Upbhokta ke Vyavhar ka Siddhant पाठ-2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत

Upbhokta ke Vyavhar ka Siddhant

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पाठ – 2 उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न : 1 उपभोक्ता के बजट सेट से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : उपभोक्ता अपनी आय से बाजार में प्रचलित कीमतों पर दो वस्तुओं के जिन बंडलों (सेट) को खरीद सकता है, उपभोक्ता के बजट सेट के कहलाते हैं।

प्रश्न : 2 बजट रेखा क्या है ?

उत्तर बजट रेखा वह रेखा है, जिस पर स्थित प्रत्येक बिंदु ऐसे बंडलों को दर्शाता है जिन पर उपभोक्ता की सारी आय खर्च हो जाती हैं। जिन बजट सेट पर उपभोक्ता की समस्त आय खर्च हो जाती हैं, उन्हें दर्शाने वाली रेखा बजट रेखा कहलाती है।

प्रश्न : *  बजट रेखा द्वारा किसका निर्धारण किया जाता है ?

उत्तर : बजट रेखा उपभोक्ता के बजट क्षेत्र की सीमा का निर्धारण करती हैं।

प्रश्न : 3 बजट रेखा की प्रवणता नीचे की ओर क्यों होती है ? समझाइए।

उत्तर : बजट रेखा उन बिंदुओं का प्रतिनिधित्व करती हैं , जिन पर उपभोक्ता की समस्त आय खर्च हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता द्वारा वस्तु 1 की मात्रा में वृद्धि करने के लिए वस्तु 2 की मात्रा में कमी करनी होती हैं जिस कारण बजट रेखा की (ढाल) प्रवणता नीचे की ओर होती हैं। बजट रेखा की प्रवणता वस्तु 1 और वस्तु 2 की कीमतों पर निर्भर करती है। क्योंकि वास्तव में बजट रेखा की प्रवणता वस्तु 1 और वस्तु 2 की कीमतों का अनुपात होता है।

प्रश्न : 4 एक उपभोक्ता दो वस्तुओं का उपभोग करने के लिए इच्छुक है। दोनों वस्तुओं की कीमत क्रमशः 4 ₹ है तथा 5 ₹ है। उपभोक्ता की आय 20 ₹ है-

(i) बजट रेखा के समीकरण को लिखिए।

उत्तर : बजट रेखा का समीकरण → 

PxQx + PyQy ≤ Y

4Qx + 5Qy ≤ 20

(ii) उपभोक्ता यदि अपनी संपूर्ण आय वस्तु 1 पर व्यय कर दे तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?

उत्तर : Q = M/P

Q = 20/4

Q = 5

(iii) यदि वह अपनी संपूर्ण आय वस्तु 2 पर व्यय कर दे तो वह उसकी कितनी मात्रा का उपभोग कर सकता है?

उत्तर Q = M/P

Q = 20/5

Q = 4

(iv) बजट रेखा की प्रवणता क्या है?

उत्तर :  बजट रेखा की प्रवणता = – P1 ÷ P2

बजट रेखा की प्रवणता = -4/5

प्रश्न : 5 यदि उपभोक्ता की आय बढ़कर 40 ₹ हो जाती है, परन्तु कीमत अपरिवर्तित रहती है तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन होता है?

उत्तर : 4Qx + 5Qy ≤ 40

प्रश्न : 6 यदि वस्तु 2 की कीमत में 1 ₹ की गिरावट आ जाए परन्तु वस्तु 1 की कीमत में तथा उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन न हो तो बजट रेखा में क्या परिवर्तन आएगा?

उत्तर : 4Qx + 4Qy ≤ 20

प्रश्न : 7  यदि कीमतें और उपभोक्ता की आय दोनों दुगुनी हो जाए तो बजट सेट कैसा होगा?

