अर्थशास्त्र कक्षा 11 अध्याय 3 उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा

प्रश्न 1 भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र में नियंत्रक की भूमिका से अपने को सुविधा प्रदाता की भूमिका अदा करने में क्यों परिवर्तित किया
उत्तर भारतीय रिजर्व बैंक ने उदारीकरण को बढ़ावा देने के लिए एवं वित्तीय क्षेत्र में सुधार हेतु वित्तीय क्षेत्र में नियंत्रक की भूमिका से अपने को सुविधा प्रदाता की भूमिका अदा करने में परिवर्तित किया इसका अर्थ था कि वित्तीय क्षेत्र रिजर्व बैंक से सलाह लिए बिना ही कई मामलों में अपने निर्णय लेने में स्वतंत्र हो गया

प्रश्न 2 रिजर्व बैंक व्यवसायिक बैंकों पर किस प्रकार नियंत्रण रखता है
उत्तर रिजर्व बैंक अपने अनेक नियमों एवं कानूनों के माध्यम से व्यवसायिक बैंकों की समस्त गतिविधियों को निर्धारित एवं नियंत्रित करता है रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना व्यवसायिक बैंकों के लिए अनिवार्य होता है रिजर्व बैंक द्वारा व्यवसायिक बैंकों को ब्याज की दर निर्धारित की जाती है व्यवसायिक बैंक किस मात्रा तक ऋण ले सकता है यह रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है व्यवसायिक बैंक जमा राशि का कितना भाग अपने पास रख सकता है इसका निर्धारण भी रिजर्व बैंक द्वारा ही किया जाता है
प्रश्न 3 रुपयों के अवमूल्यन से आप क्या समझते हैं
उत्तर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रचलित अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपए के मूल्य को घटाना रुपयों का अवमूल्यन कहलाता है
लाभ कमा रहे सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर देना चाहिए क्या आप इस विचार से सहमत हैं क्यों
सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का मुख्य द्वितीय अनुशासन बढ़ाना और आधुनिकीकरण में सहायता देना होता है लाभ में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों का भी निजीकरण कर देना चाहिए जिससे कि निजी निवेश में भी वृद्धि होती है और उपकरण की पूंजी और प्रबंधन क्षमताओं का उपयोग कर इससे और बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं
प्रश्न 4 भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ विशेष अनुकूल परिस्थितियां हैं जिनके karan यह विश्व का बाह्य प्रापण केंद्र बन रहा है अनुकूल परिस्थितियां क्या है
उत्तर भारत विश्व का बाह्य प्रापण का केंद्र बन रहा है इसका मुख्य क*** यह है कि यह इस तरह के कार्य बहुत कम लागत में और उचित रुप से निष्पादित हो जाते हैं भारत की निम्न मजदूरी दरें तथा कुशल श्रम शक्ति की उपलब्धता ही यहां की अनुकूल परिस्थितियां कहलाती हैं
प्रश्न 5 सुधार प्रक्रिया से कृषि शेत्र दुष्प्रभावित हुआ लगता है क्यों
उत्तर सुधार कार्यों से कृषि को कोई लाभ नहीं हो पाया और कृषि की संवृद्धि दर कम होती गई सुधार अवधि में कृषि क्षेत्र में होने वाले सार्वजनिक व्यय में काफी कमी आई है साथ ही उर्वरक साही की की समाप्ति कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती के क*** किसानों को विदेशी स्प्रधा का भी सामना करना पड़ा दूसरी तरफ उत्पादन व्यवस्था निर्यातोन्मुखी होने से नकदी फसलों पर बल दिया जा रहा है इससे देश में खाद्यान्नों की कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है इस प्रकार हम देखते हैं कि सुधार प्रक्रिया से कृषि क्षेत्र बहुत दुष्प्रभावित हुआ है
प्रश्न 6 सुधार काल में उद्योगिक क्षेत्र के निराशाजनक निष्पादन के क्या क*** रहे हैं
उत्तर सुधार काल में उद्योगिक संवृद्धि की दर में भी कुछ शिथिलता आई है इसका मुख्य क*** उद्योगिक उत्पादकों की मांग में गिरावट होना है सस्ते आयात और आधारित संरचना में पर्याप्त निवेश इसके क*** रहे हैं विकासशील देश विकसित देशों की वस्तुओं और पूंजी प्रवाह को प्राप्त करने के लिए खोल देने को बाध्य हुए और साथ ही उन्होंने अपने उद्योगों का आयातित वस्तुओं से प्रतिस्पर्धा का खतरा मोल ले लिया विदेशियों के माल में बेरोकटोक आवागमन को सहज मनाकर गरीब देशों के स्थानीय उद्योगों और रोजगार की संभावनाओं को पूरी तरह से बर्बाद करने वाली परिस्थितियों की रचना हो रही है
प्रश्न 7 न्याय और जनकल्याण के परिप्रेक्ष्य में भारत के आर्थिक सुधारों पर चर्चा करें
उत्तर भारत में हुए आर्थिक सुधारों को सामाजिक न्याय और जन कल्याण के परिप्रेक्ष्य में देखें तो पता चलता है कि आर्थिक सुधारों के समय सरकार के व्यय उसके राजस्व से बहुत अधिक हो गए इस क*** अनेक आवश्यक वस्तुओं की किमते तेजी से बढ़ने लगी आयात में वृद्धि इतनी तेज रही कि निर्यात की संवृद्धि से तालमेल नहीं हो पाया और सरकार को विश्व बैंक से भारी मात्रा में ऋण लेना पड़ा और अंतरराष्ट्रीय दबाव में अपनी आर्थिक नीति में भी भारी बदलाव करने पड़े परिणाम स्वरुप आर्थिक सुधार कार्यक्रमों के क*** सामाजिक न्याय और जनकल्याण के क्षेत्र में सरकार द्वारा खर्च किए जाने वाले बजट में कमी आई

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