विद्युत धारा

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विद्युत आवेश

किसी पदार्थ का वह मूलभूत गुण जो पदार्थ में विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए उत्तरदायी होता है, विद्युत आवेश कहलाता है।
→ आवेश का संबंध इलेक्ट्रॉनों से होता है।
→ आवेश दो प्रकार के होते हैं:- (1) धनावेश (2) ऋणावेश
→ जब किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉन प्रवेश करते हैं तो वह ऋणावेशित हो जाती है।
→ जब किसी वस्तु से इलेक्ट्रॉन बाहर निकलते हैं तो वह धनावेशित हो जाती हैं।
→ समान प्रकृति के आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
→ विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
→ आवेश का मात्रक को कुलाम होता है।
→ इलेक्ट्रॉन पर आवेश -1.6×10-19 C होता है। प्रोटॉन पर आवेश 1.6×10-19 C होता है।
→ न्यूट्रॉन पर आवेश शून्य होता है।

विद्युत क्षेत्र

किसी आवेश या आवेश के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें किसी अन्य आवेश को लाने पर वह बल का अनुभव करता है, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

विद्युत धारा

आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। माना Q आवेश t समय में प्रभावित हो रहा है। तब विद्युत धारा = आवेश/ समय होता है।
विद्युत धारा का मात्रक = कूलाम / सेकंड =Amp होता है।
विद्युत धारा का प्रवाह इलेक्ट्रॉन के कारण होता है तथा विद्युत धारा की दिशा इलेक्ट्रॉन दिशा के विपरीत होती हैं।
1 एम्पीयर धारा :-
I = Q/t Amp
यदि Q = 1c
t = 1sec
I = 1 Amp
अर्थात, किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलाम आवेश 1 सेकंड में प्रभावित होता है तो उसे 1 एंपियर विद्युत धारा कहते हैं।

विद्युत परिपथ :-

विद्युत धारा के बंद तथा सतत पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।
विद्युत परिपथ के अवयव :-
अमीटर:-
वह व्यक्ति जो परिपथ में विद्युत धारा का मापन करती है, अमीटर कहलाती है।
इसे चालक तार के श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। इसका पाठ्यांक कम होता है।
इसका परिपथ संकेत निम्न होता है।
वोल्टमीटर :-
वह युक्ति जो परिपथ में विद्युत या विभवांतर का मापन करती है, वोल्टमीटर कहलाती है।
इसका पाठ्यांक उच्च होता है।
इसे बैटरी के समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।
इसका परिपथ सुनके तो निम्न होता है

धारा नियंत्रक:-  वह शक्ति जो परिपथ में धारा को नियंत्रित करती है धारा नियंत्रक कहलाती हैं इसका परिपथ संकेत निम्न है

कुंजी :-   स्विच स्थितियां होती है चालू कुंजी जीता तथा बंदकुंजी
बैटरी सेल बल्ब

विद्युत विभवांतर:-  जब एकांक धन आवेश को विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में किया गया कार्य तथा आवेश का अनुपात बिंदुओं के बीच विभवांतर का नाता है माना क्यों आवेश को दो बिंदुओं बिंदु 2018 तक लाने में डब्लू कार्य किया जाता है तब इनके मध्य विभवांतर विभवांतर बरोबर कार्य बट आवेश विभवांतर का मात्रक नाम प्रति गुलाम बराबर वर्ल्ड लोन

विद्युत विभव:-

एकांक धन आवेश को अनंत से विद्युत संयंत्र के विरुद्ध किसी बिंदु तक लाने में किया गया कार्य तथा आवेश का वर्णन बाद विद्युत विभव कहलाता है

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