उत्तर : 8Qx + 10Qy ≤ 40

प्रश्न : 8 मान लीजिए कि कोई उपभोक्ता अपनी पूरी आय का व्यय करके वस्तु 1 की 6 इकाइयाँ तथा वस्तु 2 की 8 इकाइयाँ खरीद सकता है। दोनों वस्तुओं की कीमतें क्रमशः 6 ₹ तथा 8 ₹  हैं। उपभोक्ता की आय कितनी है?

उत्तर : PxQx + PyQy = Y

Px = 6  Py = 8   Qx = 6   Qy = 8

6 × 6 + 8 × 8 = Y

36 + 64 = Y

100 = Y

प्रश्न : 9 मान लीजिए, उपभोक्ता दो ऐसी वस्तुओं का उपभोग करना चाहता है, जो केवल पूर्णाक इकाइयों में उपलब्ध हैं। दोनों वस्तुओं की कीमत 10 ₹ के बराबर है तथा उपभोक्ता की आय 40 ₹ है।

(i) वे सभी बंडल लिखिए जो उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं।

उत्तर : (0,0), (0,1) , (0,2) , (0,3) , (0,4) , (1,0) , (1,1) , (1,2) , (1,3) , (2,0) , (2,1) , (2,2) , (3,0) , (3,1) , (4,0)

(ii) जो बंडल उपभोक्ता के लिए उपलब्ध हैं, उनमें से वे बंडल कौन से हैं जिन पर उपभोक्ता के पूरे 40 ₹ व्यय हो जाएँगे।

उत्तर : (0,4) , (1,3) , (2,2) ,  (3,1) , (4,0)

प्रश्न : 10 ‘एकदिष्ट अधिमान’ से आप क्या समझते हैं?

उत्तर :

प्रश्न : 11 यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं तो क्या वह बंडल (10, 8) और बंडल (8, 6) के बीच तटस्थ हो सकता है?

उत्तर : नहीं , यदि एक उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट है तो वह बंडल (10 ,8) और बंडल( 8,6) के बीच तटस्थ नहीं हो सकता है , क्योंकि वह दोनों बंडलों में से बंडल (10,8) को अधिक प्राथमिकता (अधिमान) देगा।

प्रश्न : 12 मान लीजिए कि उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट हैं। बंडल (10, 10), (10, 9) तथा (9, 9) पर उसके अधिमान श्रेणीकरण के विषय में आप क्या बता सकते हैं?

उत्तर : बंडल (10 ,10 ) , (10, 9 ) और (9,9) पर उपभोक्ता के अधिमान का श्रेणीकरण निम्न प्रकार से होगा :–
U(10,10) > U(10,9) > U(9,9)
अथवा
उपभोक्ता के अधिमान एकदिष्ट होने पर वह निम्न बंडलों में से सबसे अधिक प्राथमिकता (10,10) बंडल को , फिर (10, 9 )बंडल को और अंत में बंडल (9,9) को प्राथमिकता देगा ।

प्रश्न : 13 मान लीजिए कि आपका मित्र, बंडल (5, 6) तथा (6, 6) के बीच तटस्थ है। क्या आपके मित्र के अधिमान एकदिष्ट हैं?

उत्तर : यदि मेरा मित्र बंडल (5,6) और (6,6) के बीच तटस्थ है तो उसके अधिमान एकदिष्ट नहीं हो सकते ।
यदि उसके अधिमान एकदिष्ट होते तो वह बंडल (6,6 को बंडल (5,6) से अधिक प्राथमिकता देता।

प्रश्न : 14 मान लीजिए कि बाजार में एक ही वस्तु के लिए दो उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन इस प्रकार हैं-

d1(p) = 20 – p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 20 से कम या बराबर हो तथा d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो 20 से अधिक हो।

d2(p) = 30 – 2p किसी भी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से अधिक या बराबर हो और d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत के लिए जो 15 से अधिक हो।

बाजार माँग फलन को ज्ञात कीजिए।

उत्तर :- dM (p) = d1(p) + d2(p)

dM (p)  = (20 – p) + (30 – 2p)

dM (p) = 20 – p + 30 – 2p

dM (p) = 20 + 30 – p – 2p

dM (p) = 50 – 3p

प्रश्न : 15 मान लीजिए, वस्तु के लिए 20 उपभोक्ता हैं तथा उनके माँग फलन एक जैसे हैं: d(p) = 10 – 3p किसी ऐसी कीमत के लिए जो से कम हो अथवा बराबर हो तथा d1(p) = 0 किसी ऐसी कीमत पर से अधिक है। बाज़ार माँग फलन क्या है?

