भारतीय संविधान की विशेषताएं

भारतीय संविधान की विशेषताएं 

भारतीय संविधान की विशेषताएं 

 

भारतीय संविधान की विशेषताएं-
1 संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न संविधान- भारतीय संविधान भारतीय जनता द्वारा निर्मित है इस संविधान में आखिरी सकते जनता को ही दी गई है जनता को अपनी इच्छा अनुसार इसे तैयार किए गए तो अपनाए गए हैं

2 प्रस्तावना- भारतीय संविधान में मौलिक उद्देश्यों को इसकी प्रस्तावना में रखा गया है इसे संविधान की आत्मा में राजनीतिक कुंडली भी कहा जाता है प्रस्तावना में अंतिम शक्ति जनता को दी गई तथा भारत को धर्मनिरपेक्ष बताया गया है

3 विश्व का सबसे बड़ा संविधान- जहां अमेरिका के संविधान में 7 अनुच्छेद है कनाडा के संविधान में 147 अनुच्छेद है वही भारतीय संविधान में सबसे ज्यादा 395 अनुछेद 22 / 12 अनुसूचियां हैं भारतीय संविधान में अब तक 101 संविधान संशोधन हो चुके हैं तथा संविधान संशोधन प्रक्रिया जारी है क्योंकि भारत एक बड़ा देश है भारतीय संविधान संघात्मक संविधान का 101वां संविधान संशोधन वस्तू व सेवा कर जीएसटी से संबंधित है जिसे राष्ट्रपति ने सितंबर 2016 में हस्ताक्षर किया

4 लिखित एवं निर्मित संविधान- भारतीय संविधान संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया है संविधान सभा ने भारतीय संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में तैयार किया था

5 संसदीय शासन व्यवस्था- इस व्यवस्था में कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदाई होती है भारत में संसदीय व्यवस्था को केंद्र के साथ साथ राज्य में भी अपनाया गया है



6 मौलिक अधिकार और कर्तव्य- भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 में किया गया है संविधान निर्माताओं ने सात मौलिक अधिकार नागरिकों को दिए थे

1 समानता का अधिकार
2 स्वतंत्रता का अधिकार
3 शोषण के विरुद्ध अधिकार
4 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
5 संस्कृति व शिक्षा का अधिकार-
6 संवैधानिक उपचारों का अधिकार
7 संपत्ति का अधिकार
वर्तमान में छह मौलिक अधिकार है 44 वें संविधान संशोधन के द्वारा संपत्ति के अधिकार को हटा दिया गया इन अधिकारों का हनन होने पर नागरिक न्यायालय में अपील कर सकता है 42 संविधान संशोधन के द्वारा नागरिकों को 10 मूल कर्तव्य दिए गए इनमें संविधान का पालन करना भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करना भाईचारे की भावना रखना तथा पर्यावरण की रक्षा करना प्रमुख शिक्षा के अधिकार को 86 वें संविधान संशोधन द्वारा 11वीं कर्तव्य के रूप में अपनाया गया वर्तमान में 11 मूल कर्तव्य है

7 राज्य के नीति निर्देशक तत्व- भारतीय संविधान में आयरलैंड के संविधान से नीति निर्देशक तत्व ले गए हैं भारतीय संविधान के भाग 4 में इन का उल्लेख किया गया है
8 वयस्क मताधिकार- भारतीय संविधान द्वारा 18 वर्ष की आयु वाले प्रत्येक नागरिक को समान रुप से मतदान करने का अधिकार दिया गया है पहले यह आयोग किस वर्ष 61वां संविधान संशोधन द्वारा आयु सीमा 21 वर्ष से हटाकर 18 वर्ष की गई
9 समाजवादी राज्य- 42वां संविधान संशोधन द्वारा 1976 में भारत का समाजवादी राज्य घोषित किया गया

10 पंथनिरपेक्ष राज्य- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है भारत में किसी भी धर्म को विशेष अधिकार नहीं दिया गया है सभी को समान अधिकार दिए गए हैं भारतीय संविधान में 42वें संशोधन द्वारा पंथनिरपेक्ष शब्द को संविधान में जोड़ा गया इसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपना धर्म चुनने तथा पालन करने का अधिकार है



11 विलक्षण दस्तावेज- भारतीय संविधान में जनता द्वारा माननीय आधारभूत मूल्य को शामिल किया गया है
12 एकात्मक और संघात्मक तत्वों का सहयोग- भारत में संघात्मक व्यवस्था पाई जाती है भारतीय संविधान का उद्देश्य था कि केंद्र सरकार भारत की एकता को कायम रखेंगे तथा राज्य उस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई संविधान के प्रावधान केंद्र को शादी की अपेक्षा शक्तिशाली बनाते हैं
13 स्वतंत्र न्यायपालिका- जनता के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका का निर्माण किया गया है राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है कार्यपालिका के आदेश बताओ व्यवस्थापिका के कानून संविधान का उल्लंघन करते हैं तो न्यायपालिका उन्हें असंवैधानिक घोषित कर सकती है
14 कठोरता व लचीलेपन का मिश्रण- किसी भी संविधान में देश की परिस्थितियों के कारण संविधान संशोधन की आवश्यकता होती है भारतीय संविधान मैं संविधान संशोधन के लिए अनुच्छेद 368 शामिल किया गया है संविधान संशोधन के कुछ निर्णय कठोर तथा कुछ लचीलेपन द्वारा किए जाते हैं भारतीय संविधान में कठोरता अमेरिका का लचीलापन ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है
15 न्यायिक पुनरावलोकन में संसदीय संप्रभुता का समन्वय- भारत में न्यायिक पुनरावलोकन संसदीय संप्रभुता के सिद्धांत को अपनाया गया है हमारे संविधान में संसद को सर्वोच्च माना जाता है न्यायिक पुनरावलोकन द्वारा सर्वोच्च न्यायलय कार्यपालिका के आदेशों को अवैध घोषित कर सकता है जो संविधान के भावनाओं को ठेस पहुंच जाते हैं
16 विश्व शांति का समर्थक- भारतीय संविधान ने विश्व शांति का समर्थन किया है भारत ने तो किस राष्ट्र की सीमा तथा आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना चाहता है वह किसी देश में हस्तक्षेप बर्दाश्त कर सकता है



