Udaaravaad उदारवाद

Udaaravaad उदारवाद

Udaaravaad उदारवाद

उदारवादी विचारधारा है जिसके द्वारा व्यक्ति को विवेकशील प्राणी मानता हुए मनुष्यों की सूझबूझ से और सामूहिक प्रयास से सामाजिक संस्थाओं का निर्माण किया जाए जॉन लॉक को उदारवाद का जनक कहा जाता है उदाहरण राजनीतिक सिद्धांत की महत्वपूर्ण विचारधारा है तथा सबसे प्राचीन विचारधाराएं हे उदारवाद का जन्म 16वीं शताब्दी मैं इंग्लैंड में हुआ उदारवाद का जन्म बाजार अर्थव्यवस्था का विकास करने के लिए हुआ

Udaaravaad उदारवाद की उत्पत्ति–

उदारवाद की उत्पत्ति लेटिन भाषा के लीवर लीवर शब्द से हुई है जिसका अर्थ स्वतंत्रता है यह कैसी विचारधारा है जिसका स्वरुप में कार्यक्षेत्र हमेशा बदलता रहता है यह कभी प्रत्यक्ष रुप से पूंजीपतियों का समर्थन करता है तो कभी अप्रत्यक्ष रूप से पूंजीपतियों का समर्थन करता है मार्क्सवाद के डर से पूंजीपतियों को बचाने के लिए गरीबों के हितों की बात करने लगा उदारवाद लोक कल्याण की अवधारणा का प्रबल समर्थक था उदारवाद एक ऐसी विचारधारा है विचारधारा से अधिक है यह सोचने का एक तरीका है संसार को देखने की एक नई दृष्टि है



उदारवाद

उदारवाद का उदय विकास= लोक बेंथम वह एडम स्मिथ ने उदारवाद का नकारात्मक रूप प्रस्तुत किया उन्नीसवीं शताब्दी में जॉन स्टुअर्ट मिलने इसका सकारात्मक रूप प्रस्तुत किया तब राज्य को एक आवश्यक बुराई के स्थान पर आवश्यक अच्छाई सम्मेलन जाने लगा उदासी विचारधारा है जो व्यक्ति की स्वतंत्रता व्याधि अधिकारों पर बल देती है यह राज्य को साधन तथा व्यक्ति को साध्य मानती हैं यह अंधविश्वासों तथा रूढ़िवादी परंपराओं का विरोध करता है
उदारवाद की प्रकृति उदाहरण व्यक्ति से जुड़ी हुई विचारधारा है उदारवाद स्वतंत्रता से जुड़ी हुई पर विचारधारा है व्यक्ति के अधिकारों से जुड़ी हुई विचारधारा है उदारवाद सीमित कार्य करने वाले राज्य की स्थापना करने की धारणा रखता है जॉन लॉक की धारणा थी कि राजनीतिक कार्य सीमित होते हैं इसलिए राजनीतिक शक्ति भी सीमित होनी चाहिए