उत्तर : dM (p) = 20 × d(p) 

dM (p) = 20 × (10 – 3p) 

dM (p) = 200 – 60p

प्रश्न : 16 एक ऐसे बाजार को लीजिए, जहाँ केवल दो उपभोक्ता हैं तथा मान लीजिए वस्तु के लिए उनकी माँगें इस प्रकार हैं-

वस्तु के लिए बाजार माँग की गणना कीजिए।

P d1 d2
1 9 24
2 8 20
3 7 18
4 6 16
5 5 14
6 4 12
 

उत्तर :-

P d1 d2 Dm
1 9 24 33
2 8 20 28
3 7 18 25
4 6 16 22
5 5 14 19
6 4 12 16

 

प्रश्न : 17 सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?

उत्तर :- सामान्य वस्तु :- सामान्य वस्तु से तात्पर्य यह है कि ऐसी वस्तुएं जिनका उपभोक्ता की आय के साथ धनात्मक संबंध होता है। अर्थात यदि उपभोक्ता की आय बढ़ती है तो वस्तु की मांग भी बढ़ती है। और यदि उपभोक्ता की आय कम हो जाती है तो वस्तु की मांग भी कम हो जाती है। ऐसी वस्तुएं सामान्य वस्तुएं कहलाती है।

प्रश्न : 18 निम्नस्तरीय वस्तु को परिभाषित कीजिए। कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तर :- निम्नस्तरीय वस्तु :- निम्नस्तरीय वस्तु से अभिप्राय ऐसी वस्तु से है जिनका संबंध उपभोक्ता की आय के साथ ऋणात्मक होता है अर्थात जब वस्तु की आय बढ़ती है तो वस्तु की मांग कम हो जाती है और उपभोक्ता की आय कम होने पर वस्तु की मांग बढ़ जाती है। जैसे ज्वार, बाजरा, डालडा घी आदि।

प्रश्न : 19 स्थानापन्न वस्तु को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के स्थानापन्न हैं।

उत्तर :- स्थानापन्न वस्तुएं :- वे वस्तुएं जिन्हें किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है, एक दूसरे के प्रतिस्थापन्न अथवा स्थानापन्न वस्तुएं कहलाती है। उदाहरण बॉल पेन और इंक पेन तथा चाय और कॉफी इत्यादि।

प्रश्न : 20 पूरकों को परिभाषित कीजिए। ऐसी दो वस्तुओं के उदाहरण दीजिए जो एक-दूसरे के पूरक हैं।

उत्तर : पूरक वस्तुएं :– वह वस्तुएं जिन्हें किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक साथ उपयोग किया जाता है। किसी एक के अभाव में दूसरे से उद्देश्य पूर्ति संभव नहीं होती है वह पूरक वस्तुएं कहलाती है ।
उदाहरण :– कार और पेट्रोल

प्रश्न : 21 माँग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए।

उत्तर : मांग की कीमत लोच वस्तु के कीमत परिवर्तन के कारण इसकी मांग की अनुक्रियात्मकता की माप है।

किसी वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन को उस वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त भागफल किसी वस्तु के लिए मांग की कीमत लोच कहलाता है।

