vaky-vichar
वाक्य विचार
वाक्य विचार शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं।
वाक्य के दो अंग होते हैं
1 उद्देश्य
2विधेय
उद्देश्य :- वाक्य में जिसके विषय में बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं।
जैसे :- गीता गाना गा रही है।
विधेय :- वाक्य में उद्देश्य के विषय में जो कुछ बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं।
जैसे :- गीता गाना गा रही है।
वाक्य के भेद
वाक्य के भेद दो आधार पर होते हैं
1अर्थ के आधार पर
2 रचना के आधार पर
अर्थ के आधार पर :- अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते हैं
1 विधान वाचक
2 निषेधवाचक
3 विस्मयवाचक
4 संदेहवाचक
5 आज्ञा वाचक
6 संकेतवाचक
7 इच्छावाचक
8 प्रश्नवाचक
रचना के आधार पर
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं :-
सरल वाक्य
संयुक्त वाक्य
मिश्र वाक्य
सरल वाक्य :- जिन वाक्यों में एक ही क्रिया हो अर्थात एक ही विधेय हो, भले ही कर्ता एक से अधिक हो, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं।
जैसे :- महेश और सुरेश बाजार गए।
मोर उड़ा।
संयुक्त वाक्य :- जिन वाक्यों में सभी उपवाक्य समान स्तर के होते हैं और कोई किसी पर आश्रित नहीं होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।
जैसे तुम खाना खा रहे हो और मैं खेल रहा हूं।
मोहन रोता है और सोहन सोता है।
मिश्र वाक्य :- ऐसे वाक्य जिनमें एक प्रधान उपवाक्य और दूसरा आश्रित उपवाक्य होता है, वह मिश्र वाक्य कहलाता है।
जैसे :-
हो सकता है कि हम विद्यालय जाएं।
पिताजी ने कहा कि कल हम घूमने जाएंगे।