उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा
उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा1. भारत में आर्थिक सुधार क्यों आरंभ किए गए?
2. विश्व व्यापार संगठन का सदस्य होना क्यों आवश्यक है?
3. भारतीय रिशर्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्रा में नियंत्राक की भूमिका से अपने को सुविधप्रदाता
की भूमिका अदा करने में क्यों परिवर्तित किया?
4. रिशर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों पर किस प्रकार नियंत्राण रखता है?
5. रुपयों वेफ अवमूल्यन से आप क्या समझते हैं?
6. इनमें भेद करेंः
;कद्ध युक्तियुक्त और अल्पांश विक्रय
;खद्ध द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार
;गद्ध प्रशुल्क एवं अप्रशुल्क अवरोधक
7. प्रशुल्क क्यों लगाए जाते हैं?
8. परिमाणात्मक प्रतिबंधों का क्या अर्थ होता है?
9. ‘लाभ कमा रहे सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर देना चाहिए’? क्या आप इस
विचार से सहमत हैं? क्यों?
10. क्या आपवेफ विचार में बाह्य प्रापण भारत वेफ लिए अच्छा है? विकसित देशों में इसका
विरोध क्यों हो रहा है?
11. भारतीय अर्थव्यवस्था में वुफछ विशेष अनुवूफल परिस्थितियाँ हैं जिनवेफ कारण यह विश्व
का बाह्य प्रापण वेंफद्र बन रहा है। अनुवूफल परिस्थितियाँ क्या हैं?
12. क्या भारत सरकार की नवरत्न नीति सार्वजनिक उपक्रमों वेफ निष्पादन को सुधारने में
सहायक रही है? कैसे?
13. सेवा क्षेत्राक वेफ तीव्र विकास वेफ लिए उत्तरदायी प्रमुख कारक कौन-से रहे हैं?
14. सुधार प्रक्रिया से कृषि क्षेत्राक दुष्प्रभावित हुआ लगता है? क्यों?
15. सुधार काल में औद्योगिक क्षेत्राक वेफ निराशाजनक निष्पादन वेफ क्या कारण रहे हैं?
16. सामाजिक न्याय और जन-कल्याण वेफ परिप्रेक्ष्य में भारत वेफ आर्थिक सुधारों पर
चर्चा करें।