प्रश्न : 22 एक वस्तु की माँग पर विचार करें। 4 ₹ की कीमत पर इस वस्तु की 25 इकाइयों की माँग है। मान लीजिए वस्तु की कीमत बढ़कर 5 ₹ हो जाती है तथा परिणामस्वरूप वस्तु की माँग घटकर 20 इकाइयाँ हो जाती है। कीमत लोच की गणना कीजिए।

उत्तर : P1 = 4      Q1 = 25

P2 = 5      Q2 = 20

मांगी गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन

∆Q = Q2 – Q1

∆Q = 25 – 20

∆Q = 5

∆Q %  = ∆Q/ Q1 × 100

∆Q %  = 5/20 × 100

∆Q %  = 20

कीमत में प्रतिशत परिवर्तन

∆P = P2– P1

∆P = 25 – 20

∆P = 5

∆P %  = ∆P/ P1× 100

∆P %  = 1/4 × 100

∆P %  = 25

माँग की कीमत लोच = मांगी गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन ÷ कीमत में प्रतिशत परिवर्तन

eD =  ∆Q % / ∆P %  

eD =  20/25

eD =  0.8  Ans.

प्रश्न : 23 माँग वक्र D(p) = 10 – 3 p को लीजिए। कीमत पर लोच क्या है?

उत्तर :

प्रश्न : 24 मान लीजिए किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच – 0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 5% की वृद्धि होती है, तो वस्तु के लिए माँग में कितनी प्रतिशत कमी आएगी?

उत्तर : माँग की कीमत लोच = मांगी गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन ÷ कीमत में प्रतिशत परिवर्तन

– 0.2 = मांगी गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन ÷ 5

-0.2 × 5 = मांगी गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन

1 % = मांगी गई मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन

प्रश्न : 25 मान लीजिए, किसी वस्तु की माँग की कीमत लोच – 0.2 है। यदि वस्तु की कीमत में 10% वृद्धि होती है तो उस पर होने वाला व्यय किस प्रकार प्रभावित होगा?

उत्तर : मांग की कीमत लोच इकाई से कम होने के कारण वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर उस वस्तु पर होने वाले व्यय में वृद्धि होगी।

प्रश्न : 26 मान लीजिए कि किसी वस्तु की कीमत में 4% की गिरावट होने के परिणामस्वरूप उस पर होने वाले व्यय में 2% की वृद्धि हो गई। आय माँग की लोच के बारे में क्या कहेंगे?

उत्तर : वस्तु की कीमत में गिरावट के कारण यदि व्यय में वृद्धि होती है, तो वस्तु की कीमत लोच इकाई से अधिक होती है। अतः इस स्थिति में मांग की लोच इकाई से अधिक लोचदार होगी।

 

परीक्षा उपयोगी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

 

प्रश्न: 1 उपभोक्ता वस्तुओं के कैसे संयोजन को प्राप्त करना चाहेगा ?

उत्तर: उपभोक्ता वस्तुओं के ऐसे संयोजन को प्राप्त करना चाहेगा जो उसे अधिकतम संतोष प्रदान करता है।

प्रश्न: 2 उपभोक्ता के लिए वस्तुओं का सर्वोत्तम संयोजन किस पर निर्भर करता है ?

उत्तर: यह उपभोक्ता की रूचियों और वह कितना व्यय कर सकता है, वस्तुओं की कीमतों और उसकी आय पर निर्भर करता है।

प्रश्न: 3 उपभोक्ता किसी वस्तु के लिए मांग का अनुमान किस आधार पर लगाता है ?

उत्तर: एक उपभोक्ता किसी वस्तु के लिए मांग का अनुमान उस उपयोगिता के आधार पर लगाता है जो वह उससे प्राप्त करता है।

प्रश्न: 4 उपयोगिता क्या है ?

उत्तर: एक वस्तु की उपयोगिता, उसकी किसी आवश्यकता को संतुष्ट करने की क्षमता है।

प्रश्न: 5 अर्थशास्त्र में “वस्तुओं” शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया जाता है ?

