श्री नाकोडा भैरव मंत्र

श्री नाकोडा भैरव मंत्र

ऊँ हीँ क्लाम् क्लीम् क्लुम् खाम खीम
खुम स्वाहा कुरुं कुरुं आपदा उद्वारणाय ,
स्वर्ण आकर्षणाय, श्री नाकोडा भैरवाय
मम् दरिद्रम् निर्मूल करणाय,
लोकेष्वराय, साँणदाय
ऊँ महा भैरवाय नमो नमः

श्री नाकोडा भैरव मंत्र

ऊँ नमो श्री नाकोडा काल भैरवाय नमः , सर्वजन मोहिनार,
सर्व कार्यकरणार, सर्वविकट संकट हरणार, सर्वचिंता चूरणार,
सर्वमनोदय पूरण करणार, सर्व आधि व्याधि उपाधि उपसर्ग
ग्रह दोष नाषनम् करणार, मम् गृहे  मम् कुटुम्बे,  ऋद्धि सिद्धि
लक्ष्मी शुभसौभाग्य, आणंद मंगल कुरुं कुरुं हरीम स्वाहा
ऊँ हीँ  श्रीँ महा भैरवाय नमो नमः
ऊँ हीँ  श्रीँ काल भैरवाय नमो नमः

जैसा चाहो मुझको समझना



जैसा चाहो मुझको समझना
बस इतना ही दादा तुमसे है कहना
मांगने की आदत जाती नहीं
मांगने की आदत जाती नहीं
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं
जैसा चाहो मुझको समझना
बस इतना ही तुमसे है कहना
बड़े बड़े पैसे वाले भी तेरे दर पर आते हैं
मुझको है मालूम वह भी तुमसे मांग के खाते हैं
तुमसे मांगने मैं इज्जत जाती नहीं
तुमसे मांगने मैं इज्जत जाती नहीं
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं
तुमसे दादा शर्म करुं तो,और कहां मैं जाऊंगा
अपने इस परिवार का खर्चा और कहां से लाऊंगा
ये दुनिया तो बिगड़ी बनाती नहीं दादा
तेरे आगे लाज मुझे आती नहीं



मुझे ऐसा वर दे दे, गुणगान करूं तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे, गुणगान करूं तेरा
इस बालक के सिर पे, गुरु हाथ रहे तेरा
इस बालक के सिर पे, गुरु हाथ रहे तेरा
सेवा नित तेरी करूं तेरे द्वार पे आऊं मैं
चरणों की धूलि को निज शीश लगाऊं मैं
चरणामृत पाकर के, नित्य कर्म करूं मेरा
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा
भक्ति और शक्ति दो, अज्ञान को दूर करो
अरदास करूं गुरुवर , अभिमान को चूर करो
नहीं द्वेष रहे मन में, रहे वास गुरु तेरा
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा
विश्वास हो यह मन में तुम साथ ही हो मेरे
तेरे ध्यान में खो जाऊं मैं , सपनों में रहो मेरे
चरणों में लिपट जाऊं , तुम ख्याल करो मेरा
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा
मेरा यश कीर्ति को, गुरु मुझसे दूर रखो
इस मन मंदिर में तुम , भक्ति भरपूर करो
तेरी जोत जगे मन में , नित ध्यान धरु तेरा
इस बालक के सिर पर गुरु हाथ रहे तेरा



दादा तेरे चरणों की , कोई धूली जो मिल जाए

दादा तेरे चरणों की , कोई धूली जो मिल जाए
सच कहता हूं दिल से , सच कहता हूं दिल से
मेरी तकदीर संवर जाए।
सुनते हैं दया तेरी दिन-रात बरसती है
इक बूंद जो मिल जाए , इक बूंद जो मिल जाए
मेरी तक़दीर संवर जाए ।
ये मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा ध्यान धरूं
जितना इसे समझाऊं, जितना इसे समझाऊं
उतना ही मचलता है।
नजरों से गिराना नहीं , चाहे जो भी सजा देना
नजरों से जो गिर जाऊं, नजरों में जो गिर जाऊं मुश्किल है संभल पाना ।
मेरे इस जीवन की, बस एक तमन्ना है
तुम सामने हो मेरे , और प्राण निकल जाए
दादा तेरे चरणों की, कोई धूलि जो मिल जाए।



स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है तेरा दरबार

स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है तेरा दरबार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है तेरा दरबार
जहाँ तेरा प्यार मिला है, मुझे हर बार मिला है।
रोशन है मेरी दुनिया तेरे ही प्यार से
सब कुछ मिला है मुझको तेरे दरबार से
तेरी शरण में आके मिला है एक नया परिवार
जहां तेरा प्यार मिला है मुझे हर बार मिला है
जब अपना हाथ मेरे सर पे वो फेर दे
मेरी सारी विपदाओं को तुम ही तो मेटते
हम पर अपना प्यार लुटा कर
हम पर अपना प्यार लुटा कर , बना दिया हकदार
जहां तेरा प्यार मिला है मुझे हर बार मिला है
तुम हो हमारे दादा, हम है तुम्हारे
मुझको तो लगते प्यारे तेरे हर नज़ारे
मुझको तेरा साथ मिला है, जग की क्या दरकार
जहां तेरा प्यार मिला है, मुझे हर बार मिला है

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