ताकि व्यक्ति अपनी योग्यता के अनुसार अपना विकास कर सके समाज में किसी को विशेष अधिकार प्राप्त नहीं होने चाहिए।

समानता के प्रकार-

1 नागरिक समानता-

राष्ट्रीय की दृष्टि से सभी नागरिक एक समान होना नागरिक स्वतंत्रता कहलाती है राष्ट्रीय द्वारा नागरिक को विकास के समान अवसर देना समानता हेतु आवश्यक है।

2 राजनीतिक समानता-

राज्य की सभी नागरिकों को बिना भेदभाव के राज्य के सभी कार्य में भाग लेने के समान तो होनी चाहिए सभी को मतदान प्रतिनिधी बनने का सरकारी पद प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए राजनीतिक समानता प्रजातंत्र की आधारशिला हे।

3 सामाजिक समानता-

सामाजिक दृष्टि से सभी नागरिकों को समान समान समझा जाना चलो समाज में सभी को विकास का सम्मान अवसर मिलना सामाजिक समानता कहलाती है।



4 प्राकृतिक समानता-

प्राकृतिक समानता का अर्थ है कि प्रकृति ने सभी व्यक्तियों को समान बनाया है इसलिए सभी व्यक्तियों ं के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।

5 आर्थिक समानता-

सभी लोगों को कार्य करने का समान अवसर देना दाता व्यक्तियों की न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति करना ही आर्थिक समानता है।

6 सांस्कृतिक समानता-

राज्य द्वारा को संख्यक तथा अल्पसंख्यक वर्गों के साथ समान व्यवहार करें ट्राई ने अपनी भाषा लिपि संस्कृति के आधार पर समान अवसर देना सांस्कृतिक समानता कहलाती है।

7 कानूनी समानता-

बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों कानून के समक्ष समानता देना कानूनी समानता कहलाता है।

8 अवसर की समानता-

शादी द्वारा जाति धर्म वर्ग लिंग भाषा के आधार पर बिना भेदभाव किए सभी नागरिकों को अपना विकास करने को सामान अवसर देना अवसर की समानता कहलाता है।



9 शिक्षा की समानता-

राज द्वारा सभी नागरिकों को शिक्षा प्राप्ति के लिए सम्मान अधिकार देना शिक्षा की समानता के लगती है।

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