उत्तर:  “वस्तुओं” शब्द का प्रयोग अर्थशास्त्र में वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों के लिए किया जाता है।

प्रश्न: 6 अर्थशास्त्र में यह धारणा क्यों ली जाती है कि “वस्तुएं  केवल 2 ही हैं।”

उत्तर: ‘वस्तुएं केवल दो ही है’ यह धारणा विश्लेषण को सरल कर देती है और सरल आरेखों के जरिए महत्वपूर्ण संकल्पनाओं को समझने में सहायक है।

प्रश्न: 7 वस्तु की उपयोगिता किस पर निर्भर करती हैं ?

उत्तर: वस्तु की उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती हैं कि उपभोक्ता को उस वस्तु की कितनी ज्यादा आवश्यकता है अथवा उसको प्राप्त करने की कितनी ज्यादा इच्छा है।

प्रश्न: 8 गणनावाचक दृष्टिकोण की मान्यता क्या है ?

उत्तर: गणनावाचक उपयोगिता विश्लेषण की मान्यता है कि उपयोगिता के स्तर को संख्याओं में व्यक्त किया जा सकता है।

प्रश्न: 9 कुल उपयोगिता किसे कहते हैं ?

उत्तर: कुल उपयोगिता (TU) एक वस्तु की एक निश्चित मात्रा से प्राप्त उपयोगिताओं का योग है जो किसी वस्तु (X) की दी गई मात्रा के उपयोग करने से प्राप्त होती हैं।

प्रश्न: 10 वस्तु की अधिक मात्रा किसे दर्शाती हैं

उत्तर: वस्तु की अधिक मात्रा उपभोक्ता की अधिक संतुष्टि को दर्शाती हैं।

प्रश्न: 11 कुल उपयोगिता (TU) किस पर निर्भर करती है

उत्तर: कुल उपयोगिता (TU) वस्तु की उपयोग की गई मात्रा पर निर्भर करती है।

प्रश्न: 12 TUn क्या होता है ?

उत्तर: TUn वस्तु x की n इकाइयों के उपयोग से प्राप्त कुल उपयोगिता होती हैं।

प्रश्न: 13 सीमांत उपयोगिता किसे कहते हैं ?

उत्तर: सीमांत उपयोगिता(MU) कुल उपयोगिता में वह परिवर्तन है, जो वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग से होता है।

प्रश्न: 14 MUn का सूत्र लिखिए।

उत्तर: MUn = + TUn – TUn1

प्रश्न: 15 कुल उपयोगिता और सीमांत उपयोगिता में संबंध को गणितीय रूप में दर्शाइए।

उत्तर:  TUn = MU1 + MU2 + ………………. MUn1 + MUn

प्रश्न: 16 वस्तु के उपयोग में वृद्धि से सीमांत उपयोगिता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर: सीमांत उपयोगिता वस्तु के उपभोग में वृद्धि के साथ गिर जाती है।

प्रश्न:17 वस्तु की मात्रा में वृद्धि से उसकी सीमांत उपयोगिता में कमी क्यों होती हैं ?

उत्तर: ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक वस्तु की कुछ मात्रा उपलब्ध हो जाने पर उपभोक्ता की उस वस्तु को और अधिक प्राप्त करने की इच्छा कम हो जाती हैं।

प्रश्न: 18 कुल उपयोगिता में वृद्धि की दर क्या होती है ?

उत्तर: किसी वस्तु के उपभोग की मात्रा में परिवर्तन के फलस्वरूप कुल उपयोगिता में वृद्धि की दर उसके सीमांत उपयोगिता की माप है।

प्रश्न: 19 ह्रासमान उपयोगिता नियम से क्या निष्कर्ष निकलता है ?

उत्तर: ह्रासमान उपयोगिता नियम से निष्कर्ष निकलता है कि सीमांत उपयोगिता वस्तु के उपभोग मात्रा में वृद्धि के साथ गिरती जाती हैं।

प्रश्न: 20 ह्रासमान उपयोगिता नियम क्या बताता है ?