17 आपातकालीन उपलब्ध- भारतीय संविधान के भाग 18 में आपातकाल शक्तियों का उल्लेख किया गया है अनुच्छेद 352 में बाहरी आक्रमण का युद्ध की स्थिति में अनुच्छेद 356 में राज्यों की सरकार का गिरना अनुच्छेद 360 मैं वित्तीय आपातकाल घोषित हो सकता है यह आपातकाल राष्ट्रपति द्वारा घोषित किया जाता है
18 एकल नागरिकता- भारतीय संविधान द्वारा संघात्मक शासन की व्यवस्था की गई है संविधान निर्माता द्वारा संघात्मक राज्य हेतु एकल नागरिकता को अपनाया गया है
19 लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का आदर्श- संविधान के नीति निर्देशक तत्वो से यह पता चलता है कि संविधान का उद्देश्य लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है इसलिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा लोगों को भोजन आवास वस्त्र शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाएं देनी चाहिए तथा आर्थिक समानता स्थापित करने हेतु कार्य किए जाने चाहिए इसके लिए नियोजन प्रणाली आवश्यक है
20 अल्पसंख्याक एवं पिछड़ा वर्ग के कल्याण की व्यवस्था- भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक वर्ग के लिए धार्मिक भाषाई तथा सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा की रही है संविधान के अनुच्छेद 330 और 332 में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों को लोकसभा में विधानसभा में आरक्षण दिया गया है अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 27 प्रतिशत आरक्षण लागू है तथा अनुसूचित जाति तथा जनजाति हेतु इसकी कोई सीमा नहीं है



भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना- भारतीय संविधान के प्रस्तावना मैं उल्लेखित हे कि हम भारत के लोग भारत को लोकतांत्रिक राज्य बनाने सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय तथा समानता और स्वतंत्रता स्थापित करने तथा व्यक्ति की गरिमा का राष्ट्र की एकता के लिए अपने संविधान सभा में आज 26 नवंबर 1949 को संविधान को लिखते हैं तथा इसे समर्पित होते हैं 42 वे संविधान संसोधन द्वारा भारतीय संविधान के प्रस्तावना में संशोधन किए गए
1 प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक राज्य के स्थान पर संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राज्य किया गया है
2 राष्ट्रीय एकता के स्थान पर राष्ट्रीय एकता और अखंडता को शामिल किया गया है

भारतीय संविधान की विवेचना-
1 घोषणात्मक भाग- संविधान निर्माताओं के अनुसार संविधान जनता में निहित है सरकार के पास जो भी शक्तिया है वह जनता द्वारा दी गई है क्योंकि जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही देश की सत्ता संभाल रहे हैं



2 उद्देश्य भाग-
1 संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न- इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत पूर्ण रुप से संपन्न है तब तक किसी अन्य विदेशी शक्ति का अधीन नहीं है
2 समाजवाद- इस शब्द को 52वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया है यह संविधान संशोधन की प्रस्तावना में जोड़ा गया ह
3 पंथ निरपेक्ष- 42वां संविधान संशोधन द्वारा 1976 में संविधान में जोड़ा गया
4 लोकतंत्रात्मक- भारत में शासन जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि करते हैं जो जनता के प्रति उत्तरदाई होते हैं
5 गणराज्य- भारत में शासन व्यक्ति विशेष या वंशानुगत नहीं किया जाता अपितु निर्वाचित प्रतिनिधि द्वारा किया जाता है

3 वितरणात्मक भाग-
1 सामाजिक न्याय- बिना किसी भेदभाव के सभी को समानता भी जाना
2 आर्थिक न्याय- अपना विकास करने हेतु सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना
3 राजनीतिक न्याय- मतदान का अधिकार निर्वाचन का अधिकार सरकारी पद हासिल करने का अधिकार
4 स्वतंत्रता- सभी नागरिकों को विश्वास धर्म भाषण की स्वतंत्रता होनी चाहिए
5 समानता- सभी लोगों को अवसर की समानता प्रधान होना चाहिए
6 बंधुत्व- भाईचारे की भावना बढ़ाने पर बल देता है



उपरोक्त आधार के आधार पर स्पष्ट होता है कि भारतीय संविधान में मूलभूत आदर्शों को दर्शाया गया है

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