दिल्ली सल्तनत एक परिचय

दिल्ली सल्तनत एक परिचय

सम्राट हर्ष की मृत्यु के बाद

भारत की राजनीतिक एकता समाप्त हो गई
विभिन्न स्वतंत्र राज्य बन गए
राज्य में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए संघर्ष प्रारंभ हुए
भारत राजनीतिक व शनि की दृष्टि से कमजोर हो गया
बाहरी आक्रमण होने कमजोर भारत पर हमले प्रारंभ किए

महमूद ग़ज़नवी

एक तुर्की आक्रमणकारी
17 बार भारत पर आक्रमण किए
मंदिरों को तोड़ा धन-संपत्ति लूट ले गया
1025 ईस्वी में गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण महमूद गजनवी ने आक्रमण किया

मुहम्मद गौरी

भारत में मुस्लिम साम्राज्य का बीजारोपण
पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध
तराइन का प्रथम युद्ध में मुहम्मद गौरी पराजित
तराइन के द्वितीय युद्ध में मोहम्मद गौरी की जीत हुई
गौरी का अंतिम अभियान 1206 ईस्वी में खोखरो के विरुद्ध
झेलम नदी के किनारे खोखरो ने गौरी की हत्या कर दी
मोहम्मद गौरी का कोई उत्तराधिकारी नहीं होने से सेनापतियों में संघर्ष प्रारंभ हुआ
संघर्ष मे सूबेदार कुतुबदीन ऐबक जीता और प्रथम मुस्लिम शासन की स्थापना हुई


दिल्ली सल्तनत

दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ईस्वी में हुई तथा 1576 तक रही
इतिहास में 1206 ईस्वी से 1526 ईस्वी तक का समय सल्तनत राज के नाम से जाना जाता है
सल्तनत राज के प्रमुख राजवंश इस प्रकार रहे:- दास वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश तथा लोदी वंश।

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