himalaya ka bhaugolik vargikaran
Himalaya ka Bhaugolik Vargikaran
हिमालय का भौगोलिक वर्गीकरण :-– हिमालय को भौगोलिक आधार पर तीन भागों में बांटा गया है-
1. महा हिमालय
2. लघु हिमालय
3. उप हिमालय
1. महा हिमालय :– यह हिमालय का सबसे उत्तरी भाग है । इसे मुख्य हिमालय , हिमाद्री , आंतरिक हिमालय , बर्फीला हिमालय आदि नामों से जाना जाता है। यहाँ हिमालय की सबसे ऊंची चोटियाँ स्थित है । इसकी लंबाई 2400 किलोमीटर तथा चौड़ाई 100 से 200 किलोमीटर और औसत ऊंचाई 6000 मीटर है।
हिमालय की सबसे ऊंची चोटियाँ , जैसे — माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है), गॉडविन ऑस्टिन (8611मीटर), कंचनजंगा (5585 मीटर), मकालु , नंदा देवी , धौलागिरी , नंगा पर्वत , अन्नपूर्णा आदि।
महा हिमालय से भारत की सबसे बड़ी नदियां जैसे — सिंधु , ब्रह्मपुत्र , गंगा, यमुना , सतलज आदि नदियां निकलती है । यहाँ अनेक दर्रे स्थित है जैसे — जोजीला दर्रा , काराकोरम दर्रा, शिपकी दर्रा , मानानेति दर्रा आदि। यहाँ अनेक पहाड़ियां स्थित है जैसे — गारो , खांसी, जयंतिया, नागा , बुम , लुशाई आदि ।
2. लघु हिमालय :– यह महा हिमालय के दक्षिण में स्थित है । इसे मध्य हिमालय तथा हिमाचल हिमालय भी कहते हैं । इसकी चौड़ाई 80 से 100 किलोमीटर है , तथा औसत ऊंचाई 3000 मीटर है। इसकी लंबाई 2400 किलोमीटर है। यहां पर अनेक छोटी-छोटी श्रेणियां है, जैसे– धौलाधर, पीरपंजाल, नागटीबा , मसूरी आदि । यहां पर अनेक पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जैसे — शिमला, मसूरी, नैनीताल , दार्जिलिंग , रानीखेत आदि स्थित है ।
यहाँ पर अनेक कोणधारी वन तथा निचले ढालो पर घास के क्षेत्र पाए जाते हैं । जिन्हें कश्मीर में “मर्ग” (जैसे — गुलमर्ग , सोनमर्ग) है , तथा उत्तराखंड में बुग्याल तथा पयार कहते हैं।
3. उप हिमालय :– यह लघु हिमालय के दक्षिण में स्थित है। इसे बाह्य हिमालय या शिवालिक श्रेणी भी कहते हैं ।
यहां पर उपजाऊ मैदान स्थित है। इसकी चौड़ाई 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर है। इसकी औसत ऊंचाई 1000 मीटर है । यहां पर नदियाँ बालू मिट्टी से मैदानों का निर्माण करती है, जिन्हें पूर्व में “द्वार” (हरिद्वार) तथा पश्चिम में “दून” देहरादून कहते हैं।