Udaaravaad उदारवाद के रुप

परंपरागत उदारवाद तथा आधुनिक उदारवाद
1 परंपरागत उदारवाद यह धर्म को व्यक्ति का निजी मामला मानता है यह व्यक्ति की स्वतंत्रता पर बल देता है यह सीमित राज्य का समर्थक है यह समाज में एकता पर बल देता है कालांतर उदारवाद एक क्रांतिकारी विचारधारा नहीं होकर पूंजीपतियों का समर्थक बन जाता है इसलिए मानव जीवन में असमानता का विकास हो जाता है इसी पूंजी वादी व्यवस्था के विरोध में मार्क्सवाद की शुरुआत हुई मार्क्सवाद मानव जीवन में समानता स्थापित करने पर बल देता है
2 आधुनिक उदारवाद लोक कल्याणकारी राज्य का समर्थक करता है यह निजी संपत्ति पर अंकुश लगाने तथा पूंजी पतियों पर कर लगाने की धारणा रखता है
परंपरागत उदारवाद की विशेषता यह व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करता है मानव को अंधविश्वास तथा रुढ़िवादी परंपराओं से दूर रखता है मानव व्यक्तित्व के मूल तथा व्यक्तियों की समानता में विश्वास रखता है व्यक्ति की स्वतंत्रता इच्छा में विश्वास रखता है मानव की मानवता के लिए स्वतंत्रता अधिकारों तथा संपत्ति में विश्वास पर बल देता है
परंपरागत उदारवाद की आलोचना सामाजिक क्षेत्र में नकरात्मक उदारवाद नैतिकता के विरुद्ध कार्य करता है सीमित राज्य तथा जनकल्याण विरोधी ढालना पर बल देता है उदारवाद आर्थिक क्षेत्र में सामान्य व्यक्ति के हितों की अनदेखी करता है सांस्कृतिक क्षेत्र में नकारात्मक उदाहरण समाज के हितों में विपरीत कार्य करता है



आधुनिक उदारवाद की विशेषता यह कल्याणकारी राज्य की स्थापना पर बल देता है यह व्यक्ति को प्रत्येक क्षेत्र में स्वतंत्रता देकर संपूर्ण विकास पर बल देता है सभी व्यक्तियों को सामान अवसर अधिकार देने पर बल देता है व्यक्तियों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी करने पर बल देता है जनता का विकास तथा तकनीकी प्रगति पर बल देता है सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार निष्पक्ष चुनाव तथा राजनीतिक सहभागिता पर बल देता है समाज में पाई जाने वाली सांप्रदायिकता वर्ग संघर्ष को कम करने पर बल देता है लोकतांत्रिक समाज स्थापित करने पर बल देता है सकारात्मक उदारवाद सुधारवादी तथा शांतिपूर्ण सामाजिक परिवर्तन में विश्वास रखता है यह अल्पसंख्यको तथा वृद्धों वे दलितों के हितों को पूरा करने पर बल देता है आधुनिक उदारवाद बाजार अर्थव्यवस्था के स्थान पर मिश्रित अर्थव्यवस्था पर बल देता है यह सामाजिक हित पर बल देता है लोकतंत्र की समस्याओं को नहीं तरीके साल करने पर बल देता है



आधुनिक उदारवाद की आलोचना यह स्वरूप पूंजीपति वर्ग का ही स्वरुप है यह स्वरूप गरीबों की क्रांतिकारी आवाज को दबाने का सहारा है यह राज्य को शक्तिशाली बनाता है ताकि गरीबों को राजनीतिक वैधता के नाम पर दबा सकें यह स्वतंत्रता के लिए आवश्यक सामाजिक परिस्थिति बनाने का कार्य राज्य खातों में छोड़ता है तथा यह पूंजीपति को समाप्त नहीं करता है



उदारवाद वह जॉन लॉक का दर्शन राज्य की उत्पत्ति व्यक्ति के अधिकारों को पूरा करने के लिए समाज द्वारा हुई है कानूनों का आधार नियम होना चाहिए नाक की आदेश वह सरकार अच्छी है जो कम से कम शासन करें राज्य एक आवश्यक बुराई है मानव को राजनीतिक आर्थिक सामाजिक धार्मिक सभा क्षेत्र में स्वतंत्रता होनी चाहिए स्वतंत्रता से तात्पर्य सभी सदस्यों से मुक्ति माना गया है जो स्वतंत्रता का अभाव बंधनों का अभाव हो सामाजिक आधार पर उदारवाद समाज को प्रथम संस्था मानता है जिसका उद्देश्य व्यक्तित्व को पूरा करना था आर्थिक क्षेत्र में उदारवाद मुक्त व्यापार तथा समझौते पर आधारित अर्थव्यवस्था का समर्थन करता है सकारात्मक उदारवाद इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह पूंजीपति अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करता है

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