Sahkarita सहकारिता
Sahkarita सहकारिता
सहकारिता आंदोलन का मूल सिद्धांत- एक सबके लिए सब एक के लिए
भारत में सहकारिता आंदोलन का प्रारंभ माना जाता है -1904 से
राजस्थान में सहकारिता आंदोलन का प्रारंभ 1904 में – अजमेर भरतपुर जिले से हुआ
राजस्थान की किस देशी रियासत ने सर्वप्रथम सरकारी कानून बनाया- भरतपुर 1915
राजस्थान में वर्तमान राजस्थान सहकारी अधिनियम कब लागू हुआ – 14 नवंबर 2002
राजस्थान में सहकारी संस्थाओ के चुनाव करने हेतु नोडल अभिकरण – राज्य निर्वाचन आयोग
राजस्थान राज्य सहकारी अधिनियम 2001 के तहत :-
सहकारी संस्थाओं के चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा करवाए जाएंगे
सहकारी न्यायाधिकरण तीन सदस्यों का होगा
सांसद विधायक एवं पंचायती राज के जनप्रतिनिधि सहकारी संस्थाओं में निर्वाचित हो सकेंगे लेकिन केंद्र व राज्य के मंत्री नहीं
राज्य सरकार सहकारी बैंक लिमिटेड (अपेक्स बैंक) स्थापना की गई 14 अक्टूबर 1953 (जयपुर में)
राज्य में जिला स्तर पर कार्यरत केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा दिए जाने वाले ऋण की अवधि – 3 से 5 वर्ष
राजस्थान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ का संक्षिप्त नाम – राजफैड
राजस्थान में उपभोक्ता सहकारिता की शुरुआत हुई – अजमेर से
महिला सहकारिता से संबंधित योजना
अपना बचतघर योजना (महिला मिनी बैंक)
महिला नागरिक सहकारी बैंक
महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां
राजस्थान राज्य सहकारी मुद्रणालय की स्थापना की गई – 1960 में
राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान का शार्टनेम – आरआईसीएम (जयपुर)
राजस्थान में सहकारी किसान कार्ड योजना का प्रारंभ हुआ – 1999
आरआईसीएम के संस्थापक अध्यक्ष – श्री मीठ्ठालाल मेहता
संजीवनी योजना का संबंध है – सहकारी समिति के पुनरूद्वार से
Sahkarita सहकारिता
क्रेफीकार्ड योजना 1982 को किस समिति की सिफारिश पर प्रारंभ किया गया – शिवरमन समिति
सहकारी दशाब्दी वर्ष मनाया गया 2004 में
राजस्थान में सहकारी दुग्ध डेयरी का प्रयास प्रारंभ हुआ जयपुर (1957)
राजस्थान में डेयरी विकास हेतु शीर्ष संस्था – राजस्थान सहकारी डेयरी संघ (आरसीडीएफ) इसकी स्थापना – 1977 में
राजस्थान में जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ कितने है – 21
जनश्री बीमा योजना का संबंध है – दुग्ध उत्पादको से
पहली महिला सरकारी दुग्ध उत्पादक समिति खोली गई – बीकानेर जिले में
सरस डेयरी के टेटापेक दुग्ध का बिना फ्रिज का जीवनकाल -120 दिन
राजस्थान में पहली बार सहकारी समिति विधेयक कब पारित हुआ – 1953 में यह राजस्थान का पहला सहकारिता कानून है।
ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा एक ही स्थान पर सभी प्रकार के ऋण उपलब्ध करवाने वाली योजना – क्रेफीकार्ड योजना
97 वां संविधान संशोधन संबंधित है – सहकारिता से (2011 में लागू)
राजस्थान में प्रथम सहकारी बैंक – डीग (भरतपुर में)
राजस्थान में प्रथम सहकारी समिति की स्थापना भिनाय (अजमेर) 1905 में
सहकारी शिक्षा व प्रबंध के लिए संस्था – जयपुर में
राजस्थान जनजाति सहकारी संघ (राजस संघ) है – उदयपुर में
सहकारी साख समिति का ढांचा होता है – त्रिस्तरीय
राजस्थान की सबसे पुरानी डेयरी पदमा कहां स्थित है – अजमेर में
सहकारी शीत भंडार वाले जिले कौन से हैं – जयपुर व अलवर
सरकारी ध्वज में रंगों की संख्या है – 7 (सतरंगी)
Sahkarita सहकारिता
राजस्थान किस आंदोलन में अग्रणी है – सहकारिता
राजस्थान में प्रत्येक जिलों के सहकारी बैंक का नाम है – केंद्रीय सहकारी बैंक
राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड जयपुर का गठन – 14 अक्टूबर 1953
ईसबगोल, जीरा तथा टमाटर के लिए प्रसिद्ध जिला -जालौर
राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र स्थित है – सेवर में
केंद्रीय ऊंट प्रजनन केंद्र स्थित है -जोरबीर बीकानेर में
राजस्थान में सर्वाधिक मात्रा में शुष्क कृषि अत्यंतता तीव्रता वाले जिले – बाड़मेर व जैसलमेर
राजस्थान में टसर विकास कार्यक्रम रेशम उत्पादन वाले शहर – उदयपुर, बांसवाड़ा, कोटा
विश्व में सहकारिता का प्रारंभ कहां से हुआ था – इंग्लैंड मैं रॉबर्ट ओवन के द्वारा
सहकारिता किस सूची का विषय है – राज्य सूची
भारत भारत में सहकारिता आंदोलन किस समिति की सिफारिशों पर प्रारंभ हुआ – भारतीय दुर्भिक्ष आयोग की
राजस्थान में नया सहकारी अधिनियम कब से लागू हुआ – 14 नवंबर 2002
सहकारी समितियां – सर्वाधिक संस्था
सहकारी समितियों की सदस्यता – खुली सदस्यता
कोई भी व्यक्ति सदस्य बन सकता है और सदस्यता छोड़ सकते हैं
न्यूनतम सदस्य संख्या पहले 10 थी अब 15 (डब्ल्यू सी आर टी) बुक के आधार पर
गठन-किसी विषय विशिष्ट उद्देश्य के लिए
सहकारी समितियों का संचालन – इसके सदस्यों द्वारा होता है
97 वा संविधान संशोधन 2011 में पारित हुआ
राजस्थान राज्य सहकारी समिति अधिनियम 2012 मैं लागू हुआ
सहकारिता का मूल मंत्र – सामाजिक उत्थान
भारत में सहकारिता आंदोलन की जड़े कृषि साख सहकारीता एवं संबंधित क्षेत्रों में है।
सहकारी समितियां किस पद्धति पर आधारित होती है – लोकतांत्रिक पद्धति पर
सभी सदस्यों को सम्मा।न मत देने का अधिकार
सभी सहकारी समितियों का रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) अनिवार्य होता है
सहकारी समितियों का रजिस्ट्रेशन होता है
इनके कार्य का अंकेक्षण (निष्पक्ष जांच) किया जाता है – निष्पक्ष व्यक्ति द्वारा
सहकारी समितियों के संबंध में पहली बार कानून कब बना – 1904 में
वर्तमान में सहकारी समिति अधिनियम 2012 लागू किया गया है।
सहकारी समितियों के प्रकार
साख सहकारी समितियां
उपभोक्ता सहकारी समितियां
आवासन सहकारी समितियां
मुद्रण सहकारी समितियां
उत्पादन एवं वितरण सहकारी समितियां