हिंदी के दोहे
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो छिटकाय. टूटे से फिर ना जुड़े जुड़े गांठ पड़ जाए बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल रहिमन हीरा कब कहे लाख हमारा मोल तरुवर फल नहिं खात है सरवर पिए न पान कह रहीम पर काज हित संपत्ति संचहिं सुजान जे गरीब पर हित करें ते … Read more