उत्तर: ह्रासमान उपयोगिता नियम बताता है कि जैसे-जैसे अन्य वस्तुओं के उपयोग को स्थिर रखते हुए किसी वस्तु के उपभोग को बढ़ाया जाता है, वस्तु की हर अगली इकाई के उपयोग से प्राप्त सीमांत उपयोगिता गिरती जाती हैं।

प्रश्न: 21 सीमांत उपयोगिता किस बिंदु पर शून्य हो जाती है ?

उत्तर: सीमांत उपयोगिता उस बिंदु पर शून्य हो जाती है जब कुल उपयोगिता स्थिर रहती हैं।

प्रश्न: 22 सीमांत उपयोगिता कब ऋणात्मक हो जाती हैं ?

उत्तर: जब कुल उपयोगिता गिरने लगती है तब सीमांत उपयोगिता ऋणात्मक हो जाती है।

प्रश्न: 23 वस्तु की मांग किसे कहते हैं ?

उत्तर: वस्तु की मात्रा जिसे एक उपभोक्ता दिए गए वस्तु मूल्यों और आय पर खरीदने के लिए इच्छुक एवं समर्थ हैं को उस वस्तु की मांग कहते हैं।

प्रश्न: 24 वस्तु की मांग किन कारकों पर निर्भर करती है

उत्तर: वस्तु की मांग वस्तु की स्वयं की कीमत के अतिरिक्त अन्य वस्तुओं की कीमतों, उपभोक्ता की रूचियों और वरीयता जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं।

प्रश्न: 25 मांग वक्र क्या है ?

उत्तर: मांग वक्र, एक वस्तु की विभिन्न कीमतों पर मांगी जाने वाली मात्राओं की रेखीय प्रस्तुति हैं। जो एक उपभोक्ता किसी वस्तु की विभिन्न कीमतों पर खरीदने के लिए इच्छुक है।

प्रश्न: 26 मांग वक्र का ऋणात्मक ढाल क्या दर्शाता है ?

उत्तर: मांग वक्र का ऋणात्मक ढाल दर्शाता है कि उपभोक्ता नीचे मूल्यों पर वस्तु की अधिक मात्रा खरीदने को इच्छुक है तथा ऊंचे मूल्य पर वह वस्तु की कम मात्रा खरीदना चाहता है।

प्रश्न: 27 वस्तु की कीमत और मांगी जाने वाले मात्रा के मध्य कैसा संबंध होता हैं

उत्तर: विपरीत संबंध/ ऋणात्मक संबंध

प्रश्न: 28 मांग का नियम किसे कहते हैं

उत्तर: वस्तु की कीमत तथा मांगी जाने वाली मात्रा के बीच ऋणात्मक संबंध होता है, इसे मांग का नियम कहते हैं।

प्रश्न: 29 मांग वक्र नीचे की ओर ढलवा क्यों होता है ?

उत्तर: ह्रासमान उपयोगिता नियम के कारण।

प्रश्न: 30 गणनावाचक उपयोगिता विश्लेषण का एक गुण बताइए।

उत्तर: गणनावाचक उपयोगिता विश्लेषण समझने में सरल है।

प्रश्न: 31गणनावाचक उपयोगिता विश्लेषण का एक दोष बताइए।

उत्तर: गणनावाचक दृष्टिकोण उपयोगिता का संख्याओं के रूप में परिमाणन करता है, यह इसका एक बड़ा दोष है।

प्रश्न: 32  क्रमवाचक उपयोगिता विश्लेषण प्रसंग का प्रारंभिक बिंदु बताइए।

उत्तर: उपभोक्ता उपयोगिता को संख्याओं में नहीं मापता है, यद्यपि वह विभिन्न उपभोक्ता बंडलों को क्रम देता है, यही क्रमवाचक उपयोगिता विश्लेषण प्रसंग का प्रारंभिक बिंदु हैं।

 

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